उत्तर प्रदेश देश का चौथा सबसे बड़ा राज्य है, जो अपनी विविध संस्कृति और अनूठी परंपराओं के लिए जाना जाता है। यहां का समृद्ध इतिहास इसे अन्य राज्यों से अलग बनाता है। राज्य की सांस्कृतिक विरासत और अनूठी परंपराएं इसे भारत के परिचय में विशेष स्थान देती है।
आपने प्रदेश के अलग-अलग जिलों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। यूपी पूरे भारत का सबसे अधिक जिले वाला राज्य है। यहां कुछ जिले अधिक विकसित हैं, तो कुछ जिले विकासशील जिलों की श्रेणी में हैं। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि यूपी का सबसे विकसित जिला कौन-सा है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
यूपी में कुल कितने जिले हैं
उत्तर प्रदेश में कुल 75 जिले हैं, जो कि 18 मंडलों में आते हैं। इसके अतिरिक्त, यहां कुल 351 तहसील, 17 नगर निगम, 75 नगर पंचायत, 28 विकास प्राधिकरण और 58 हजार से अधिक ग्राम पंचायत मौजूद हैं।
विकसित जिले से क्या है संबंध
सबसे विकसित जिले का निर्धारण विभिन्न मापदंडों से होता है, जैसे बुनियादी ढांचे में शामिल सड़कें, बिजली और पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, कनेक्टिविटी, जीवन स्तर और प्रति व्यक्ति आय आदि।
कौन-सा जिला है सबसे विकसित
अब सवाल है कि यूपी का कौन-सा जिला सबसे विकसित है। आपको बता दें कि यूपी का गौतमबुद्ध नगर जिला सबसे विकसित जिला के तौर पर गिना जाता है।
क्यों है सबसे विकसित जिला
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) का हिस्सा
गौतमबुद्ध नगर जिला दिल्ली-एनसीआर का हिस्सा है, जिससे यहां व्यापार और निवेश के अधिक अवसर हैं।
कनेक्टिविटी
गौतमबुद्ध नगर में नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे का लिंक है। वहीं, यहां मेट्रो कनेक्टिविटी भी अच्छी है। नोएडा को न्यू ओखला इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (NOIDA) द्वारा विकसित किया गया है। ऐसे में यहां सड़कों से लेकर पार्क तक सुनियोजित हैं।
व्यावसायिक हब के रूप में पहचान
नोएडा में कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां, आईटी कंपनयियां और कई बड़े मीडिया हाउस हैं, जिससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला हुआ है। यही वजह है कि यहां देश के अलग-अलग राज्यों से लोग आकर रह रहे हैं।
यूपी का सबसे पढ़ा-लिखा जिला
यूपी का गौतमबुद्ध नगर जिला प्रदेश का सबसे पढ़ा-लिखा जिला है। साल 2011 की जनगणना में यहां की साक्षरता दर 80.1 फीसदी दर्ज की गई थी, जो कि पूरे यूपी में सर्वाधिक थी। इसमें 88 फीसदी पुरुष, तो करीब 76 फीसदी महिलाएं साक्षर हैं। इसके बाद कानपुर, औरेया, इटावा और गाजियाबाद जैसे शहर साक्षरता के मामले में यूपी में पहचान रखते हैं।
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