भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में 18 दिनों के ऐतिहासिक अभियान के बाद धरती पर सुरक्षित वापसी कर रहे है। Axiom-4 (Ax-4) मिशन के तहत वे ISS जाने वाले पहले भारतीय बने हैं और राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले भारत के दूसरे व्यक्ति हैं।
Ax-4 मिशन को ह्यूस्टन स्थित निजी कंपनी Axiom Space ने संचालित किया। इसमें नासा, इसरो, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) और SpaceX का सहयोग शामिल रहा।
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Shubhanshu Shukla Return Time ड्रैगन यान से प्रशांत महासागर में होगा स्प्लैशडाउन:
Shubhanshu Shukla Return Time: ग्रुप कैप्टन शुक्ला और उनके साथी अंतरिक्ष यात्रियों ने 14 जुलाई 2025 को भारतीय समयानुसार शाम 4:30 बजे ISS से स्पेसX के ड्रैगन अंतरिक्ष यान में सवार होकर वापसी यात्रा शुरू की है। इसके लिए उनके वापसी यान की सघन जांच की गई और हैच सील को अच्छी तरह बंद किया गया है।
धरती पर कब होंगे लैंड:
Shubhanshu Shukla Return Time ड्रैगन यान ने तय रूट पर चलते हुए पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश किया। इस दौरान तापमान 1,600 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। पहले 5.7 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्टेबिलाइजिंग पैराशूट और फिर 2 किलोमीटर की ऊंचाई पर मुख्य पैराशूट खुलते हैं। स्प्लैशडाउन प्रशांत महासागर में कैलिफोर्निया तट के पास 15 जुलाई को भारतीय समयानुसार दोपहर 3 बजे के आसपास होने की उम्मीद है।
लैंडिंग के बाद किस प्रकार की होगी जाँच:
कैप्सूल के पानी में उतरते ही एक विशेष रेस्क्यू शिप शुक्ला और उनके दल को तुरंत सुरक्षित निकालेगा। इसके बाद सभी की मेडिकल जांच और प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल की जाएगी। फिर ग्रुप कैप्टन शुक्ला को वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस ले जाकर डिब्रीफिंग और रिकवरी प्रोसेस शुरू किया जायेगा।
जांबाज पायलट से अंतरिक्ष तक का सफ़र:
लखनऊ में 10 अक्टूबर 1985 को जन्मे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 2006 में वायु सेना में फाइटर पायलट के रूप में शामिल हुए। उन्होंने मिग, सुखोई, डॉर्नियर, जगुआर और हॉक जैसे विमान उड़ाए हैं और उनके पास 2,000 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव है।
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भारत ने खर्च किये कितने करोड़:
इसरो ने ग्रुप कैप्टन शुक्ला के Ax-4 मिशन में सीट और उनके प्रशिक्षण के लिए 5 अरब रुपये (करीब 59 मिलियन डॉलर) खर्च किए हैं। इसरो का कहना है कि ISS पर उनकी यह व्यावहारिक अनुभव यात्रा भारत के भविष्य के मानव अंतरिक्ष अभियानों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी।
गगनयान मिशन के लिए अहम:
शुक्ला का यह अनुभव इसरो के आगामी गगनयान मिशन के लिए अहम माना जा रहा है। भारत 2027 में गगनयान के जरिए पहला मानव अंतरिक्ष मिशन भेजने की योजना बना रहा है। इसके अलावा 2035 तक देश का अपना अंतरिक्ष स्टेशन और 2040 तक चांद पर मानव मिशन भेजने की महत्वाकांक्षी योजना है। ग्रुप कैप्टन शुक्ला उन चार भारतीय वायु सेना अधिकारियों में शामिल हैं जिन्हें पिछले साल गगनयान के लिए चुना गया था।
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