Protem Speaker: हाल ही में संसद भवन में प्रोटेम स्पीकर पद पर भृतहरि महताब चुने गए हैं। महताब के चुने जाने पर सियासत एक बार तेज हो गई है। विपक्ष की और इस विरोध जताया जा रहा है। वहीं, भारतीय संविधान में इस पद का जिक्र भी नहीं है।
हालांकि, संसद नियमावली में इस पद को लेकर चर्चा की गई है। ऐसे में भारतीय राजनीतिक गलियारे की चर्चाओं में इस पद का जिक्र हो रहा है । इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर प्रोटेम स्पीकर कौन होता है और साथ ही इसका चुनाव संसद में किस प्रकार किया जाता है।
Protem Speaker: कौन होता है प्रोटेम स्पीकर
अब हम यह जान लेते हैं कि प्रोटेम स्पीकर कौन होता है, तो आपको बता दें कि प्रोटेम स्पीकर एक अस्थायी पद होता है। यह तब तक के लिए होता है, जब तक संसद को लोकसभा स्पीकर नहीं मिल जाता है। ऐसे में संसद के ही किसी सदस्य को प्रोटेम स्पीकर की जिम्मेदारी सौंपी जाती है।
Protem Speaker: संविधान में नहीं है जिक्र
आपको बात दें कि प्रोटेम स्पीकर का संविधान में जिक्र नहीं है। हालांकि, इसके पद और शपथ का जिक्र हमें संसदीय मामलों के मंत्रालयों की नियमावली में देखने को मिलता है। इसके आधार पर ही संसद भवन में प्रोटेम स्पीकर बनाए जाते हैं।
Protem Speaker: क्या होता है प्रोटेम स्पीकर का काम
अब सवाल है कि आखिर प्रोटेम स्पीकर का काम क्या होता है, तो आपको बता दें कि प्रोटेम स्पीकर का प्रमुख काम नव-निर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाना होता है, जिससे संसद की कार्यवाही आगे बढ़ सके।
Protem Speaker: कैसे होता है प्रोटेम स्पीकर का चुनाव
सांसदों के चुने के बाद सरकार का विधायी विभाग वरिष्ठ सांसदों की लिस्ट तैयार कर प्रधानमंत्री के पास भेजता है। इनमें तीन नामों पर मुहर लगाई जाती है और यह सुझाव राष्ट्रपति को भेज दिया जाता है। राष्ट्रपति की ओर से सांसदों को शपथ दिलाने के लिए कुल तीन संसद सदस्य को नियुक्त किया जाता है।
Protem Speaker: कौन बनता है प्रोटेम स्पीकर
संसदीय मामलों के मंत्रालय की नियमावली के मुताबिक, संसद के उस सदस्य को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाता है, जो कि पूरी संसद में सबसे अधिक वरिष्ठ होता है। सबसे वरिष्ठ सदस्य को राष्ट्रपति द्वारा प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ दिलाई जाती है। वहीं, प्रोटेम स्पीकर संसद के अन्य सांसदों को शपथ दिलाता है।
हालांकि, भृतहरि महताब के प्रोटेम स्पीकर बनने पर विवाद हो गया है, क्योंकि विपक्ष का आरोप है कि महताब सात बार के सासंद हैं, जबकि कोडिकुनिल सुरेश आठ बार के सांसद रहे हैं। ऐसे में सुरेश को प्रोटेम स्पीकर पद मिलना चाहिए।
Comments
All Comments (0)
Join the conversation