Constitution Day 2022: जानें 26 नवंबर को भारतीय संविधान दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है?

Nov 25, 2022, 12:19 IST

Constitution Day 2022: 26 नवंबर का दिन भारत के इतिहास में काफी खास है. इस दिन हर साल संविधान दिवस मनाया जाता है. आइये इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि 26 नवंबर को ही क्यों संविधान दिवस मनाया जाता है. इसके पीछे का इतिहास क्या है?

Constitution Day
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Constitution Day 2022: जानिए इस दिन के इतिहास, महत्व और यह कैसे मनाया जाता है के बारे में. संविधान दिवस आखिर 26 नवंबर को ही क्यों मनाया जाता है? 

भारत के संविधान दिवस को राष्ट्रीय कानून दिवस या राष्ट्रीय संविधान दिवस के रूप में भी जाना जाता है.

26 नवंबर को ही क्यों 'संविधान दिवस' मनाया जाता है?

स्वतंत्र भारत के इतिहास में 26 नवंबर का अपना ही महत्व है क्योंकि इसी दिन 1949 में भारत का संविधान अपनाया गया था और यह 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था. इसलिए, यह एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है. संविधान निर्माताओं के योगदान को स्वीकार करने और संवैधानिक मूल्यों के प्रति नागरिकों में सम्मान की भावना को बढ़ावा देने के लिए , 26 नवंबर को 'संविधान दिवस' के रूप में मनाया जाता है.

भारत का संविधान देश के हर नागरिक को आजाद भारत में रहने का समान अधिकार देता है. इसको तैयार करने में लगभग 2 साल 11 महीने और 17 दिन लगे थे. 

भारतीय संविधान जब लागू हुआ था तब 395 अनुच्छेद, 8 अनुसूचियां और 22 भाग शामिल थे. वर्तमान में इसमें 448 अनुच्छेद, 25 भाग और 12 अनुसूचियां हैं.

भारत का संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है. इसके कई हिस्से अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, आयरलैंड, सोवियत संघ, और जापान के संविधान से लिए गए हैं. 

इसमें देश के मौलिक अधिकारों, कर्तव्यों, सरकार की भूमिका, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री की शक्तियों के बारे में उल्लेख किया गया है. साथ ही किस प्रकार विधानपालिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका काम करते हैं, क्या काम करते हैं, उनकी देश को चलाने में क्या भूमिका है, इत्यादि का भी वर्णन हमारे संविधान में किया गया है.

संविधान दिवस का इतिहास

19 नवंबर 2015 को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने नागरिकों के बीच संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए हर साल नवंबर के 26 वें दिन को 'संविधान दिवस' के रूप में मनाने के लिए भारत सरकार के निर्णय को अधिसूचित किया.

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आइये अब जानते हैं कि भारत का संविधान कैसे अस्तित्व में आया?

15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ था और 26 जनवरी 1950 को हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं क्योंकि इसी दिन भारत का संविधान लागू हुआ था.

1934 में संविधान सभा की मांग की गई. आपको बता दें कि एम.एन. रॉय (M.N. Roy) एक कम्युनिस्ट पार्टी के नेता, इस विचार को रखने वाले पहले व्यक्ति थे. इसे कांग्रेस पार्टी ने अपने हाथ में ले लिया और आखिरकार 1940 में ब्रिटिश सरकार ने इस मांग को स्वीकार कर लिया. अगस्त प्रस्ताव में भारतीयों को भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने की अनुमति दो गई.

आजादी से पहले 9 दिसंबर 1946 को पहली बार संविधान सभा की बैठक हुई थी. संविधान सभा के पहले अध्यक्ष डॉ सच्चिदानंद सिन्हा थे.

29 अगस्त 1947 को ड्राफ्टिंग कमिटी का गठन संविधान को ड्राफ्ट करने के लिए किया गया था जिसके चेयरमैन डॉ. बी.आर. अम्बेडकर थे. 26 नवंबर, 1949 को कमिटी ने अपना काम पूरा कर लिया था. 24 जनवरी 1950 को, प्रक्रिया पूरी हुई जब सदस्यों ने दस्तावेज़ की दो हस्तलिखित प्रतियों पर हस्ताक्षर किए, एक-एक हिंदी और अंग्रेजी में.

विधानसभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को नई दिल्ली में हुई और 24 जनवरी, 1950 तक चली. इस दौरान कुल 11 सत्र हुए और लगभग 166 दिनों तक बैठकें हुईं. इस अवधि के दौरान अंग्रेजी से हिंदी में पूरी तरह से पढ़ना और अनुवाद किया गया.

26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ और देश का कानून बन गया.

भारतीय संविधान सरकारी संस्थानों के कर्तव्यों, अधिकारों, संरचना, प्रक्रियाओं, और शक्तियों का वर्णन करता है. यह मौलिक अधिकारों, निर्देशक सिद्धांतों और नागरिकों के कर्तव्यों की भी व्याख्या करता है. भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है. संविधान को बनने में करीब 2 साल 11 महीने और 17 दिन लगे थे.

तो अब आप जान गए होंगे कि भारत के संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में 26 नवंबर को भारत का संविधान दिवस मनाया जाता है.

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Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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