भारत में लगभग 550 जनजातियां हैं। 1951 की जनगणना के अनुसार, देश की कुल जनसंख्या का 5.6% आदिवासी थे। जनगणना-2011 के अनुसार भारत में अनुसूचित जनजातियों की संख्या 10, 42, 81,034 है।
यह भारत की कुल जनसंख्या का 8.6% है। वहीं, 2001 की जनगणना के अनुसार, यह भारत की कुल जनसंख्या का 8.2% थी।। अनुसूचित जनजातियों के कुल 9,38,19,162 लोग ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करते हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में 1,04,61,872 लोग निवास करते हैं। अनुसूचित जनजाति ग्रामीण क्षेत्रों की कुल जनसंख्या का 11.3% और शहरी क्षेत्रों का 2.8% है।
2001-2011 के दौरान भारत की जनसंख्या की दशकीय वृद्धि दर 17.64% थी। इस अवधि के दौरान अनुसूचित जनजातियों की दशकीय वृद्धि दर 23.7% थी। ग्रामीण क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों की दशकीय वृद्धि दर कम (21.3%) थी, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह अधिक (49.7%) थी।
- जनगणना-2011 के अनुसार (घटते क्रम में) अनुसूचित जनजातियों का अधिकतम अनुपात वाले राज्य और केंद्र शासित प्रदेश- लक्षद्वीप (94.8%) > मिजोरम (94.4%) > नागालैंड (86.5%) > मेघालय (86.1%) > अरुणाचल प्रदेश ( 68.8%)।
- जनगणना-2011 के अनुसार, (बढ़ते क्रम में) अनुसूचित जनजातियों का न्यूनतम अनुपात रखने वाले राज्य और केंद्र शासित प्रदेश - उत्तर प्रदेश (0.6%) <तमिलनाडु (1.1%) <बिहार (1.3%) <केरल (1.5%) <उत्तराखंड (2.9%) [पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और पुडुचेरी में अनुसूचित जनजातियों की कोई आबादी नहीं है।]
अनुसूचित जनजातियों की राज्यवार जनसंख्या का प्रतिशत
राज्य | अनुसूचित जनजाियों की जनसंख्या (लाख में) | देश की आबादी में प्रतिशत |
मध्य प्रदेश | 152.3 | 14.70% |
महाराष्ट्र | 105.3 | 10.10% |
ओडिसा | 95.9 | 9.20% |
राजस्थान | 92.8 | 8.90% |
गुजरात | 89.6 | 8.60% |
झारखंड | 86.5 | 8.30% |
छत्तीसगढ | 78.2 | 7.50% |
लिंगानुपात अनुसूचित जनजाति
2011 की जनगणना के अनुसार भारत में लिंगानुपात 943 है, जबकि अनुसूचित जनजातियों में यह 990 है। भारत में बच्चों (0-6 आयु वर्ग) का लिंगानुपात 919 है, जबकि अनुसूचित जनजातियों में यह 957 है।
अनुसूचित जनजातियों में लिंग अनुपात गोवा (1046), केरल (1025), अरुणाचल प्रदेश (1032), ओडिशा (1029) और छत्तीसगढ़ (1020) में महिलाओं के पक्ष में है।
जम्मू और कश्मीर (924) में अनुसूचित जनजातियों में लिंगानुपात देश में सबसे कम है।
अनुसूचित जनजातियों की साक्षरता
2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में साक्षरता की दर 72.99% है, जबकि अनुसूचित जनजातियों में यह 59% है।
राज्य-वार, अनुसूचित जनजातियों में साक्षरता की दर मिजोरम में सबसे अधिक (91.7%) और आंध्र प्रदेश में सबसे कम (49.2%) है।
केंद्र शासित प्रदेशों में, अनुसूचित जनजातियों में साक्षरता की उच्चतम दर लक्षद्वीप (91.7%) में है।
भारत में प्रमुख जनजातियां (राज्यवार)
राज्य | प्रमुख जनजातियां |
अरुणाचल प्रदेश | आपतानी, मिश्मी, डफला, मिरी, आका, सिंफो, खामती आदि। |
असम | चकमा, मिकिर, कचहरी, बोरा आदि |
मेघालय | गारो, खासी, जयंतिया, हमार आदि |
नगालैंड | अंगामी, कोन्याक, लोथा आदि |
मणिपुर | कुकी, लेपचा, मुघ आदि |
त्रिपुरा | भूटिया, चकमा, गारो, कुकी आदि |
मिजोरम | मिजो, लखेर आदि |
पश्चिम बंगाल | असुर, भूमिज, बिरहोर, लोढा, लेप्चा, माघ, |
झारखंड | संथाल, पहाड़िया, मुंडा, हो, बिरहोर, उरांव, |
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड | थारू, भाटिया, जौनसारी, भोक्षा, राजी, खासा, |
ओडिशा | जुआंग, सवारा, करिया, खोंड, कंध आदि |
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ | पहाड़ी मारिया, मुरिया, दंडामी, गोंड, बैगा। परजा, भट्टरा, अगरिया, भील, सहरिया। कोरवा, हलबा आदि |
हिमाचल प्रदेश | गद्दी, गुर्जर, किन्नर आदि |
जम्मू और कश्मीर | गद्दी, बकरवाल आदि |
राजस्थान Rajasthan | भील, मीना। कठोरिया, गरासिया आदि |
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना | चेंचू, यंदई, कुरुम्बा, खोंड, बगदाज, कोया, बागता, गदाबा आदि |
केरल | इरुला, कुरुम्बा, कादर, पुलियान आदि |
तमिलनाडु | टोडा, कोटा, कुरुम्बा, बडगा आदि |
अंडमान और निकोबार | ग्रेट अंडमानी, निकोबारी, ओंगे, जारवा, |
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