भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने अपना 93वां स्थापना दिवस 16 जुलाई, 2021 को मनाया और इस अवसर पर किसान सारथी प्लेटफार्म का शुभारंभ किया. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस अवसर पर विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कारों की घोषणा की.
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि "कृषि और संबद्ध विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में परिषद के वैज्ञानिकों के अथक प्रयास और सराहनीय कार्य देश के लिए एक वास्तविक सम्मान हैं. उन्होंने कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भी आवश्यक खाद्य फसलों के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कृषि क्षेत्र की क्षमता पर जोर दिया".
किसान सारथी प्लेटफार्म और इसके फायदे के बारे में जानते हैं
डिजिटल प्लेटफॉर्म 'किसान सारथी' से किसान सीधे कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) के संबंधित वैज्ञानिकों से बातचीत कर सकते हैं और कृषि और संबद्ध क्षेत्रों पर व्यक्तिगत सलाह प्राप्त कर सकते हैं.
इसे केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री और केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री द्वारा संयुक्त रूप से लॉन्च किया गया था.
यह किसानों को उनकी अपनी इच्छित भाषा में 'सही समय पर सही जानकारी' प्राप्त करने की सुविधा के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है. किसान इसका उपयोग करके खेती के नए तरीके भी सीख सकते हैं.
कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) के बारे में
पहला KVK 1974 में पुडुचेरी में स्थापित किया गया था.
KVK योजना भारत सरकार द्वारा 100% वित्तपोषित है और KVK कृषि विश्वविद्यालयों, ICAR संस्थानों, संबंधित सरकारी विभागों और कृषि में काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों (NGOs) को स्वीकृत हैं.
KVK , राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रणाली (NARS) का एक अभिन्न अंग है.
इसका उद्देश्य प्रौद्योगिकी मूल्यांकन, शोध और प्रदर्शनों के माध्यम से कृषि और संबंधित उद्यमों में स्थान-विशिष्ट प्रौद्योगिकी मॉड्यूल का मूल्यांकन करना है.
KVK गुणवत्तापूर्ण तकनीकी उत्पादों (बीज, रोपण सामग्री, जैव-एजेंट, पशुधन) का भी उत्पादन करते हैं और इसे किसानों को उपलब्ध कराते हैं.
KVK प्रयोगशालाओं और खेत के बीच एक ब्रिज का काम करते हैं. सरकार के अनुसार, 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए ये प्लेटफार्म महत्वपूर्ण हैं.
अंत में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के बारे में जानते हैं
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (DARE), कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के तहत एक स्वायत्त संगठन है.
यह पहले इंपीरियल काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च के नाम से जाना जाता था.
यह 16 जुलाई 1929 को कृषि पर रॉयल कमीशन की रिपोर्ट के अनुसरण में सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत एक पंजीकृत सोसायटी के रूप में स्थापित किया गया था.
ICAR का मुख्यालय नई दिल्ली में है.
यह परिषद पूरे देश में बागवानी, मत्स्य पालन और पशु विज्ञान सहित कृषि में अनुसंधान और शिक्षा के समन्वय, मार्गदर्शन और प्रबंधन के लिए शीर्ष निकाय है.
ICAR ने अपने अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास के माध्यम से भारत में हरित क्रांति और उसके बाद के कृषि के विकास में अग्रणी भूमिका निभाई है, जिसने देश को खाद्यान्न के उत्पादन में वृद्धि करने में सक्षम बनाया है.
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