बौद्ध धर्म, बुद्ध की शिक्षा, बौद्ध संगीति और बौद्ध धर्म में गिरावट के कारणों का संक्षिप्त विवरण

बौद्ध धर्म स्वभावतः नास्तिक है और वह लौकिक उन्नति और अवनति में विश्वास करता है| यहाँ हम बौद्ध धर्म का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कर रहे हैं जिससे छात्रों एवं बौद्ध धर्म के बारे में जानने को इच्छुक व्यक्तियों को बौद्ध धर्म, बुद्ध की शिक्षा, बौद्ध धर्म के प्रसार और भारतीय संस्कृति पर इसके योगदान के बारे में जानकारी प्राप्त होगी|

Dec 12, 2016, 16:17 IST

बौद्ध धर्म स्वभावतः नास्तिक है और वह लौकिक उन्नति और अवनति में विश्वास करता है| वह भगवान के अस्तित्व पर सवाल नहीं उठाता है, लेकिन उसका मानना है कि अलौकिक जैसी कोई चीज नहीं होती है| इसके अलावा बौद्ध धर्म का यह भी मत है कि मनुष्य के लिए किसी भी वस्तु को प्राप्त करना असंभव नहीं है|

यहाँ हम बौद्ध धर्म का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कर रहे हैं जिससे छात्रों एवं बौद्ध धर्म के बारे में जानने को इच्छुक व्यक्तियों को बौद्ध धर्म, बुद्ध की शिक्षा, बौद्ध धर्म के प्रसार और भारतीय संस्कृति पर इसके योगदान के बारे में जानकारी प्राप्त होगी|

गौतम बुद्ध 

1. उनका जन्म कपिलवस्तु के निकट लुम्बनी में हुआ था जो अब नेपाल में है|

2. उनका संबंध “शाक्य” वंश से था| उनके पिता का नाम “शुद्धोधन” और माता का नाम “मायादेवी” था|

3. इनके माता की मृत्यु के बाद इनका पालन-पोषण सौतेली माता प्रजापति गौतमी ने किया था|

4. इनका विवाह 16 वर्ष की आयु में “यशोधरा” से हुआ था| इनके पुत्र का नाम राहुल था|

5. तीन घटनाएं, एक रोगग्रस्त व्यक्ति, एक लाश और एक तपस्वी ने उन्हें सांसारिक जीवन से दूर जाने पर मजबूर कर दिया|

6. उन्होंने 29 वर्ष की उम्र में 'सत्य' की तलाश में घर छोड़ दिया, लेकिन अगले सात वर्षों तक उन्हें कोई फलदायक परिणाम नहीं प्राप्त हुआ|

7. 35 वर्ष की उम्र में कठिन तपस्या के बाद एक 'बोधिवृक्ष' के नीचे बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी जिसे 'निर्वाण' कहा जाता है|

8. उन्होंने अपना पहला उपदेश सारनाथ में दिया था|

9. उनकी मृत्यु 80 वर्ष की आयु में कुशीनगर में हुई थी|

10. सारिपुत्त, मोग्गलन, आनंद, कस्सप और उपलि बुद्ध के शिष्य थे|

11. कोसल के राजा प्रसेनजित एवं मगध के राजा बिम्बिसार और अजातशत्रु ने बौद्ध धर्म को अंगीकार किया था|

बुद्ध के उपदेश

1. बुद्ध के चार आर्यसत्य: दुनिया दुखों से भरी हुई है, इच्छा दुख का कारण है, इच्छा का त्याग करने से दुःख की समाप्ति होती है, इच्छा पर विजय प्राप्त करने में अष्टांगिक मार्ग से मदद मिलती है|

2. अष्टांगिक मार्ग के साधन हैं- सम्यक दृष्टि, सम्यक संकल्प, सम्यक वाणी, सम्यक कर्मान्त, सम्यक आजीव, सम्यक व्यायाम, सम्यक स्मृति एवं सम्यक समाधि|

3. बुद्ध के अनुसार मानव जीवन की हर परिस्थिति मनुष्य के स्वयं के कामों पर निर्भर करता है। इसलिए उन्होंने “कर्म के नियम” की वकालत की थी|

4. उन्होंने व्यावहारिक आचार संहिता और सामाजिक समानता के सिद्धांत पर जोर दिया था|

बौद्ध धर्म का प्रसार

1. बुद्ध के शिष्य दो प्रकार के होते थे- भिक्षुक और उपासक/उपासिका (आम भक्त)|

2. सारिपुत्त, मोग्गलन और आनंद बौद्ध धर्म के प्रमुख भिक्षु थे|

3. मौर्य सम्राट अशोक ने बुद्ध की मृत्यु के बाद बौद्ध धर्म को अंगीकार किया था|

बौद्ध संगीति (परिषद्)

1. बुद्ध की मृत्यु के तुरंत बाद बुद्ध की शिक्षाओं की पवित्रता को बनाए रखने के लिए महाकस्सप की अध्यक्षता में प्रथम बौद्ध संगीति का आयोजन राजगीर में किया गया था|

2. दूसरे बौद्ध संगीति का आयोजन वैशाली में किया गया था|

3. तीसरे बौद्ध संगीति का आयोजन अशोक के संरक्षण में पाटलिपुत्र में किया गया था जिसके अध्यक्ष मोगलीपुत्त तिस्स थे| इस संगीति में त्रिपिटक के अंतिम संस्करण को पूरा किया गया था|

4. चौथे बौद्ध संगीति का आयोजन कनिष्क के संरक्षण एवं वसुमित्र की अध्यक्षता में कश्मीर में आयोजित किया गया था| इस बौद्ध संगीति में बौद्ध धर्म की महायान शाखा का जन्म हुआ था|

बौद्ध धर्म के पतन के कारण

1. ब्राह्मणवाद का पुनरुद्धार और भागवत धर्म के उदय के कारण बौद्ध धर्म की लोकप्रियता में गिरावट आई।

2. महायान शाखा का जन्म, जिसने बुद्ध की शिक्षाओं के विपरीत मूर्ति पूजा को प्रचारित किया, जिसके कारण बौद्ध धर्म की नैतिक मूल्यों में गिरावट आई|

3. हूणों (5वीं और 6ठी शताब्दी) और तुर्कों (12 वीं सदी) के हमलों ने मठों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुँचाया|

भारतीय संस्कृति में बौद्ध धर्म का योगदान

1. अहिंसा की अवधारणा जो हमारे देश की विशिष्ट पहचान बन गई है|

2. स्तूप, मठ, चैत्य और विहार जैसी वास्तुकला की उल्लेखनीय अवधारणा| उदाहरण के लिए सांची, भरहुत और गया का स्तूप|

3. नालंदा, तक्षशिला और विक्रमशिला जैसे आवासीय विश्वविद्यालयों के माध्यम से शिक्षा को बढ़ावा दिया|

4. पाली और प्राकृत जैसी भाषाओं का विकास|

बिहार के महत्वपूर्ण बौद्ध तीर्थस्थलों का संक्षिप्त विवरण

Jagranjosh
Jagranjosh

Education Desk

Your career begins here! At Jagranjosh.com, our vision is to enable the youth to make informed life decisions, and our mission is to create credible and actionable content that answers questions or solves problems for India’s share of Next Billion Users. As India’s leading education and career guidance platform, we connect the dots for students, guiding them through every step of their journey—from excelling in school exams, board exams, and entrance tests to securing competitive jobs and building essential skills for their profession. With our deep expertise in exams and education, along with accurate information, expert insights, and interactive tools, we bridge the gap between education and opportunity, empowering students to confidently achieve their goals.

... Read More

आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.

Trending

Latest Education News