भारत के उत्तर में उत्तराखंड राज्य की गिनती प्रमुख राज्यों में होती है। भारत का यह पहाड़ी राज्य अपनी अद्भुत और अविस्मृरणीय प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ कई धार्मिक नगरियों का घर भी है। यही वजह है कि हर साल यहां बड़ी संख्या में देशी-विदेशी सैलानी पर्यटन के लिए पहुंचते हैं।
इसके साथ ही यह राज्य कई रोमांचकारी खेलों के लिए भी जाना जाता है, जिसमें नौकायान से लेकर बंजी जंपिंग तक शामिल है। उत्तराखंड राज्य का गठन उत्तर प्रदेश से अलग कर किया गया था। आपने उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि उत्तराखंड का सबसे साक्षर जिला कौन-सा है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
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उत्तराखंड का परिचय
सबसे पहले हम उत्तराखंड के बारे में जान लेते हैं। आपको बता दें कि उत्तराखंड को अलग राज्य बनाने को लेकर लोकसभा में 1 अगस्त, 2000 में बिल पास किया गया था। लोकसभा से मंजूरी मिलने के बाद इस बिल को 10 अगस्त, 2000 में राज्य सभा से मंजूरी मिल गई थी।
वहीं, संसद के दोनों सदनों से बिल को मंजूरी मिलने के बाद 28 अगस्त, 2000 में तत्कालीन राष्ट्रपति के.आर नारायण द्वारा बिल को अंतिम मंजूरी मिल गई थी। इसके बाद 9 नवंबर, 2000 में इस राज्य को उत्तर प्रदेश से अलग कर एक नए राज्य के रूप में स्थापित किया गया था। उस समय इस राज्य को उत्तरांचल कहा जाता था। बाद में इसका नाम उत्तराखंड कर दिया गया।
उत्तराखंड में कुल कितने जिले हैं
अब सवाल है कि उत्तराखंड में कुल कितने जिले हैं। आपको बता दें कि उत्तराखंड को उत्तर प्रदेश से 13 जिलों के साथ अलग कर नए राज्य के रूप में स्थापित किया गया था। यहां 110 तहसील और दो मंडल हैं, जिसमें गढ़वाल और कुमाऊं मंडल हैं। इसके अलावा यहां 41 नगर पंचायत और 41 नगर परिषद् होने के साथ-साथ 13 जिला पंचायत और 7791 ग्राम पंचायतें भी हैं।
उत्तराखंड का सबसे साक्षर जिला
उत्तराखंड में कुल साक्षरता की बात करें, तो यहां की कुल औसत साक्षरता दर 78.82 फीसदी है। इनमें से 87.40 फीसदी पुरुष और 70 फीसदी महिला साक्षर हैं। वहीं, उत्तराखंड के सबसे साक्षर जिले की बात करें, तो यह देहरादून है, जहां की कुल साक्षरता दर 84.25 फीसदी है।
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