भारत में हर साल वायु प्रदूषण के कारण लगभग 12 लाख लोगों की मौत हो जाती है। ग्रीनपीस की रिपोर्ट के अनुसार भारत के कई शहर ऐसे हैं जहां सांस लेना भी मुश्किल है। कई राज्यों के प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से मिली जानकारियों के आधार पर ग्रीनपीस द्वारा बनाई गई रिपोर्ट भारत में वायु प्रदूषण के संबंध में बेहद भयावह स्थिति की ओर इशारा कर रही है। इस लेख में हम भारत के सबसे प्रदूषित शहर एवं उसके कारणों का विवरण दे रहे हैं|
हाल ही में ग्रीनपीस इंडिया ने भारत के 24 राज्यों के 168 शहरों में वायु प्रदूषण की स्थिति का आकलन कर “वायु प्रदूषण का फैलता जहर” नाम से एक रिपोर्ट पेश की है| इस रिपोर्ट में बताया गया है कि दक्षिण भारत के कुछ शहरों को छोड़कर भारत के किसी भी शहर में WHO और केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के प्रदूषण निंयत्रित करने के लिए बनाए गए मानकों की सीमा का पालन नहीं किया गया है।
वायु प्रदूषण के संबंध में ग्रीनपीस इंडिया की रिपोर्ट की प्रमुख बिन्दुएं निम्न है:
1. रिपोर्ट के अनुसार देश के 168 शहरों में किए गए सर्वेक्षण में सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली है, जहां 2015 में वार्षिक औसत PM10 268 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई जो राष्ट्रीय मानक से 4.5 गुना अधिक है|
2. रिपोर्ट के अनुसार देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर उत्तर भारत में हैं| ये शहर राजस्थान से शुरु होकर गंगा के मैदानी इलाके से होते हुए पश्चिम बंगाल तक फैले हुए हैं|
3. देश में 10 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की सूची में दिल्ली, गाजियाबाद, इलाहाबाद, बरेली, फरीदाबाद, झरिया, अलवर, रांची, कुसुन्दा एवं बस्ताकोला शामिल है|
4. इस रिपोर्ट के लिए 48 शहरों के आंकड़े RTI के माध्यम से प्राप्त किए गए थे क्योंकि केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) या राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (SPCB) की वेबसाइट पर इन शहरों के आंकड़े उपलब्ध नहीं थे|
5. रिपोर्ट के अनुसार भारत में केवल 14 शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता के मानक पर खरे उतरते हैं, जिसमें से ज्यादातर शहर दक्षिण भारतीय राज्यों से आते हैं|
Image source: The Indian Express
भारत में वायु प्रदूषण की खराब स्थिति के कारण:
ग्रीनपीस इंडिया ने अपने रिपोर्ट में भारत में वायु प्रदूषण की खराब स्थिति के कारणों को चिन्हित करते हुए बताया है कि इसका मुख्य कारण जीवाश्म ईंधन जैसे कोयला,पेट्रोल, डीजल का बढ़ता इस्तेमाल है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में वायु प्रदूषण की स्थिति में सुधार करने के लिए सबसे पहले ऊर्जा और यातायात के क्षेत्र में कोयला, पेट्रोल, डीजल जैसे ईंधनों पर अपनी निर्भरता कम करनी होगी।
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