भारत में नोटों को छापने का अधिकार रिज़र्व बैंक के पास है जबकि सिक्कों को बनाने के काम वित्त मंत्रालय के निर्देश पर किया जाता है हालाँकि सिक्कों को बाजार में रिज़र्व बैंक ही उतारता है. अभी तक बाजार में 1,2,5,10 रुपये के सिक्के चलन में हैं और जल्दी ही इस कड़ी में 20 रुपये का सिक्का भी जुड़ने जा रहा है. वर्तमान में भारत में सिक्का बनाने का काम सिक्का अधिनियम, 2011 के अनुसार किया जाता है.
वर्तमान में भारत में चार जगहों पर सिक्के ढाले जाते हैं;
1. मुंबई
2. कोलकाता
3. हैदराबाद
4. नोएडा
20 का नया सिक्का देश के लिए सिक्कों का निर्माण इन सभी टकसालों में हो चुका है और बाजार में भेजने की तैयारी भी हो चुकी है. मुंबई टकसाल ने भारतीय रिजर्व बैंक को करीब 10 लाख सिक्कों की खेप दे दी है, और जल्द ही सिक्के क्षेत्रीय कार्यालयों में पहुंच जाएंगे और वहां से बैंकों के लिए जारी होंगे.
दरअसल PM मोदी ने पिछले वर्ष दिव्यांगजन मैत्री सीरीज के तहत 1 रुपये, 2 रुपये, 5 रुपये, 10 रुपये और 20 रुपये के सिक्कों का अनवारण किया था लेकिन 20 रुपये का सिक्का चलन में नहीं आ पाया था. इसलिए अब इस सिक्के को बाजार में उतारा जा रहा है;
भारत में 20 रुपये के सिक्के के बारे में;
20 रूपये के सिक्के का आकार (What is the shape of 20 rupees coin)
देखने यह सिक्का बिल्कुल वैसा ही लगता है जैसे कि पुराने समय का 2 रुपये का फलक वाला सिक्का होता था. इस नए सिक्के में 12 फलक हैं.
इस सिक्के का निर्माण भी 10 रुपये के सिक्के की तरह ही दो डिस्क में तैयार किया गया है.सिक्के की बाहरी डिस्क 65% तांबा, 20% निकिल और 15% जस्ता के मिश्र धातु से बनी है जबकि अंदरूनी डिस्क 75% तांबा, 20% जस्ता और 5% निकिल के मिश्रधातु से तैयार की गई है. इस सिक्के का कुल वजन 8.54 ग्राम है जबकि गोलाई 27 मिलीमीटर है
20 रूपये के सिक्के पर लिखावट
सिक्के के दूसरे पहलू पर अशोक स्तम्भ बना है और उसके नीचे सत्यमेव जयते लिखा है. अशोक स्तंभ के दायें तरफ हिंदी में ‘भारत’ और बाएं भाग में अंग्रेजी में ‘इंडिया’लिखा है. सिक्के के अंदर के भाग में रुपये का नया सिंबल भी बना है जिसमें 20 भी लिखा है. भारत एक कृषि प्रधान देश है इसलिए इसके एक भाग पर गेंहू की बाली को भी दिखाया गया है.
अतः भारत सरकार द्वारा एक ही डिजाईन के सिक्के शुरू करना एक स्वागत योग्य कदम कहा जा सकता है क्योंकि इससे दृष्टिहीन लोगों को सिक्कों को पहचानने में सुविधा होगी. अब देखने वाली बात यह है कि क्या सरकार इस सिक्के के डुप्लीकेट सिक्के को बाजार में आने से रोक लगा पाती है या नहीं. यह निश्चित रूप से सरकार के लिए एक चैलेंज होगा.
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