महासागरीय धाराएं महासागर के संचरण प्रणाली के क्षैतिज और लंबवत घटकों से बनी होती हैं जो कि गुरुत्वाकर्षण, हवा के घर्षण और समुद्र के विभिन्न भागों में पानी के घनत्व भिन्नता से उत्पन्न होती है। ऐसी जलधाराएं महासागर की सतह पर वर्ष भर एक निश्चित दिशा में चलती रहती हैं। तापमान के आधार पर महासागरीय धाराएं गर्म या ठंडी हो सकती हैं। भूमध्य रेखा के पास गर्म महासागरीय धाराएं बनती हैं और वे ध्रुवों की ओर चलती हैं। ठंडी धाराएं ध्रुव या उच्च अक्षांशों से उष्णकटिबंधीय या निम्न अक्षांशों की तरफ चलती हैं। उन्हें प्रवाह, गति और आकार की दिशा के आधार पर - बहाव, धारा और स्ट्रीम तीन भागों में वर्गीकृत किया जाता है।
विश्व के प्रमुख महासागरीय जलधाराओं की सूची
धाराओ के नाम | धाराओ की प्रकृति |
उत्तरी इक्वेटोरियल धारा | गर्म |
कुरोशियो धारा | गर्म |
उत्तरी प्रशांत महासागर धारा | गर्म |
अलास्का धारा | गर्म |
काउंटर इक्वेटोरियल कंट्रोल | गर्म |
एल नीनो धारा | गर्म |
सुशीमा धारा | गर्म |
दक्षिण इक्वेटोरियल धारा | गर्म |
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई धारा | गर्म |
हम्बोल्ट या पेरुवियन धारा | ठंडी |
कुरिल या ओया शियो धारा | ठंडी |
कैलिफोर्निया धारा | ठंडी |
अंटार्कटिका धारा | ठंडी |
ओहोत्स्क धारा | ठंडी |
फ्लोरिडा धारा | गर्म |
गल्फ स्ट्रीम | गर्म |
नार्वेजियन धारा | गर्म |
इरमेरिंग धारा | गर्म |
रैनलेल धारा | गर्म |
एंटिल्स धारा | गर्म |
ब्राज़ीलियाई धारा | गर्म |
लाब्राडोर धारा | ठंडी |
कैनरी धारा | ठंडी |
पूर्वी ग्रीनलैंड धारा | ठंडी |
बेंगुएला धारा | ठंडी |
अंटार्कटिका धारा | ठंडी |
फ़ॉकलैंड धारा | ठंडी |
मोजाम्बिक धारा | ठंडी और स्थिर |
अगुलहास धारा | ठंडी और स्थिर |
दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून धारा | ठंडी और अस्थिर |
उत्तर-पूर्व मॉनसून धारा | ठंडी और अस्थिर |
सोमाली धारा | ठंडी और अस्थिर |
पश्चिमी ऑस्ट्रेलियाई धारा | ठंडी और स्थिर |
दक्षिण हिंद महासागर धारा | ठंडी |
महासागरीय जलधाराएं जिस क्षेत्र से बहती वहाँ के तापमान की स्थितियों को प्रभावित करती हैं, जैसे-गर्म धाराएं सतह के तापमान को बढ़ा देती हैं। वैसे क्षेत्र जहां गर्म और ठंडी धाराएं मिलती हैं, दुनिया में मछली पकड़ने के सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र है। जापान का तटीय क्षेत्र और उत्तर अमेरिका का पूर्वी तट इसके उदाहरण हैं।
क्या आप जानते हैं उष्णकटिबंधीय चक्रवात और बाह्योष्णकटिबंधीय चक्रवात में क्या अंतर है?
Comments
All Comments (0)
Join the conversation