जबसे COVID-19 महामारी शुरू हुई है तबसे अब तक कई वेरिएंट हमारे सामने आ चुके हैं। इनमें से कुछ वेरिएंट घातक होते हैं तो कुछ तेजी से फैलते हैं। हाल ही में कोविड का नया वेरिएंट, Omicron XE, लोगों के बीच चिंता का विषय बना हुआ है। आइए इस लेख के माध्यम से जानते हैं कोविड के नए वेरिएंट के बारे में।
ओमिक्रॉन और उसके वेरिएंट्स
ओमिक्रॉन 11 नवम्बर 2021 को सबसे पहले बोस्तवाना में पाया गया था। इसे 26 नवम्बर 2021 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) द्वारा वेरिएंट ऑफ कंसर्न (Variant of Concern) घोषित कर दिया गया था। इसके बाद ये तेजी से फैलता चला गया और पिछले वेरिएंट, डेल्टा, को रिप्लेस करने में सफल रहा।
तब से ओमिक्रॉन के कई सबवेरिएंट्स सामने आ चुके हैं। इनमें ओमिक्रॉन वेरिएंट BA.1 (B.1.1.529), BA.2 और BA.3 शामिल हैं। BA.1 के मुकाबले BA.2 ज्यादा तेजी से फैला और सबसे ताकतवर वेरिएंट के रुप में बनकर उभरा।
ओमिक्रॉन एक्स ई (XE) वेरिएंट क्या है और ये कितना घातक है?
ओमिक्रॉन एक्स ई (XE) वेरिएंट BA.1 और BA.2 का रीकॉम्बिनेशन है। इसके सबसे सामान्य लक्षण बुखार, खांसी, थकान, स्वाद या गंध की कमी हैं।बता दें कि BA.1 और BA.2 के कई अन्य रीकॉम्बिनेंट्स भी हैं जैसे XQ जो यूके में है, XG जर्मनी में, XJ डेनमार्क में, और XK बेल्जियम में।
XE वेरिएंट को भारत और इंग्लैंड सहित कई देशों में डिटेक्ट किया गया है। शुरुआत में इसका ग्रोथ रेट BA.2 जैसा ही था, लेकिन ताजा आंकड़ों के मुताबिक इसकी विकास दर BA.2 से लगभग 10 से 20% अधिक है। इस डेटा के अनुसार, XE वेरिएंट BA.2 की तुलना में अधिक संक्रामक हो सकता है।
जैसा की हम जानते हैं कि हमारे शरीर में इम्युनिटी या तो टीकाकरण या पिछले इन्फेक्शन से पैदा होती है और ज्यादातर स्पाइक प्रोटीन को टारगेट करती है। चूंकि XE में मूल रूप से BA.2 के जैसा ही स्पाइक प्रोटीन है, तो इससे हमारी इम्युनिटी कम होने की संभावना कम है।
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