प्राचीन भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य

प्राचीन भारत के वैज्ञानिकों ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बहुमूल्य योगदान दिया है| यहाँ हम प्राचीन भारत के वैज्ञानिकों द्वारा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दिए गए बहुमूल्य योगदान का सक्षिप्त विवरण दे रहे हैं जो UPSC, SSC, State Services, NDA, CDS और Railways जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी है|

Nov 23, 2016, 11:08 IST

प्राचीन भारत के वैज्ञानिकों ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बहुमूल्य योगदान दिया है| यहाँ हम प्राचीन भारत के वैज्ञानिकों द्वारा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दिए गए बहुमूल्य योगदान का सक्षिप्त विवरण दे रहे हैं जो UPSC, SSC, State Services, NDA, CDS और Railways जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी है|


प्राचीन भारतीयों द्वारा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दिए गए महत्वपूर्ण योगदान

भौतिकी

प्राचीन भारतीय वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांड के निर्माण के संबंध में अवधारणा व्यक्त की थी| उनके अनुसार ब्रह्मांड “पंचमहाभूतों” भूमि, जल, आग, हवा और आकाश से मिलकर बना है|
वे लोग यूनानियों से पहले अणुओं और परमाणुओं के अस्तित्व के बारे में जानते थे|
वैशेषिक दर्शन में परमाणु सिद्धांत का सविस्तार वर्णन किया गया है|
ब्रह्मगुप्त ने न्यूटन के गुरुत्व के सिद्धांत की घोषणा के संबंध में पूर्वानुमान व्यक्त किया था| जिसमें कहा गया है कि “प्रकृति के नियम के कारण सभी वस्तुएं पृथ्वी पर गिरती है और पृथ्वी का यह स्वभाव है कि वह सभी वस्तुओं को आकर्षित करती है|

गणित

गणित के क्षेत्र में भारतीयों ने तीन महत्वपूर्ण योगदान दिया है- संकेतन प्रणाली, दशमलव प्रणाली और शून्य का उपयोग|
भारतीय संकेतन प्रणाली अरबों द्वारा अपनाया गया था और अंकों को अंग्रेजी में “अरबी” कहा जाता है। ये अंक अशोक के शिलालेख में पाए गए हैं|
भारतीय गणितज्ञ आर्यभट्ट ने सर्वप्रथम दशमलव प्रणाली की खोज की थी|
5 वीं शताब्दी ईसा पूर्व में रचित “सुल्वसूत्र” में रेखागणित के बारे में वर्णन किया गया है| आर्यभट्ट ने “सूर्य सिद्धांत” में त्रिभुज का क्षेत्रफल ज्ञात करने की विधि का वर्णन किया था जिसके आधार पर “त्रिकोणमिति” की उत्पत्ति हुई है|

खगोलशास्त्र

ज्योतिष वेदांग (500 ई.पू.) खगोल विज्ञान का सबसे प्रारंभिक स्रोत है| इसमें 27 नक्षत्रों के बीच चन्द्रमा की स्थिति की गणना के लिए नियमों का उल्लेख किया गया है|
आर्यभट्ट ने सूर्यग्रहण और चन्द्रग्रहण के सटीक कारणों का पता लगाया था और इस बात की व्याख्या की थी कि सूर्य स्थिर है और पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है| उन्होंने अपनी पुस्तक “आर्यभट्टिय” (499 ईस्वी) में इस बात का वर्णन किया है कि “पृथ्वी गोल है”, साथ ही उन्होंने यह भी बताया था कि “पाई” का मान 3.1416 होता है|
वराहमिहिर ने 6ठी शताब्दी ईस्वी में अपनी पुस्तक “वृहत्संहिता” में इस बात का वर्णन किया था कि चन्द्रमा पृथ्वी के चारों ओर घूमता है और पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है|

रसायनशास्त्र

प्राचीन भारत में सोना, चांदी, तांबा, लोहा, पीतल और अन्य धातुओं का बड़े पैमाने पर उत्पादन के साथ-साथ धातु विज्ञान के क्षेत्र में काफी विकास किया गया था|
मर्यौत्तर काल में पश्चिमी देशों से “स्टील उत्पादों” का निर्यात किया जाता था|
सुल्तानगंज से प्राप्त बुद्ध की तांबे की प्रतिमा और दिल्ली में महरौली का लौह स्तंभ धातु विज्ञान के बेहतरीन उदाहरण हैं|

औषधि

अथर्ववेद के श्लोकों का संबंध आयुर्वेद से है|
चरक द्वारा रचित “चरकसंहिता” (100 ईस्वी) में विभिन्न रोगों के उपचार का वर्णन किया गया है, साथ ही “आहार” के माध्यम से रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के बारे में भी वर्णन किया गया है|
सुश्रुत द्वारा रचित “सुश्रुत संहिता” में चेतनालोप (anaesthesia), शल्य चिकित्सा, और “नासिकासंधान” (rhinoplasty) के माध्यम से विभिन्न प्रकार के ऑपरेशन और मोतियाबिंद जैसी बीमारियों के इलाज के बारे में वर्णन किया गया है|

प्राचीन भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र से संबंधित विभिन्न विचारों के अलावा व्याकरण और भाषा विज्ञान के क्षेत्र में भी विकास हुआ था जिसने वैदिक प्रार्थना और मंत्रों के सस्वर पाठ एवं शुद्धतापूर्वक उच्चारण में मदद की थी| भाषा के विकास से संबंधित पुस्तकों में 400 ईसा पूर्व में पाणिनि द्वारा रचित “अष्टाध्यायी” और 2 शताब्दी ईसा पूर्व में पतंजलि द्वारा रचित “महाभाष्य” प्रमुख हैं| प्राचीन भारत के इन सभी पुस्तकों एवं खोजों का मुख्य उद्देश्य “धार्मिक प्रयोजन” था|

Jagranjosh
Jagranjosh

Education Desk

Your career begins here! At Jagranjosh.com, our vision is to enable the youth to make informed life decisions, and our mission is to create credible and actionable content that answers questions or solves problems for India’s share of Next Billion Users. As India’s leading education and career guidance platform, we connect the dots for students, guiding them through every step of their journey—from excelling in school exams, board exams, and entrance tests to securing competitive jobs and building essential skills for their profession. With our deep expertise in exams and education, along with accurate information, expert insights, and interactive tools, we bridge the gap between education and opportunity, empowering students to confidently achieve their goals.

... Read More

आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.

Trending

Latest Education News