भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा और एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है। साल 1853 में मुंबई से ठाणे के बीच पहली रेल सेवा शुरू हुई और यह सफर आज कई हजारों किलोमीटर को पीछे छोड़ चुका है। यही वजह है कि रेलवे आज भारत की लाइफलाइन बन चुका है।
रेलवे के बेहतर संचालन के लिए इसे अलग-अलग जोन में विभाजित किया गया है। इन सभी जोन के मुख्यालय हैं, जहां से रेलवे का बेहतर संचालन किया जाता है। यदि आप किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए और भी उपयोगी है। साथ ही, सामान्य ज्ञान बढ़ाने के लिए भी इस लेख का अधिक महत्त्व है। इस लेख में हम रेलवे कुल जोन और उनके मुख्यालयों के बारे में जानेंगे।
रेलवे में क्यों पड़ी जोन की जरूरत
भारत में जब रेलवे की शुरुआत हुई, तो इसे क्षेत्रों में विभाजित किया गया। हालांकि, रेलवे में लगातार बढ़ती यात्रियों की भीड़ और इसके नेटवर्क को देखते हुए रेलवे के कुशल प्रबंधन और संचालन के लिए अलग-अलग डिविजन बनाए गए। साथ ही, इन डिविजन को जोन में बांट दिया गया। इन जोन की जिम्मेदारी किसी एक अधिकारी के हांथ में सौंपी गई।
भारत में कुल रेलवे जोन
भारत में कुल रेलवे जोन की बात करें, तो इनकी संख्या 18 हैं, जो कि इस प्रकार हैंः
क्रम संख्या | रेलवे जोन | मुख्यालय |
1 | मध्य रेलवे | मुंबई |
2 | पूर्व मध्य रेलवे | हाजीपुर |
3 | पूर्वी तट रेलवे | भुवनेश्वर |
4 | पूर्वी रेलवे | कोलकाता |
5 | कोंकण रेलवे | नवी मुंबई |
6 | मेट्रो रेलवे | कोलकाता |
7 | उत्तर मध्य रेलवे | प्रयागराज |
8 | पूर्वोत्तर रेलवे | गोरखपुर |
9 | उत्तर-पश्चिम रेलवे | जयपुर |
10 | पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे | गुवाहटी |
11 | उत्तर रेलवे | दिल्ली |
12 | दक्षिण मध्य रेलवे | सिकंदराबाद |
13 | दक्षिण तटीय रेलवे | विशाखापट्टनम |
14 | दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे | बिलासपुर |
15 | दक्षिण पूर्व रेलवे | कोलकाता |
16 | दक्षिण पश्चिम रेलवे | हुबली |
17 | दक्षिण रेलवे | चेन्नई |
18 | पश्चिमी मध्य रेलवे | जबलपुर |
19 | पश्चिम रेलवे | मुंबई |
यह है रेलवे का 18वां जोन
ऊपर दी सूची में 19 जोन इसलिए हैं, क्योंकि इसमें मेट्रो रेलवे को भी जोड़ा गया है। रेलवे के 18वें जोन की बात करें, तो यह दक्षिण तटीय रेलवे है, जिसे साल 2019 में जोड़ा गया था। इसका मुख्यालय विशाखापट्टनम है।
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