आधुनिक काल

यूरोपीय स्थापत्य कला में 1900 के आसपास का समय भारी परिवर्तन का युग था। इस काल के दौरान कई ऐसी इमारतों का निर्माण किया गया जिसकी विशेषताएं समान थीं। इन निर्माणों में रूप-रंग में सरलता के दर्शन होते हैं और अलंकरण भी नाम-मात्र का है।

Jul 22, 2011, 12:28 IST

आधुनिक काल


यूरोपीय स्थापत्य कला में 1900 के आसपास का समय भारी परिवर्तन का युग था। इस काल के दौरान कई ऐसी इमारतों का निर्माण किया गया जिसकी विशेषताएं समान थीं। इन निर्माणों में रूप-रंग में सरलता के दर्शन होते हैं और अलंकरण भी नाम-मात्र का है। 1940 के दशक तक आते-आते आधुनिक शैली में और भी मजबूती आई और इसे अंतर्राष्ट्रीय शैली का नाम दे दिया गया और पूरी दुनिया में इस शैली का दबदबा हो गया। इंस्टीट्यूट्स और कार्पोरेट ऑफिसों की इमारतों में विशेष रूप से इस शैली का प्रयोग किया गया। यह क्रम 20वीं शताब्दी में कई दशकों तक जारी रहा। आधुनिक स्थापत्य की विशिष्ट विशेषताओं और उद्भव को लेकर आज भी ब्याख्या व वाद-विवाद जारी है।

वृत्तिवाद (Functionalism):

स्थापत्यकला में वृत्तिवाद एक ऐसा सिद्धांत है जिसके अनुसार किसी स्थापत्यकार को किसी इमारत की डिजाइन उसके उद्देश्य के आधार पर तैयार करना चाहिए। इस शैली में उपयोगिता, सौंदर्य और मजबूती-स्थापत्य के तीन प्रमुख लक्ष्य माने गये हैं।

भविष्यवादी स्थापत्य (Futurist):

भविष्यवादी स्थापत्य का उदय 20वीं शताब्दी के प्रारंभिक काल में हुआ। इस स्थापत्य की सबसे बड़ी विशेषता उसकी लंबी उध्र्वाधर रेखाएं थीं जो गति का निरुपण करती थी। भविष्यवादियों की थीम में तकनीक व हिंसा जैसे विषयों का भी समावेश होता था। इस शैली की स्थापना कवि फिलिप्पो टोम्मासो मेरीनेट्टी ने की थी जिन्होंने इसका पहला मैनीफेस्टो का प्रकाशन किया जिसका टाइटिल मैनीफैस्टो ऑफ फ्यूचरिज्म था। इस शैली में कवि, संगीतकार, कलाकार और स्थापत्यकार शामिल थे।

प्रभाववादी स्थापत्य (Expressionist Architecture):

प्रभाववादी स्थापत्य एक ऐसी स्थापत्य शैली है जिसका विकास 20वीं शताब्दी के प्रारंभिक दशकों में उत्तरी यूरोप में हुआ। यह आंदोलन प्रभाववादी विजुअल और परफॉर्र्मिंग कला के समानान्तर शुरू हुआ। प्रथम विश्वयुद्ध में कई प्रभाववादी स्थापत्यकारों ने भाग लिया था जिसका पूरा असर उनकी कला में पूरी तरह से परिलक्षित होती है। उन्होंने युद्ध की विभीषिका को झेलने के साथ-साथ तत्कालीन राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल का अनुभव किया था, जिसकी वजह से उनकी स्थापत्य कला में यूटोपिया विचारधारा और तत्कालीन रोमांटिक सोशलिस्ट एजेंडा के दर्शन होते हैं।

ट्यूब स्थापत्य शैली:

1963 से स्काईस्क्रेपर इमारतों की डिजाइन व निर्माण में फ्रेम ट्यूबों का प्रयोग किया जाने लगा। यह पूरी तरह से नई शेैली थी जिसमें फ्रेम ट्यूब एक तीन विमाओं वाला निर्माण होता है जिसमें तीन, चार या अधिक फ्रेम हुआ करते थे। ये फ्रेम आपस में किनारों पर मिले होते हैं जिससे लंबवत ट्यूब के आकार का निर्माण किया जाता था। इस तरह की निर्माण शैली से बड़ी-बड़ी इमारतों का निर्माण आसान हो गया। इस शैली का सबसे प्रथम उदाहरण शिकागो की डेविट-चेस्टनेट अपार्टमेंट बिल्डिंग है जिसका निर्माण 1963 में किया गया था। वल्र्ड ट्रेड टॉवर (सं. रा. अमेरिका) और पेट्रोनास टॉवरों (मलेशिया) का निर्माण ट्यूब स्थापत्य शैली के आधार पर किया गया था।

उत्तर आधुनिक स्थापत्य शैली:

साहित्य व दर्शन के क्षेत्र में उत्तर आधुनिकतावाद की तरह स्थापत्य में भी इसने दस्तक दी। स्थापत्य में इस शैली की शुरुआत 1950 के दशक से मानी जाती है जिसका आज भी प्रभाव स्थापत्य शैली पर पूरी तरह से दिखाई देता है। इस शैली की सबसे खास बात यह है कि आधुनिकता की औपचारिकता का परित्याग करते हुए इसमें अनौपचारिकता को ग्रहण किया गया। इस शैली में एक बार फिर से अलंकरण का प्रयोग किया जाने लगा। न्यूयॉर्क की सोनी बिल्डिंग को इस शैली की प्रतिनिधि इमारत माना जाता है।

डिकंस्ट्रक्टविस्ट स्थापत्य शैली:

स्थापत्य कला में डिकंस्ट्रक्टविज्म का विकास उत्तर आधुनिकता शैली का ही एक रूप है जिसकी शुरुआत 1980 के दशक में हुई। इस शैली की सबसे बड़ी विशेषता इसका गैर-रेखीय होना है। इसमें स्थापत्य कला के स्थापित नियमों के स्थान पर नये नियमों को गढ़ा गया जिससे कलाकार को अपनी कला दिखाने के खूब मौका मिलने लगे।

Jagran Josh
Jagran Josh

Education Desk

    Your career begins here! At Jagranjosh.com, our vision is to enable the youth to make informed life decisions, and our mission is to create credible and actionable content that answers questions or solves problems for India’s share of Next Billion Users. As India’s leading education and career guidance platform, we connect the dots for students, guiding them through every step of their journey—from excelling in school exams, board exams, and entrance tests to securing competitive jobs and building essential skills for their profession. With our deep expertise in exams and education, along with accurate information, expert insights, and interactive tools, we bridge the gap between education and opportunity, empowering students to confidently achieve their goals.

    ... Read More

    आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.

    Trending

    Latest Education News