कृषि मजदूर कौन हैं:
औद्योगिक मजदूरों से अलग कृषि मजदूर की परिभाषा देना कठिन है| इसका कारण है कि जब तक कृषि क्षेत्र में पूंजीवाद बना रहेगा तब तक इस क्षेत्र में एक ऐसे वर्ग का उत्थान जो कि सिर्फ़ मज़दूरी पर निर्भर हो पता करना कठिन है| हालाँकि पूंजीवाद अब हुमारे देश में मात्र उन क्षेत्रों में ही है जो विकसित नही हैं, क्योकि स्पष्ट वर्ग अब तक विकसित नही हो पाया है| कृषि मजदूरों की परिभाषा दे पाना इसलिए भी कठिन है क्योकि कई हाशिए के तथा छोटे कृषक भी अपनी आय को बढ़ने के लिए इस क्षेत्र में कार्यरत हैं| अतः किस स्तर तक उन्हे कृषि मजदूर समझा जाए यह एक कठिन प्रश्न है|
कृषि मजदूर के विभिन्न रूप
प्रथम कृषि मजदूर निरीक्षण आयोग ने इसके निम्न रूप बताए हैं:
1) संलग्न मजदूर
2) अनौपचारिक मजदूर
संलग्न मजदूर
यह वह मजदूर हैं जो की किसी कृषक परिवार से किसी भी प्रकार के मौखिक या लिखित अनुबंध के द्वारा जुड़े होते है| इसमें इनका रोज़गार स्थाई होता है|
अनौपचारिक मजदूर
वहीं दूसरी तरफ इस प्रकार के मजदूर किसी भी कृषक के खेतों में कार्य करने के लिए स्वतंत्र होते हैं| इस प्रकार के मजदूर अक्सर दैनिक रूप से लगे होते हैं|
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