ब्रह्मांड में कुल कितनी आकाशगंगा हैं, जानें

Dec 5, 2025, 16:49 IST

1920 के दशक में एडविन हबल की खोज ने यह साबित किया कि हमारी आकाशगंगा (मिल्की वे) के बाहर भी दूसरी गैलेक्सी मौजूद हैं। इस खोज ने ब्रह्मांड के बारे में हमारी सोच को पूरी तरह से बदल दिया। ये गैलेक्सी सर्पिल, अंडाकार या अनियमित आकार की होती हैं और विशाल समूह और धागे जैसी संरचनाएं बनाती हैं। यही संरचनाएं ब्रह्मांड का नक्शा तैयार करती हैं। गैलेक्सी आपसी टक्करों और नए तारों के बनने से लगातार विकसित होती रहती हैं। ये डार्क मैटर, ब्लैक होल और ब्रह्मांड के विस्तार को समझने के लिए बहुत जरूरी हैं।

आकाशगंगा
आकाशगंगा

एक अनुमान के मुताबिक, ब्रह्मांड में खरबों गैलेक्सी मौजूद हैं। हर गैलेक्सी इस विशाल ब्रह्मांड में तारों, गैस, धूल और डार्क मैटर का एक द्वीप है और हर गैलेक्सी अपने आप में अनोखी होती है। उनकी यही विविधता खगोल विज्ञान और ब्रह्मांड के विशाल आकार को समझने का एक बहुत जरूरी हिस्सा है।

गैलेक्सी की खोज कैसे हुई?

कुछ समय पहले तक खगोलविद यह मानते थे कि मिल्की वे ही पूरा ब्रह्मांड है। लेकिन, 1920 के दशक में एडविन हबल के ऐतिहासिक काम के बाद यह साबित हुआ कि दूसरी गैलेक्सी भी मौजूद हैं। हबल ने शक्तिशाली दूरबीनों का इस्तेमाल करके यह दिखाया कि जिन्हें "स्पाइरल नेबुला" (spiral nebulae) कहा जाता था, वे असल में हमारी गैलेक्सी से बहुत दूर स्थित दूसरी गैलेक्सी हैं।

गैलेक्सी के प्रकार और उनकी संरचना

गैलेक्सी मुख्य रूप से तीन तरह की होती हैं—सर्पिल (spiral), अंडाकार (elliptical) और अनियमित (irregular)। हमारी अपनी गैलेक्सी, मिल्की वे, एक सर्पिल गैलेक्सी है। इसमें गुरुत्वाकर्षण से बंधे हुए लगभग 200 अरब तारे हैं। दूसरी गैलेक्सी गोलाकार, अंडाकार या बिना किसी निश्चित आकार की हो सकती हैं। हर गैलेक्सी का आकार उसकी आंतरिक शक्तियों, तारों के बनने और पड़ोसी गैलेक्सी के साथ आपसी क्रिया से तय होता है।

सही संख्या का अनुमान लगाना

पहले के सर्वेक्षणों में गैलेक्सी को रात के आसमान में सिर्फ रोशनी के धब्बे जैसा माना जाता था। हबल स्पेस टेलीस्कोप ने इस सोच में एक बड़ा बदलाव लाया। इसकी मदद से जब खाली दिखने वाली जगह को देखा गया, तो वहां हजारों धुंधली गैलेक्सी दिखाई दीं। इसी आधार पर खगोलविदों ने अनुमान लगाया है कि देखे जा सकने वाले ब्रह्मांड में 100 अरब गैलेक्सी हैं। हालांकि, कुछ का अनुमान है कि यह संख्या 200 अरब से भी ज्यादा हो सकती है, क्योंकि टेलीस्कोप अब और भी धुंधली और दूर की गैलेक्सी का पता लगा सकते हैं।

ब्रह्मांड में गैलेक्सी का वितरण

गैलेक्सी ब्रह्मांड में समान रूप से नहीं फैली हुई हैं। वे समूह (क्लस्टर), महासमूह (सुपरक्लस्टर) और कॉस्मिक फिलामेंट बनाती हैं, जिनके बीच बहुत बड़े खाली स्थान होते हैं। यह वितरण खगोलविदों को ब्रह्मांड के विस्तार का मॉडल बनाने में मदद करता है। इससे ब्रह्मांड के विकास में डार्क मैटर और ऊर्जा की भूमिका को समझने में भी सहायता मिलती है।

ब्रह्मांड में गैलेक्सी

गैलेक्सी गतिशील होती हैं। वे तारों के बनने, आपसी टक्करों और सुपरमैसिव ब्लैक होल की आपसी क्रिया के कारण लगातार बदलती रहती हैं। सक्रिय गैलेक्सी बहुत ज्यादा ऊर्जा पैदा करती हैं। वे हमें ब्लैक होल के विज्ञान और गैलेक्सी के विकास के बारे में जानकारी देती हैं। इनसे उन सिद्धांतों को बनाने में मदद मिलती है, जो यह बताते हैं कि ब्रह्मांड अपने जन्म के बाद कैसे फैला।

गैलेक्सी की विशाल संख्या और उनका आकार ब्रह्मांड की विशालता का प्रमाण है। हर गैलेक्सी, चाहे वह सर्पिल, अंडाकार या अनियमित हो, ब्रह्मांड के बारे में एक नई कहानी बताती है। यह आने वाली पीढ़ियों को लगातार खोज और आविष्कार करने के लिए प्रेरित करती है।

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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