कम वायुमंडलीय दाब के चारों ओर गर्म हवाओं की तेज आंधी को चक्रवात कहते हैं। शब्द "चक्रवात" ग्रीक शब्द "साइक्लोस" से लिया गया है जिसका अर्थ है साँप की कुंडली। यह कम वायुमंडलीय दबाव वाले क्षेत्र में उत्पन्न होने वाले चक्रवात हैं जिसे उष्णकटिबंधीय चक्रवात या बाह्योष्णकटिबंधीय चक्रवात कहते हैं। दोनों प्रकार के चक्रवात उत्तरी गोलार्ध में वामावर्त (counter-clockwise) तथा दक्षिणी गोलार्ध में दक्षिणावर्त (clockwise) रूप में संचारित होते हैं।
उष्णकटिबंधीय चक्रवात (Tropical Cyclone) किसे कहते हैं?
उष्णकटिबंधीय चक्रवात एक घूमने वाली अत्यधिक निम्नदाब वाली वायु प्रणाली है जो एक केंद्र के चारों ओर घूमता हुआ समुद्र की सतह पर प्रतिदिन लगभग 300 से 500 कि.मी की गति से बढ़ता है। यह कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच उत्पन्न होने वाली चक्रवात हैं।
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बाह्योष्णकटिबंधीय चक्रवात (Extra-tropical Cyclone) किसे कहते हैं?
बाह्योष्णकटिबंधीय चक्रवात एक निम्नदाब वाली वायु प्रणाली है जो मुख्य रूप से वातावरण में मौजूद क्षैतिज तापमान से अपनी ऊर्जा प्राप्त करता है। यह मध्य एवं उच्च अक्षांशों के बीच उत्पन्न होने वाला निम्न वायुदाब वाला चक्रवात है। इस तरह के चक्रवात को लहर चक्रवात या मध्य अक्षांश चक्रवात भी कहते हैं।
उष्णकटिबंधीय चक्रवात (Tropical Cyclone) और बाह्योष्णकटिबंधीय चक्रवात (Extra-tropical Cyclone) में अंतर
आधार | उष्णकटिबंधीय चक्रवात (Tropical Cyclone) | बाह्योष्णकटिबंधीय चक्रवात (Extra-tropical Cyclone) |
विशिष्ट गुण | यह कर्क एवं मकर रेखाओं के बीच में उत्पन्न होता है। इसकी मुख्य बात यह है कि ये सागरों के मध्य बहुत सक्रिय होते हैं, लेकिन स्थल पर पहुँचते-पहुँचते क्षीण हो जाते हैं । इसलिए ये महाद्वीपों के तटीय भागों पर ही अधिक प्रभावी रह पाते हैं। ये चक्रवात मुख्यतः 5 डिग्री से 15 डिग्री अक्षांशों के बीच दोनों गोलाद्र्धों में महासागरों के ऊपर उत्पन्न होते हैं।
| साइक्लोजेनेसिस या एक्सट्रैट्रोपिकल संक्रमण के माध्यम से उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों ( भूमध्य रेखा से 30 डिग्री और 60 डिग्री अक्षांश के बीच) उत्पन्न हुए चक्रवात को बाह्योष्णकटिबंधीय चक्रवात कहते हैं। वायुमंडल में इनकी ऊँचाई 10 से 12 किलोमीटर तथा लम्बाई 160 किलोमीटर से 3200 किलोमीटर तक होती है । इनकी औसत गति ग्रीष्म में 32 किलोमीटर तथा शीत में 48 किलोमीटर प्रतिघंटा होती है।
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विन्यास (संरचना) | समुद्र का अधिक गर्मं तापमान, उच्च सापेक्ष आद्रता एवं वायु मण्डलीय अस्थिरता का आपस में संयोजन, उष्णकटिबंधीय चक्रवात का प्रमुख कारण है। | यह चक्रवात धु्रवीय क्षेत्रों से आने वाली हवाओं का मिलन उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों से आने वाली हवाओं के संयोजन से उत्पन्न होता है। |
दिशा | यह पूर्व से पश्चिम की ओर चलता है। | यह पश्चिम से पूर्व की ओर चलता है। |
चक्रवात की प्रकृति | प्रचंड तूफ़ान | स्थिर तूफ़ान |
प्रकार | गर्म वायु प्रणाली | शीत वायु प्रणाली |
चक्रवात किसी भी निम्न वायु दाब क्षेत्र जहाँ बाहर से हवाएं भीतर (केंद्र) की ओर चक्कर काटती हुयी उत्पन्न बड़े वायु प्रणाली को नामित किया जा सकता है। ये हवाएं उत्तरी गोलार्द्ध में वामावर्त दिशा में (anti-clock wise) और दक्षिणी गोलार्द्ध में दक्षिणावर्त दिशा में (clock-wise) घूमती हुई चलती हैं। यह भूमध्य रेखा प् उत्पन्न इसलिए नहीं होती क्युकी यहाँ कोरिओलिस बल शून्य होता है तथा वायु यहाँ समतल बहती है।
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