दुनिया के अलग-अलग देशों में नदियों का प्रवाह है और इनका अपना महत्त्व है। वहीं, जब बात भारत की होती है, तो यह महत्त्व और भी बढ़ जाता है। क्योंकि, भारत में नदियों को लेकर लोगों में विशेष आस्था है। यहां नदियों को पीने के पानी व सिंचाई के लिए उपयोग करने के अलावा उन्हें दिलों में भी जगह दी जाती है।
यही वजह है कि यहां नदियों को मां का दर्जा दिया गया है। इसकी बानगी हमें सुबह-शाम नदी घाटों पर होने वाली आरती के रूप मे भी देखने को मिल जाएगी। इस कड़ी में आपने भारत की अलग-अलग नदियों के बारे में पढ़ा और सुना होगा।
हालांकि, क्या आप जानते हैं कि भारत में छत्तीसगढ़ राज्य की किस नदी को हम राज्य की जीवन रेखा के रूप में जानते हैं। यदि आपको को इस संबंध में जानकारी नहीं है, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
भारत में चार प्रकार की नदियां
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि भारत में चार प्रकार की नदियों का प्रवाह होता है। इन प्रवाह में हिमालयी नदियां, प्रायद्वीपीय नदियां, अंतः स्थलीय प्रवाह नदियां और तटवर्ती नदियां शामिल हैं। भारत के अलग-अलग राज्यों में प्रवाहित होने वाली नदियां इन चार श्रेणियों में ही आती हैं, जिसमें उत्तर और उत्तर-पूर्वी की तरफ हमें हिमालयी नदियां और पश्चिम की तरफ हमें प्रायद्वीपीय नदियां देखने को मिलती हैं।
छत्तसीगढ़ में बहने वाली कुल नदियां
छत्तीसगढ़ में बहने वाली नदियों की बात करें, तो यह महानदी, शिवनाथ,अरपा, इंद्रावती, सबरी, लीलागर, हसदो, मांड, पैरी तथा सोंढूर हैं। वहीं, बस्तर की नदियों को छोड़कर छत्तीसगढ़ की अन्य प्रमुख नदी जोंक भी है।
कौन-सी नदी है छत्तीसगढ़ की जीवनरेखा
छत्तसीगढ़ की जीवनरेखा की बात करें, तो यह नदी महानदी है।
क्यों कही जाती है छत्तीसगढ़ की जीवनरेखा
अब सवाल है कि आखिर महानदी को ही छत्तीसगढ़ की जीवनरेखा क्यों कहा जाता है, तो आपको बता दें कि महानदी ने छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक नदी-सभ्यता को जन्म दिया है। वहीं, छत्तीसगढ़ की प्राचीन राजधानी रही सिरपुर महानदी के तट पर स्थित है।
महानदी की घाटी की अपनी विशिष्ट सभ्यता है, जिसके साक्ष्य इतिहास में देखने को मिल जाते हैं। इसके साथ ही यह नदी पीने के पानी से लेकर सिंचाई का प्रमुख स्रोत भी है। ऐसे में इस नदी को हम छत्तीसगढ़ की जीवनरेखा के रूप में भी जानते हैं।
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