पूंजी बाजार
रिजर्व बैंक
भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना 1 अप्रैल, 1935 में की गई थी। 1 जनवरी 1949 को इसका राष्ट्रीयकरण किया गया। देश में एक रुपये के सिक्कों और नोटों और छोटे सिक्कों को छोड़कर अन्य मुद्रा जारी करने का एक मात्र अधिकार रिजर्व बैंक को ही प्राप्त है। केंद्र सरकार के एजेंट के रूप में रिजर्व बैंक भारत सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले एक रुपये के नोटों, सिक्कों तथा छोटे सिक्कों के वितरण का कार्य करता है। रिजर्व बैंक केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के साथ किए गये अनुबंधों के अनुसार उनके बैंकर के रूप में कार्य करता है। रिजर्व बैंक केंद्र और राज्य सरकारों के उधारी कार्यक्रम का संचालन करता है। यह ऋण के समुचित उपभोग से मूल्यों में स्थिरता लाने के साथ-साथ उत्पादन बढ़ाने के लिए मुद्रा नीति तैयार करता है और उसे लागू करता है। रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में व्यवस्था बनाये रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में भारत की सदस्यता के नाते सरकार के एजेंट के रूप में कार्य करता है। यह विकास और संवद्र्धन के विभिन्न कार्र्यों के अतिरिक्त वाणिज्यिक बैंकिंग व्यवस्था, शहरी सहकारी बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र का नियमन तथा निरीक्षण भी करता है।
रिजर्व बैंक के कार्र्यों का नियंत्रण केंद्रीय निदेशक मंडल के एक बोर्ड़ द्वारा किया जाता है। बोर्ड की नियुक्ति भारत सरकार द्वारा भारतीय बैंक अधिनियम के नियमों के अधीन की जाती है।
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