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IAS Success Story: Full time Job के साथ की तैयारी, 35 रैंक के साथ IAS बनीं अपर्णा रमेश

IAS Success Story: अपर्णा रमेश ने नौकरी छोड़ने के बजाय नौकरी करते हुए ही सिविल सेवा अधिकारी बनने का अपना सपना पूरा किया। इसके लिए उन्होंने टाइम मैनेजमेंट किया और नौकरी के साथ ही तैयारी कर वह आईएएस अधिकारी बन गई। तो आइये, इस लेख के माध्यम से हम उनकी पूरी कहानी के बारे में जानते हैं। 

IAS Success Story:  Full time Job के साथ की तैयारी, 35 रैंक के साथ IAS बनीं अपर्णा रमेश
IAS Success Story: Full time Job के साथ की तैयारी, 35 रैंक के साथ IAS बनीं अपर्णा रमेश

IAS Success Story: अधिकांश युवाओं का सिविल सेवा परीक्षा को पास कर अधिकारी बनने का सपना होता है। वे इसके लिए रात दिन मेहनत करते हैं, लेकिन फिर भी सफलता निश्चित नहीं होती है। कुछ नौकरीपेशा युवा तो तैयारी के लिए नौकरी छोड़ देते हैं और फुल टाइम तैयारी करते हैं। लेकिन, इसके बाद भी सफलता मिलना निश्चित नहीं होता है। यही वजह है कि यह परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में शामिल है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से अर्पणा रमेश की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने बिना नौकरी छोड़े अपनी तैयारी की और सिविल सेवा परीक्षा में 35 रैंक हासिल कर आईएएस अधिकारी बन गईं। 

 

अपर्णा रमेश का परिचय

 

अपर्णा रमेश मूलरूप से कर्नाटक की रहने वाली हैं। उन्होंने साइंस विषयों के साथ पढ़कर अपना करियर आर्किटेक्ट कम अर्बन प्लानर के रूप में शुरू किया। इस दौरान वह शहर की प्लानिंग को लेकर काम करती थी।

 

काम के दौरान मिली आईएएस बनने की प्रेरणा

 

अपर्णा रमेश जब बतौर आर्किटेक्ट काम कर रही थी, तब उन्होंने देखा कि आईएएस अधिकारी के पास शक्तियां होती हैं, जिसका इस्तेमाल कर सामाज के लिए  बेहतर किया जा सकता है। ऐसे में उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने का निर्णय लिया।



वर्क फ्रॉम में पढ़ने के लिए निकालती थी घंटे

 

आईएएस बनने का निर्णय लेने के बाद उन्हें इसके लिए पढ़ना था, लेकिन वह नौकरी भी नहीं छोड़ना चाहती थी। ऐसे में उन्होंने नौकरी छोड़ने के बजाय नौकरी के साथ ही पढ़ना शुरू किया। इसके लिए वह वर्क फ्रॉम होम में टाइम टेबल बनाकर पढ़ती थी। वह सुबह 4 बजे से लेकर 7 से 8 बजे तक पढ़ती थी। इसके बाद पूरा दिन ऑफिस का काम करती थी। हालांकि, बीच-बीच में समय मिलने पर वह अपनी तैयारी भी करती रहती थी। 



पहले प्रयास में हो गई थी फेल

 

अपर्णा रमेश ने पूरी तैयारी करने के बाद आईएएस के लिए परीक्षा दी, लेकिन वह असफल हो गई। वह प्रिलिम्स की परीक्षा भी पास नहीं कर सकी थीं। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी, बल्कि फिर से तैयारी में जुट गई और दूसरे प्रयास के लिए कड़ी मेहनत की। 



दूसरे प्रयास में हासिल की 35 रैंक 

 

अपर्णा रमेश ने अपने दूसरे प्रयास में पूरी मेहनत के साथ तैयारी की और इस बार प्रिलिम्स, मेंस व इंटरव्यू को पास करते हुए वह परीक्षा को पास करने में सफल रहीं। उन्होंने देशभर में 35 रैंक हासिल कर टॉपर की सूची में अपना नाम दर्ज कराया। अपर्णा ने तैयारी के लिए एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तकों का अध्ययन किया। वहीं, पॉलिटी के लिए उन्होंने लक्ष्मीकांत की इंडियन पॉलिटी किताब भी पढ़ी थी।

 

अपर्णा की कहानी हमें बताती है कि यूपीएससी सिविल सेवा के लिए जरूरी नहीं कि आप नौकरी छोड़ें और तैयारी करें, बल्कि आप टाइम मैनेटमेंट के साथ भी अपनी तैयारी को धार दे सकते हैं। इसके लिए नियमित रूप से अध्ययन की जरूरत है। 

 

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