भारत में हर साल गर्मी में दक्षिण-पश्चिम मानसून दस्तक देता है। यह सबसे पहले केरल के तट से टकराता है और आगे बढ़ते हुए उत्तर और उत्तर-पूर्वी भारत समेत भारत के अधिकांश इलाके को कवर करता है। इस मौसम में मौसमी दशाएं लगातार बदलती रहती हैं, जिसे देखते हुए मौसम विभाग की ओर से अलग-अलग अलर्ट भी जारी किए जाते हैं।
इसमें ऑरेंज, यलो और रेड अलर्ट शामिल है। हालांकि, कई लोग इनके मतलब से परिचित नहीं होते हैं। क्या आप जानते हैं कि इन अलर्ट का मतलब क्या होता है। यदि नहीं जानते हैं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
क्या होता है Yellow Alert
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि यलो अलर्ट का मतलब क्या होता है, तो आपको बता दें कि यलो अलर्ट मौसम बिगड़ने की संभावना को देखते हुए जारी किया जाता है। इस अलर्ट के तहत लोगों को लगातार मौसम की अपडेट लेने की सलाह दी जाती है।
क्या होता है Orange Alert
अब हम यह जान लेते हैं कि मौसम विभाग की ओर से जारी किए जाने वाले ऑरेंज अलर्ट का क्या मतलब होता है, तो आपको बता दें कि यह तब जारी किया जाता है, जब मौसम का स्तर अधिक गड़बड़ होता है। इस स्थिति में आंधी-तूफान व तेज बारिश की भी संभावना होता है। ऐसे में अलर्ट के तहत लोगों को अनावश्यक रूप से बाहर न निकलने के लिए सतर्क किया जाता है।
क्या होता है Red Alert
मौसम विभाग की ओर से रेड अलर्ट तब जारी किया जाता है, जब मौसम बहुत अधिक खराब होता है। इसका मतलब यह हुआ कि यदि बहुत तेज बारिश होने की संभावना हो या फिर बादल फटने तक की आशंका होती है, तो रेड अलर्ट जारी किया जाता है। क्योंकि, इस स्थिति में जान-माल का अधिक नुकसान हो सकता है। ऐसे में इस स्थिति में लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलना चाहिए।
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