सिबिल स्कोर क्या है और यह आपके लोन लेने की क्षमता को कैसे प्रभावित करता है?

May 20, 2019, 19:00 IST

ट्रांसयूनियन सिबिल लिमिटेड भारत की पहली क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी है जिसे सामान्य रूप से क्रेडिट ब्यूरो भी कहा जाता है| यह कम्पनी लोगों के व्यक्तिगत लोन, वाहन लोन और क्रेडिट कार्ड इत्यादि के आधार पर लोगों का सिबिल स्कोर (CIBIL Score) बनाती है जिसके आधार पर बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाएं यह पता लगा लेतीं है कि अमुख व्यक्ति लोन देने के लायक है कि नही |

Meaningof CIBIL Score
Meaningof CIBIL Score

आम बोल-चाल की भाषा में भी लोग उसी व्यक्ति को उधार देते हैं जिसकी 'साख' अच्छी होती है. इसी प्रकार की 'साख' बैंकों के द्वारा अपने ग्राहकों को लोन देने से पहले चेक की जाती है जिसे वित्तीय भाषा में 'सिबिल स्कोर' कहा जाता है.

सिबिल स्कोर क्या होता है (What is CIBIL Score)?

ट्रांसयूनियन सिबिल लिमिटेड भारत की पहली क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी है जिसे सामान्य रूप से क्रेडिट ब्यूरो भी कहा जाता है. इसका मिशन उपभोक्ताओं के बारे में ऐसी जानकारी उपलब्ध कराना है जिसके माध्यम से कम्पनियों (वित्तीय संस्थाओं) का व्यापार तेजी से बढ़े और उपभोक्ताओं को जल्दी से आसान शर्तों के साथ कम ब्याज पर ऋण मिल सके.

ट्रांसयूनियन सिबिल लिमिटेड कंपनी के पास 2,400 से अधिक सदस्य हैं जिनमे बड़े बड़े बैंक, वित्तीय कम्पनियाँ, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां शामिल हैं साथ ही इस कंपनी के पास 550 मिलियन से अधिक व्यक्तियों और वित्तीय संस्थाओं के क्रेडिट रिकॉर्ड हैं।

CIBIL Score

image source:Oneindia Hindi

सिबिल स्कोर का निर्धारण कैसे होता है? (How CIBIL score decided)?

इसके लिए कम्पनी एक पेचीदा अल्गोरिथम का इस्तेमाल करती है जिसमे जो व्यक्ति लोन लेने का इच्छुक है उसकी पिछले छ: महीने की रिपोर्ट देखी जाती है और उसके फाइनेंसियल डाटा का अध्ययन किया जाता है| इसके बाद कुछ फैक्टर्स (जैसे समय पर लोन अदायगी, क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान इत्यादि) को ध्यान में रखते हुए उसके लिए एक स्कोर निर्धारित किया जाता है| किसी व्यक्ति का स्कोर अच्छा तभी हो सकता है जब वह समय पर अपनी लोन की क़िस्त भरे, अपने क्रेडिट कार्ड का भुगतान करें| ध्यान रहे कि इस स्कोर में आपकी बचत, निवेश या फिक्स्ड डिपॉजिट का ब्यौरा शामिल नहीं होता है।

डेबिट कार्ड पर छपे 16 अंक क्या बताते है?

सिबिल कैसे काम करता है (How CIBIL Works)?

उपर्युक्त रिकार्डस्‌, बैंको और अन्य वित्तीय संस्थाओं द्वारा मासिक आधार पर सिबिल के पास जमा किए जाते हैं| इस जानकारी का उपयोग करके क्रेडिट इन्फोर्मेशन रिपोर्ट (CIR) तथा क्रेडिट स्कोर बनाया जाता है, जिनकी बदौलत लेंडर्स लोन आवेदनों का मूल्यांकन और स्वीकृत  प्रदान करते हैं| क्रेडिट ब्यूरो को RBI द्वारा अनुमोदित किया गया है और क्रेडिट इन्फोर्मेशन कंपनीज़ (रेगुलेशन) एक्ट, 2005 द्वारा चलाया जाता है|

how cibil score works hind

सिबिल स्कोर, लोन आवेदन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है| आवेदक द्वारा आवेदन पत्र भरने और उसे कर्जदाता को सौंपने के बाद कर्जदाता पहले आवेदक के क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट की जॉंच करता है| यदि क्रेडिट स्कोर कम है तो कर्जदाता शायद आगे आवेदन पर विचार भी न करे और उसी क्षण उसे अस्वीकृत कर दे| यदि क्रेडिट स्कोर अधिक होता है तो कर्जदाता आवेदन पर विचार करता है तथा यह तय करने के लिए अन्य विवरणों पर विचार करता है कि आवेदन क्रेडिट के योग्य है या नहीं|

ध्यान रहे कि स्कोर जितना अधिक होता है, लोन स्वीकृत होने की संभावनाएँ भी उतनी ही अधिक होती है| कर्ज देने का निर्णय केवल कर्जदाता पर निर्भर होता है और लोन/क्रेडिट कार्ड स्वीकृत हो या ना हो, इस पर सिबिल कोई फैसला नहीं करता|

कितना सिबिल स्कोर अच्छा माना जाता है (What is good CIBIL Score)?

एक अच्छा सिबिल स्कोर 750-900 की सीमा में होता है। यदि आपका स्कोर 750 से ऊपर है तो बैंकों और अन्य गैर बैंकिंग वित्तीय कम्पनियाँ आपको आसानी से लोन दे देंगी लेकिन यदि आपका स्कोर 750 से कम है तो आपको लोन देने में बैंक आनाकानी करेगा क्योकि इस स्कोर वाले व्यक्ति को लोन देना खतरे का सौदा है| अर्थता जिसका जितना ज्यादा सिबिल स्कोर उसको लोन मिलने में उतनी ही कम दिक्कत|

CIBIL Score Meter

image source:.creditmantri.com

सिबिल स्कोर को कैसे सुधारा जा सकता है (How to improve CIBIL Score)?

आप अच्छा क्रेडिट इतिहास बरकरार रखते हुए अपने क्रेडिट स्कोर को सुधार सकते हैं| इसे कर्जदाताओं द्वारा सकारात्मक रूप से देखा जाता है

1. हमेशा अपनी देय राशि को समय पर अदा करें क्योंकि देर से किये जाने वाले भुगतानों के कारण आपका स्कोर कम हो जाता है |

2. अत्यधिक क्रेडिट कार्ड का उपयोग करना हमेशा उचित नहीं होता, अपने इस उपयोग को नियंत्रित रखें|

3. आपको अपने लोन में सुरक्षित (जैसे होम लोन, ऑटो लोन) और असुरक्षित (जैसे पसर्नल लोन, क्रेडिट कार्डस) दोनों प्रकार के लोनों का समावेश करना चाहिये |

4. लोन लेने के लिए हमेशा जल्द्वाजी में ना रहें| आप अपनी इमेज को एक हमेशा कर्जे में रहने वाले व्यक्ति के रूप में न बनायें |

5.आपको साल में एक बार अपने क्रेडिट इतिहास (credit history) की समीक्षा करनी चाहिए |

6. किसी वित्तीय वर्ष में लिए गए लोनों की संख्या को कम करना जरूरी होता है |

7. अपने ऋण- आय अनुपात को कम करना चाहिए |

यदि आपको अपना सिबिल स्कोर देखना है तो आप www.cibil.com की साईट पर जाकर जरूरी डिटेल भरें और 370 रुपये का भुगतान करने के बाद स्कोर देखें |

इस प्रकार आपने समझा कि सिबिल स्कोर आपको लोन दिलाने में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और यदि आपको अपने स्कोर को ठीक करना है तो समय पर अपने ऋणों की अदायगी करें |

भारत में बैंकिंग क्षेत्र की संरचना

Hemant Singh is an academic writer with 7+ years of experience in research, teaching and content creation for competitive exams. He is a postgraduate in International
... Read More

आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.

Trending

Latest Education News