बल्ब आविष्कार के लिए सिर्फ एडिसन को ही क्यों दिया जाता है श्रेय, यहां जानें

Sep 1, 2025, 14:38 IST

लाइट बल्ब के आविष्कार का श्रेय थॉमस एडिसन को दिया जाता है, पर सच तो यह है कि इसे बनाने में कई लोगों का हाथ था और इसमें करीब सौ साल लग गए। सर हम्फ्री डेवी और जोसेफ स्वान जैसे शुरुआती वैज्ञानिकों ने पहली बिजली की लाइटें बनाई थीं। एडिसन की असली कामयाबी यह थी कि उन्होंने पहला ऐसा बल्ब बनाया, जो सस्ता और लंबे समय तक चलने वाला था। उन्होंने इसके साथ ही एक पूरी बिजली प्रणाली भी बनाई, जिससे यह तकनीक आम लोगों के लिए फायदेमंद और इस्तेमाल के लायक बन गई।

लाइट बल्ब का आविष्कार
लाइट बल्ब का आविष्कार

लाइट बल्ब के आविष्कार को इंसान की एक बहुत बड़ी कामयाबी माना जाता है। यह उन कुछ तकनीकों में से एक है, जिसने हमारे रहने, काम करने और समाज में मेलजोल के तरीके को पूरी तरह बदल दिया। हालांकि, इसके आविष्कार का इतिहास उससे कहीं ज्यादा जटिल और कई लोगों के सहयोग से भरा है, जितना कि ज्यादातर लोग जानते हैं।

भले ही लाइट बल्ब का नाम आते ही थॉमस एडिसन का खयाल आता है, लेकिन इसे बनाने की प्रक्रिया में कई दशकों तक दर्जनों महान दिमाग लगे रहे। हर किसी ने अपने से पहले के वैज्ञानिकों के विचारों और उनकी असफलताओं से सीखते हुए काम को आगे बढ़ाया।

शुरुआती प्रयोग करने वाले

सर हम्फ्री डेवी शुरुआती प्रयोग करने वालों में से एक थे। 1802 में उन्होंने प्लैटिनम के एक पतले तार से बिजली गुजारकर पहली इलेक्ट्रिक लाइट बनाई। इसके बाद, 1809 में उन्होंने एक बहुत तेज रोशनी वाले "कार्बन आर्क लैंप" का प्रदर्शन किया। ये मशीनें बहुत ज्यादा चमकदार थीं और बहुत कम समय के लिए जलती थीं। इसलिए, ये घरों में इस्तेमाल के लायक नहीं थीं और केवल एक वैज्ञानिक अजूबे की तरह थीं।

वॉरेन डे ला रू (1840) और फ्रेडरिक डी मोलेन्स (1841, इंग्लैंड) ने फिलामेंट और वैक्यूम ट्यूब के साथ प्रयोग किए। उन्होंने जो डिजाइन बनाए, वे देखने में आज के लाइट बल्ब जैसे ही थे। लेकिन, ये बल्ब जल्दी खराब हो जाते थे और काफी महंगे थे।

जोसेफ स्वान (1850–1880 के दशक, यूके) और हीराम मैक्सिम ने बेहतर फिलामेंट और ग्लास वैक्यूम बनाकर बल्ब के विकास में अहम भूमिका निभाई। 1881 तक स्वान के लाइट बल्ब इंग्लैंड के घरों में रोशनी करने लगे थे।

थॉमस एडिसन: लाइट बल्ब के आविष्कारक

एडिसन ने पहला लाइट बल्ब नहीं बनाया था, लेकिन उन्होंने इसे आम इस्तेमाल के लिए उपयोगी, सस्ता और किफायती बनाया। 1870 के दशक के आखिर से, एडिसन और उनकी टीम ने फिलामेंट बनाने के सामान और वैक्यूम के तरीकों को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम किया। 1879 तक उन्होंने एक ऐसा बल्ब बना लिया था, जिसमें कार्बनाइज्ड फिलामेंट लगा था और यह कई घंटों तक जल सकता था।

एडिसन की असली कामयाबी सिर्फ बल्ब बनाने में नहीं थी, बल्कि उन्होंने बिजली से रोशनी की एक पूरी व्यवस्था तैयार की। उन्होंने कार्बन वाले बांस के फिलामेंट का इस्तेमाल करके डिजाइन को बेहतर बनाया और एडिसन स्क्रू सॉकेट बनाया, जो जल्द ही एक स्टैंडर्ड बन गया। एडिसन का बनाया बल्ब 1,200 घंटों तक जल सकता था। सबसे खास बात यह थी कि इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जा सकता था और इसे उस बिजली व्यवस्था के साथ बेचा जा सकता था, जिसे उन्होंने खुद स्थापित किया था।

आविष्कार में अन्य प्रमुख योगदान देने वाले

जोसेफ स्वान: उन्होंने भी एक कामयाब कार्बन फिलामेंट बल्ब बनाया था। एक पेटेंट विवाद के बाद, उन्होंने एडिसन के साथ मिलकर एडिसवान यूनाइटेड इलेक्ट्रिक लाइट कंपनी बनाई। इसी कंपनी ने इस तकनीक को यूरोप तक पहुंचाया।

अलेक्जेंडर लोडिगिन (रूस, 1872) और हेनरी वुडवर्ड/मैथ्यू इवांस (कनाडा, 1874) ने भी बल्ब के डिजाइन बनाकर पेटेंट हासिल किए थे। 

विलियम स्टेट, जेम्स बोमन लिंडसे, और जॉन डब्ल्यू. स्टार ने 19वीं सदी के दौरान फिलामेंट के लिए बेहतर सामग्री बनाने और लैंप की उम्र बढ़ाने पर काम किया।

एडिसन सबसे ज्यादा प्रसिद्ध क्यों हैं?

एडिसन को लाइट बल्ब के लिए सबसे ज्यादा इसलिए जाना जाता है क्योंकि:

-उन्होंने पहला भरोसेमंद, लंबे समय तक चलने वाला और सस्ता इलेक्ट्रिक बल्ब बनाया।

-उन्होंने रोशनी बांटने की एक पूरी व्यवस्था बनाई—जिसमें जनरेटर, तार, फिटिंग के मानक और बल्ब, सब कुछ एक साथ पैकेज के रूप में शामिल था।

-उनकी कंपनी ने तेजी से पेटेंट हासिल किए, व्यापार की अच्छी समझ दिखाई और बड़े पैमाने पर प्रचार और उत्पादन किया। इसी वजह से दुनिया भर में घरों और सड़कों पर बिजली की लाइटें तेजी से अपनाई गईं।

लाइट बल्ब का आविष्कार किसी एक व्यक्ति का काम नहीं था, बल्कि यह लगभग सौ साल तक चला एक अंतरराष्ट्रीय और सामूहिक प्रयास था। हालांकि, एडिसन के डिजाइन ने बिजली की रोशनी को घर-घर तक पहुंचाया और इसे आम बनाया, लेकिन इसकी बुनियाद हम्फ्री डेवी, जोसेफ स्वान, वॉरेन डे ला रू जैसे कई वैज्ञानिकों ने रखी थी। इस तरह, आज का लाइट बल्ब नई सोच, लगातार कोशिशों और विज्ञान की प्रगति का एक बेहतरीन उदाहरण है।

Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

A seasoned journalist with over 7 years of extensive experience across both print and digital media, skilled in crafting engaging and informative multimedia content for diverse audiences. His expertise lies in transforming complex ideas into clear, compelling narratives that resonate with readers across various platforms. At Jagran Josh, Kishan works as a Senior Content Writer (Multimedia Producer) in the GK section. He can be reached at Kishan.kumar@jagrannewmedia.com
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