इसरो ने दो प्रमुख अंतरिक्ष प्रणालियाँ अर्थात संचार, टेलीविजन प्रसारण और मौसम संबंधी सेवाओं के लिए ‘भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह प्रणाली’ (इन्सैट) और संसाधनों की मॉनीटरिंग और प्रबंधन के लिए ‘भारतीय सुदूर संवेदी उपग्रह’ (आईआरएस) स्थापित की हैं | इन्सैट में भू-स्थिर (Geo-stationary) उपग्रह शामिल हैं और आईआरएस में भू-प्रेक्षण (Earth-observatory) उपग्रह शामिल हैं | इसरो ने अंतरिक्ष के अन्वेषण के लिए कई प्रायोगिक उपग्रहों को भी प्रक्षेपित किया है जो सामान्यतः इन्सैट या आईआरएस और अंतरिक्ष मिशनों की तुलना में छोटे हैं ।
पिछले चार दशकों में, इसरो ने मोबाइल संचार, डायरेक्ट टू होम सेवाएँ, मौसमविज्ञानी प्रेक्षण, दूर-चिकित्सा, दूर-शिक्षा, आपदा चेतावनी, रेडियो नेटवर्किंग, खोज और बचाव कार्य, सुदूर संवेदन और अंतरिक्ष के वैज्ञानिक अध्ययन जैसे विभिन्न वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों के लिए 65 से अधिक उपग्रहों को प्रक्षेपित किया है।
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भारत की उपग्रह प्रक्षेपण प्रणाली का विकास कैसे हुआ है?
भू-स्थिर उपग्रह
ये भू-स्थिर कक्षा में स्थापित उपग्रह हैं जिनकी घूर्णन अवधि पृथ्वी की घूर्णन अवधि के समान होती है | इसीलिए ये उपग्रह हमेशा आकाश में एक स्थान पर, पृथ्वी के एक भूभाग के ऊपर स्थिर रहते हैं | भूस्थिर कक्षा पृथ्वी से 35780 किमी ऊँचाई पर स्थित होती है जिसमें उपग्रह पृथ्वी की भूमध्य रेखा के ऊपर उसकी कक्षा में घूमता है। प्रसिद्ध विज्ञान कथा लेखक ऑर्थर सी. क्लार्क को भू-स्थिर उपग्रह की संकल्पना का श्रेय दिया जाता है। भू-स्थिर उपग्रह भू-कालिक (Geostationary) उपग्रहों का ही एक विशिष्ट प्रकार है जो भू-स्थिर कक्षा अर्थात भूमध्यरेखा के ऊपर, में स्थापित होते हैं |
भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह (इन्सैट) प्रणाली, जिन्हें भू-स्थिर कक्षाओं में स्थापित किया गया है, एशिया-प्रशांत क्षेत्र की व्यापक घरेलू संचार उपग्रह प्रणालियों में से एक है। 1983 में इन्सैट-1बी के प्रवर्तन के साथ स्थापित इस प्रणाली ने भारत के संचार क्षेत्र में क्रान्ति को जन्म दिया और बाद में भी उसे बनाए रखा।
इस प्रणाली में सी, विस्तारित सी और केयू बैंड ट्रांसपोंडर दूरसंचार, टेलीविज़न प्रसारण, मौसम पूर्वानुमान, आपदा चेतावनी और खोज तथा बचाव कार्यों में सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं। कल्पना-1, एडुसैट आदि इसी श्रेणी के उपग्रह हैं |
भू-स्थिर उपग्रह | प्रक्षेपण तिथि |
इन्सैट -1A | 10.04.1982 |
इन्सैट -1B | 30.08.1983 |
इन्सैट -1C | 21.07.1988 |
इन्सैट -1D | 12.06.1990 |
इन्सैट-2A | 10.07.1992 |
इन्सैट-2B | 23.07.1993 |
इन्सैट-2DT | Jan 1998 |
इन्सैट-2E | 03.04.1999 |
इन्सैट-3B | 22.03.2000 |
जीसैट-1 | 18.04.2001 |
इन्सैट-3C | 24.01.2002 |
कल्पना-1 | 12.09.2002 |
इन्सैट-3A | 10.04.2003 |
जीसैट -2 | 08.05.2003 |
इन्सैट-3E | 28.09.2003 |
एडुसैट (जीसैट -3) | 20.09.2004 |
हैमसैट | 05.05.2005 |
इन्सैट-4A | 22.12.2005 |
इन्सैट-4C | 10.07.2006 |
इन्सैट-4B | 12.03.2007 |
इन्सैट -4CR | 02.09.2007 |
जीसैट -4 | 15.04.2010 |
जीसैट -14 | 05.01.2014 |
जीसैट -16 | 06.12.2014 |
भू-प्रेक्षण उपग्रह
भू-प्रेक्षण उपग्रहों का मुख्य उद्देश्य है, भूमि के बारे में भौतिक, रासायनिक तथा जैविक सूचना एकत्रित करना | भारतीय सुदूर संवेदन (आईआरएस) उपग्रह प्रणाली भू-प्रेक्षण उपग्रहों पर ही आधारित है | भारतीय सुदूर संवेदन (आईआरएस) उपग्रह प्रणाली 1988 में आईआरएस-1 ए के प्रमोचन के साथ आरंभ हुई और आज आईआरएस विश्व में वृहत्तम नागरिक सुदूर संवेदन उपग्रह समूह है | इससे प्राप्त आंकड़ों का प्रयोग कृषि, जल संसाधन, शहरी विकास, खनिज संभावनाओं, पर्यावरण, वन, सूखा और बाढ़ के पूर्वानुमान, समुद्री संसाधन और आपदा प्रबंधन आदि में किया जाता है।
भू-प्रेक्षण उपग्रह | प्रक्षेपण तिथि |
भास्कर-I | 07.06.1979 |
आरएस-D1 | 31.05.1981 |
भास्कर -II | 20.11.1981 |
आरएस -D2 | 17.04.1983 |
आईआरएस-1A | 17.03.1988 |
श्रोस्स (SROSS)-2 | 13.07.1988 |
आईआरएस -1 B | 29.08.1991 |
आईआरएस -1 E | 20.09.1993 |
आईआरएस -P2 | 15.10.1994 |
आईआरएस -1C | 28.12.1995 |
आईआरएस -P3 | 21.03.1996 |
आईआरएस -1 D | 29.09.1997 |
आईआरएस -P4/ ओशनसैट | 26.05.1999 |
टीईएस | 26.05.1999 |
आईआरएस-P6/रिसौर्ससैट-1 | 17.10.2003 |
कार्टोसैट -1 | 05.05.2005 |
कार्टोसैट -2 | 10.01.2007 |
कार्टोसैट -2A | 28.04.2008 |
आईएमएस-1 | 28.04.2008 |
रीसैट-2 | 20.04.2009 |
ओशनसैट-2 | 23.09.2009 |
कार्टोसैट-2S | 12.07.2010 |
मेघा ट्रापिक्स | 12.10.2011 |
रीसैट-1 | 26.04.2012 |
सरल | 25.02.2013 |
प्रयोगिक या छोटे उपग्रह
इसरो ने मुख्यतः सुदूर संवेदन, वायुमंडलीय अध्ययन, नीतभार विकास, कक्षा नियंत्रण, पुनःप्राप्ति प्रौद्योगिकी आदि के प्रायोगिक उद्देश्य से कई छोटे उपग्रह भी प्रक्षेपित किए हैं। जुगनू ,एसआरएमसैट, यूथसैट, स्टुडसैट, अनुसैट, एप्पल, आर्यभट्ट आदि ऐसे ही प्रयोगिक उपग्रह हैं |
Image source:www.googleimages.com ,www.isro.gov.in
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