Sharad Purnima: हिंदू धर्म में अश्विन माह की पूर्णिमा तिथि का अधिक महत्त्व है। क्योंकि, यह दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित है। इस दिन को हम शरद पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं और इस अवसर पर साधक शुभ मुर्हूत में गंगा स्नान करने के बाद दान आदि करते हैं और रात में चांद की रोशनी में खीर को रखने के बाद अगले दिन इसका सेवन करते हैं। ऐसे में यहां यह जानना जरूरी है कि इस पर्व पर चांद कब निकलेगा और छात्रों के लिए मां लक्ष्मी का कौन-सा मंत्र लाभकारी है। इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
कब से कब तक है शरद पूर्णिमा 2024
सबसे पहले आपको बता दें कि शरद पूर्णिमा को हम कोजागरी पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। पूर्णिमा के मुर्हूत की बात करें, तो यह 16 अक्टूबर की रात 7 बजकर मिनट से होगी और 17 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 22 मिनट तक रहेगी। ऐसे में पूर्णिमा की रात 16 अक्टूबर को ही रहेगी।
छात्रों के लिए मां लक्ष्मी का मंत्र
इस अवसर पर कई छात्र मां लक्ष्मी की पूजन करते हैं, जिससे उनके जीवन में शिक्षा के साथ-साथ धन और सौभाग्य की प्राप्ति हो। इसके लिए मंत्र की बात करें, तो वह यह है
- ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊं महालक्ष्मी नमः
-ऊं एं क्लीं सोमाय नमः
-ऊं श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः
-ऊं चं चंद्रमस्यै नमः
क्या है आज चंद्रोदय का समय (Moon Rising Timing Today)
शदर पूर्णिमा के अवसर पर चंद्रोदय का विशेष महत्त्व है। ऐसे में सभी साधकों को चंद्रोदय के सही समय को लेकर दुविधा है। इस लेख के माध्यम से हम जान लेते हैं कि आज शाम 5 बजकर 5 मिनट पर चंद्रोदय हो जाएगा, लेकिन चांद को अर्घ्य देने का समय 8 बजकर 41 मिनट के बाद होगा। क्योंकि, इतने समय बाद ही शरद पूर्णिमा शुरू होगी।
Moon Rising today: क्या है खीर रखने का समय
इस पर्व के अवसर पर हिंदू धर्म में चांद की रोशनी में खीर रखने की परंपरा है। पंडित व शास्त्रियों के मुताबिक, चांद की रोशनी में खीर रखने का समय 8 बजकर 41 मिनट बताया गया है।
Chand nikalne ka time today: कब निकलेगा चांद
भारत के अलग-अलग शहरों में शरद पूर्णिमा के अवसर पर चांद निकलने का समय भी अलग-अलग है। हालांकि, चांद निकलने की शुरुआत 5 बजकर 5 मिनट से शुरू होगी।
Moonrise timing in Delhi: दिल्ली में चांद निकलने का समय
दिल्ली में चांद निकलने का समय 5 बजकर 5 मिनट है। हालांकि, पूजा का समय 8 बजकर 40 मिनट के बाद शुरू होगा।
Moonrise timing in Noida: नोएडा में कब निकलेगा चांद
शरद पूर्णिमा के अवसर पर नोएडा में चांद निकलने का समय भी 5 बजकर 5 मिनट है। हालांकि, पूजा का समय वही 8 बजकर 40 मिनट के बाद शुरू होगा।
Moonrise Timing in Chandigarh: चंदीगढ़ में कब निकलेगा चांद
शरद पूर्णिमा के अवसर पर चंडीगढ़ में चांद निकलने का समय 5 बजकर 6 मिनट है। हालांकि, पूजा का समय 8 बजकर 41 मिनट से शुरू होगा। क्योंकि, शरद पूर्णिमा 8 बजकर 40 मिनट पर लगेगी।
Moonrise Timing in Lucknow: लखनऊ में कब निकलेगा चांद
लखनऊ में चांद निकलने का समय 4 बजकर 50 मिनट है। इतने बजे से ही यहां चांद दिख रहा है, लेकिन पूजा का समय 8 बजकर 40 मिनट से है।
Chand nikalne ka time : क्या है शरद पूर्णिमा का महत्त्व
शरद पूर्णिमा को हिंदू कैलेंडर में आध्यात्मिक रूप से सबसे शक्तिशाली रातों में से एक माना जाता है। इस पूर्णिमा की रात को देवताओं से आशीर्वाद लेने, स्वास्थ्य, समृद्धि और खुशी के लिए प्रार्थना करने और भक्ति गतिविधियों में संलग्न होने के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है। भारत के कई हिस्सों में यह माना जाता है कि शरद पूर्णिमा पर पूर्णिमा की किरणों में उपचारात्मक गुण होते हैं और जो लोग इसकी रोशनी में स्नान करते हैं, उनके लिए सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं।
शरद पूर्णिमा पर एक विशेष परंपरा खीर बनाने की है, जो चावल, दूध और चीनी से बनी एक मीठी डिश है, जिसमें कभी-कभी इलायची, मेवे और किशमिश भी मिलाई जाती है। खीर को चांदनी के नीचे बाहर छोड़ दिया जाता है, क्योंकि आयुर्वेद और हिंदू मान्यताओं के अनुसार, इस रात चंद्रमा की किरणों में उपचारात्मक शक्तियां होती हैं। चांद के नीचे कुछ घंटों तक रहने के बाद खीर को अगली सुबह परिवार के सदस्यों के साथ एक पवित्र और पौष्टिक उपचार के रूप में साझा किया जाता है।
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