Ram Mandir pran-pratishtha: पीएम नरेन्द्र मोदी 22 जनवरी, 2024 को दोपहर लगभग 12 बजे अयोध्या में नवनिर्मित श्री राम जन्मभूमि मंदिर में श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भाग ले रहे है. इससे पहले अक्टूबर, 2023 में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से निमंत्रण मिला था. इस ऐतिहासिक धार्मिक उत्सव का साक्षी बनने के लिए भारी संख्या में राम भक्त पहले ही अयोध्या पहुंच गए है.
इस ऐतिहासिक प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देश के सभी प्रमुख आध्यात्मिक और धार्मिक संप्रदायों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे है. इस अवसर पर प्रधानमंत्री इस विशिष्ट सभा को संबोधित भी करेंगे.
पीएम मोदी का लाइव भाषण यहां देखें:
क्या है पीएम मोदी का पूरा अयोध्या शेड्यूल:
पीएम मोदी आज सुबह 10:25 अयोध्या पहुंच जायेंगे, जिसके बाद वह सीधे मंदिर परिसर में प्रवेश करेंगे. जिसके बाद प्रधानमंत्री श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण से जुड़े श्रमजीवियों से संवाद करेंगे.
इसके बाद पीएम मोदी 11:30 से 12:30 तक श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भाग लेंगे. इसके बाद प्रधानमंत्री कुबेर टीला भी जाएंगे, जहां भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है. वह इस पुनर्निर्मित मंदिर में पूजा और दर्शन भी करेंगे.
‘एक भारत,श्रेष्ठ भारत’ की मिसाल बनी अयोध्यानगरी:
यह गौरवमय मंदिर भारत की एकता और भक्ति का प्रतीक बन गया है जो पीएम मोदी की 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' पहल को चरितार्थ करता है. इस कार्यक्रम में देश और विदेशों से कुल मिलाकर 8000 से अधिक मेहमान शामिल हो रहे है जो इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनेंगे.
मंदिर निर्माण में हर राज्य का सहयोग:
- अयोध्या का राम मंदिर राजस्थान के मकराना संगमरमर की प्राचीन श्वेत शोभा से सुसज्जित है. इस मंदिर में देवताओं की उत्कृष्ट नक्काशी कर्नाटक के चर्मोथी बलुआ पत्थर पर की गई है.
- भगवान राम की मूर्ति बनाने में इस्तेमाल किया गया काला पत्थर कर्नाटक से लाया गया था. वहीं नक्काशीदार लकड़ी के दरवाजे और हस्तनिर्मित संरचना में अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा राज्य का सहयोग है.
- मंदिर में गुजरात की उदारता उपहार स्वरूप 2100 किलोग्राम की शानदार अष्टधातु घंटी के रूप में दिखती है जिससे मंदिर परिसर दिव्य धुन में गूंजेगा. साथ ही गुजरात के अखिल भारतीय दरबार समाज द्वारा तैयार 700 किलोग्राम का रथ भी उपहार स्वरूप दिया है.
- मंदिर के लिए पीतल के बर्तन उत्तर प्रदेश से तो पॉलिश की हुई सागौन की लकड़ी महाराष्ट्र से लाई गयी है.
राम मंदिर का मुख्य आकर्षण:
- भव्य श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर शैली में किया गया है. इसकी लंबाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट है; चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है.
- मंदिर का आकर्षण 392 स्तंभों और 44 दरवाजों से और बढ़ जाता है. मंदिर के स्तंभों और दीवारों पर हिंदू देवी-देवताओं और देवियों के सुन्दर चित्रण प्रदर्शित किये गए हैं. भूतल पर मुख्य गर्भगृह में भगवान श्री राम के बचपन के स्वरूप (श्री रामलला की मूर्ति) को रखा गया है.
- मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार पूर्वी दिशा में स्थित है, जहाँ सिंह द्वार के माध्यम से 32 सीढ़ियाँ चढ़कर पहुंचा जा सकता है.
- मंदिर में कुल पाँच मंडप (हॉल)- नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप का निर्माण किया गया है. मंदिर के पास एक ऐतिहासिक कुआँ (सीता कूप) है, जो प्राचीन काल का है.
- मंदिर परिसर के दक्षिण-पश्चिमी भाग में, कुबेर टीला में, भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है, साथ ही जटायु की एक मूर्ति भी स्थापित की गई है.
- मंदिर की नींव का निर्माण रोलर-कॉम्पैक्ट कंक्रीट (RCC) की 14 मीटर मोटी परत से किया गया है, जो इसे कृत्रिम चट्टान का रूप देता है. मंदिर में कहीं भी लोहे का प्रयोग नहीं किया गया है. मंदिर का निर्माण देश की पारंपरिक और स्वदेशी तकनीक से किया गया है.
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