क्यों किसी संरचना को 'विश्व का आश्चर्य' कहा जाता है?

Jan 13, 2016, 16:01 IST

मानव द्वारा निर्मित वे आधुनिक व प्राचीन संरचनाएँ जो अपनी विशिष्टता के कारण मानव को अचम्भित करती है, को विश्व के आश्चर्य कहा जाता है| इन संरचनाओं में सम्पूर्ण मानव इतिहास दर्ज है साथ ही ये मानव जाति की अद्भुत क्षमताओं के परिचायक हैं|

मानव द्वारा निर्मित वे आधुनिक व प्राचीन संरचनाएँ जो अपनी विशिष्टता के कारण मानव को अचम्भित करती है, को विश्व के आश्चर्य कहा जाता है| इन संरचनाओं में सम्पूर्ण मानव इतिहास दर्ज है साथ ही ये मानव जाति की अद्भुत क्षमताओं के परिचायक हैं| किसी भी संरचना या इमारत को विश्व के आश्चर्य का दर्जा तभी प्रदान किया जाता है जब वह निम्नलिखित शर्तों को पूरा करती हो:

  • सभी संरचनाएँ व स्मारक मानव द्वारा निर्मित और उनका बेहतर तरह से संरक्षण किया गया हो| ‘मानव द्वारा निर्मित’ से तात्पर्य है की उस संरचना या स्मारक के निर्माण व डिज़ाइन में मानव की भूमिका होनी चाहिए|
  • वह संरचना या स्मारक कलात्मक(artistic) व स्थापत्य(architectural) की दृष्टि से मूल्यवान हो|
  • वह संरचना या स्मारक विश्व में व्याप्त सांस्कृतिक व सामाजिक विविधता को प्रदर्शित करती हो|

निम्नलिखित सात संरचनाओं को विश्व के आश्चर्यों की के रूप में मान्यता प्रदान की गयी है:

  1. चीन की महान दीवार(Great Wall of China)
  2. पेट्रा (Petra)
  3. क्राइस्ट डी रिडीमर(Christ the Redeemar)     
  4. मैच्यू-पीचू(Machu Picchu)      
  5. चिचेन इत्जा(Chichen Itza)    
  6. कोलोसियम(Collosseum)       
  7. ताजमहल(Tajmahal)

इन सात संरचनाओं का विस्तृत विवरण निम्नलिखित है:

1. चीन की महान दीवार (Great Wall of China)

स्थान: चीन

निर्माण: 7वीं सदी ईसा पूर्व

निर्माण सामग्री: पत्थर,ईंट व लकड़ी

निर्माता: चीन का मिंग (Ming) वंश

निर्माण का कारण: यूरेशियाई स्टेपी प्रदेश से आने वाले घुमंतू(Nomadic) समूहों के आक्रमण व हमलों से साम्राज्य की सुरक्षा करना

विशिष्टता: परिवहन गलियारे के रूप में कार्य करता है,जिसमें दो ट्रक एक साथ चल सकते हैं

2. पेट्रा (Petra)

स्थान: जोर्डन

निर्माण: 100 ईसा पूर्व

निर्माण सामग्री: पत्थर को काटकर बनायीं गयी संरचना

निर्माता: नबाटीयंस जनजाति (Nabataeans Tribes)

निर्माण का कारण: शहर को जल आपूर्ति करने के लिए

विशिष्टता: यह नबाटीयंस की कला का अद्भुत नमूना है|उन्होंने गुलाबी रंग की बलुआ पत्थर चट्टानों को काट कर एक शहर बनाया जिसमें अनेक अलंकृत नक्काशीदार मंदिर और करीब 3,000 कब्रें, आवास, बैंक्वेट हॉल, वेदियां शामिल हैं|  

3. क्राइस्ट डी रिडीमर (Christ the Redeemer)

स्थान: ब्राजील

निर्माण : 12 अक्टूबर,1931

निर्माण सामग्री: कंक्रीट और सोपस्टोन

निर्माता: फ़्रांसीसी मूर्तिकार पॉल लैंडोस्की (Paul Landowski) द्वारा,ब्राजीली इंजीनियर हेटर दा सिल्वा कोस्टा(Heitor da Silva Costa) व फ्रांसीसी इंजीनियर अल्बर्ट काकोट(Albert Caquot) द्वारा

निर्माण का कारण: सम्पूर्ण विश्व में ईसाई धर्म व संस्कृति का प्रतीक स्थापित करना

विशिष्टता: ईसामसीह की आर्ट डेको प्रतिमा (Art Deco statue)

4. माचू पीचू (Machu Picchu)

स्थान: पेरू

निर्माण : 1450 ई.

निर्माण सामग्री: पत्थर

निर्माता: इंका साम्राज्य

निर्माण का कारण: अनेक कारण थे लेकिन मुख्य कारण प्राकृतिक संसाधनों व देवताओं,विशेषकर सूर्य,के पवित्र पूजास्थल के रूप में विकसित करना था

विशिष्टता: इसके कई धार्मिक स्थलों में बहुकोणीय (Polygonal) पत्थरों का प्रयोग किया गया है| कुछ पत्थरों में तो 33 कोने (Corners) तक पाए गए हैं|

5. Chichen Itza

स्थान: मैक्सिको

निर्माण : 600 ई.

निर्माण सामग्री: पुरानी चट्टानें व पत्थर

निर्माता : प्राचीन माया लोगों द्वारा

निर्माण का कारण: माया लोगों की वंशावली(lineage) व उनके योगदान के संरक्षण हेतु

विशिष्टता: यहाँ पत्थर से निर्मित कई सुन्दर इमारतें हैं जो पक्के मार्गों,जिन्हें ‘साक्बेऑब’ (sacbeob) कहते हैं,द्वारा आपस में जुड़ी हुई हैं|    

6. कोलोजियम (Colosseum)

स्थान: इटली             

निर्माण : 80 ई.

निर्माण सामग्री: कंक्रीट व बालू

निर्माता: फ्लावियन वंश (Flavian dynasty)

निर्माण का कारण: इसका प्रयोग वीरतापूर्ण प्रतियोगिताओं और कई अन्य सार्वजनिक प्रदर्शनों जैसे-युद्ध-अभ्यास,जानवरों का शिकार,प्रसिद्ध युद्धों का पुनर्प्रदर्शन और प्राचीन धर्मग्रंथों पर आधारित  नाटकों के प्रदर्शन आदि के लिए भी किया जाता था|

विशिष्टता: इसकी गणना विश्व की सबसे बड़ी रंगशालाओं (amphitheatre) में की जाती है|यह स्थापत्य एवं इंजीनियरिंग (architecture and engineering) का अद्भुत नमूना माना जाता है| साथ ही साथ यह मृत्युदण्ड के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय अभियान का भी प्रतीक है|

7. Taj Mahal

स्थान: भारत

निर्माण: 1648 ई.

निर्माण सामग्री: मकराना(राजस्थान) का संगमरमर,पंजाब का जास्पर,चीन के बहुमूल्य पत्थर

निर्माता: मुग़ल शासक शाहजहाँ

निर्माण का कारण: प्रेम का प्रतीक

विशिष्टता: इसकी सबसे प्रमुख विशेषता इसका सफ़ेद संगमरमर से निर्मित गुम्बद है जो मकबरे के ऊपर स्थित है| यह गुम्बद एक वर्गाकार आधार पर आधारित है|

Images Courtesy: www.wikipedia.com , www.world.new7wonders.com

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