भारत में प्रतिवर्ष 24 फरवरी को केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस मनाया जाता है. केंद्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क के बारें में अधिक जानकारी और इसके विभिन्न पहलुओं के बारें में लोगों को जागरूक करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है.
इस दिन केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर व सीमा शुल्क बोर्ड विभिन्न प्रकार के सेमिनार, कार्यशालाएं, और पुरस्कार समारोह आदि का आयोजन करता है.
केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस पर देशवासियों को बधाई!
— MP MyGov (@MP_MyGov) February 24, 2023
आइए, इस दिवस पर समस्त भारतवासियों को उत्पाद शुल्क के प्रति जागरूक करने का संकल्प लें।#CentralExciseDay pic.twitter.com/r8mUR58eau
24 फरवरी को ही क्यों मनाया जाता है?
देश में केन्द्रीय उत्पाद शुल्क और नमक अधिनियम, 24 फरवरी, 1944 को पारित किया गया था. इस दिवस को चिन्हित करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है. देश में वस्तु और सेवा कर (GST) केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर (CST), और नारकोटिक्स विभाग को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) द्वारा प्रशासित किया जाता है.
यह दिवस, क्यों मनाया जाता है?
इसके आयोजन के माध्यम से उत्पाद विभाग के कर्मचारियों को पूरे भारत में कुशल तरीके से अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके ताकि वस्तु निर्माण उद्योग में भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं को रोका जा सके. साथ ही इससे जुड़े नियमों को सही तरीके से लागू करना सुनिश्चित किया जा सके जिससे सर्वोत्तम उत्पाद शुल्क सेवाएं प्रदान की जा सके.
केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस का इतिहास:
वैसे तो 24 फरवरी, 1944 को में केन्द्रीय उत्पाद शुल्क और नमक अधिनियम को चिन्हित करने के लिए यह दिवस प्रतिवर्ष मनाया जाता है लेकिन भारत में इसका इतिहास पुराना रहा है, ब्रिटिश शासनकाल के दौरान वर्ष 1855 में उत्पाद शुल्क विभाग की स्थापना की गयी थी. इसका गठन अप्रत्यक्ष कर, कस्टम ड्यूटी और एक्साइज ड्यूटी पर निगरानी रखने के लिये किया गया था.
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड:
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) की स्थापना 1 जनवरी 1964 को की गयी थी. यह केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के तहत राजस्व विभाग के अधीन कार्य करता है. इसकी स्थापना केंद्रीय राजस्व बोर्ड अधिनियम, 1963’ के माध्यम से की गयी थी और यह एक सांविधिक निकाय (Statutory Body) हैं.
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