IFS Success Story: बहुत ही कम लोग होते हैं, जो किसी एक काम के साथ दूसरे काम पर ध्यान केंद्रित कर पाते हैं। इनमें भी बहुत कम ऐसे लोग होते हैं, जो किसी और काम पर ध्यान केंद्रित कर भी ले, तो उसमें ठीक-ठाक पहचान बना ले। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से एक ऐसे ही शख्स की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षाओं में शामिल सिविल सेवा परीक्षा को पास कर आईएफएस अधिकारी बनने का सफर पूरा किया। साथ ही कविताएं लिखकर लोगों के प्रेम व सम्मान को भी हासिल किया। यही नहीं वह मेडागास्कर में बनने वाले सबसे कम उम्र के राजदूतों में से एक हैं।
अभय का परिचयः
सबसे कम उम्र के भारतीय विदेश सेवा अधिकारी अभय का जन्म और पालन-पोषण बिहार के नालंदा जिले के राजगीर में हुआ था। उन्होंने नई दिल्ली स्थित नेहरू जवाहरलाल विश्वविद्यालय से अपनी कॉलेज शिक्षा पूरी की। साथ ही वह देश की प्रतिष्ठित सिविल सेवा की तैयारी करने लगे। उन्होंने साल 2003 में सिविल सेवा परीक्षा में 167वीं रैंक प्राप्त की और भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी बन गए। सिविल सेवा की परीक्षा में उन्होंने 2300 में से कुल 1228 अंक हासिल किए थे।
मॉस्को यूनिवर्सिटी से सीखी रूसी भाषा व साहित्य
अभय ने जेएनयू के बाद मॉस्क यूनिवर्सिटी से इतिहास, साहित्य व रूसी भाषा का भी ज्ञान हासिल किया है। साथ ही उन्हें पुर्तगाली भाषा भी आती है। इसके अलावा वह हिंदी, अंग्रेजी व नेपाली भाषा का भी अच्छा ज्ञान रखते हैं।
उनके द्वारा लिखी गई यह हैं प्रमुख रचनाएं
अभय सिर्फ एक अधिकारी होने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वह लिखने का भी शौक रखते हैं। यही वजह है कि उन्होंने अपने द्वारा कई रचनाएं लिखी हैं। उन रचनाओं में से उनकी कुछ प्रसिद्ध रचना Seduction of Delhi, Earth Anthem और Colours of soul है। उनकी यह रचनाएं बेस्ट सेलर भी रही हैं।
मॉस्को, सेंट पीटर्सबर्ग और काठमांडू में दे चुके हैं सेवाएं
भारतीय विदेश सेवा अधिकारी के रूप में वह विदेशों में महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उन्होंने मॉस्को, सेंट पीटर्सबर्ग और काठमांडू में कई भारतीय मिशनों पर काम किया है। साल 2010 में उन्होंने विदेश मंत्रालय में डिजिटल डिप्लोमेसी के अवर सचिव के रूप में अपनी सेवाएं दी। वहीं, तीन साल यानि 2012 से 2015 तक, उन्होंने काठमांडू में भारतीय दूतावास के प्रतिनिधि के रूप में काम किया। इसके बाद 2015 में वह लंदन स्थित नेहरू सेंटर के निदेशक के रूप में नियुक्त हुए।
केवल 38 की उम्र में मेडागास्कर में बने भारत के राजदूत
आईएफएस अधिकारी अभय को साल 2015 में भारत के उप उच्चायुक्त के रूप में नियुक्त किया गया। बाद में वह ब्राजील में भारतीय दूतावास में भारत के मिशन के उप प्रमुख के रूप में नियुक्त हुए। यही नहीं केवल 38 साल की उम्र में मेडागास्कर में राजदूत के रूप में नियुक्त होने पर वह अब तक के सबसे कम उम्र वाले व्यक्ति भी बन गए।
अभय के सुझाव पर ब्राजील में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय राजनियक दिवस
अभय के सुझाव पर ब्राजिल में पहली बार अंतरराष्ट्रीय राजनियक दिवस मनाया गया था। उन्होंने सुझाव दिया था कि 24 अक्टूबर को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र दिवस के अवसर पर ही राजनियकों का अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया जाना चाहिए, जिसके बाद साल 2017 में ब्राजील में पहली बार यह मनाया गया और दुनियाभर के राजनियकों की ओर से इसे अच्छी प्रतिक्रिया मिली।
साल 2018 में वाशिंगटन में किए गए सम्मानित
अभय की कविताओं और रचनाओं ने उन्हें देश-विदेश में प्रसिद्धी दिलाई। इस कड़ी में साल 2018 में वाशिंगटन डीसी में ग्रेस कैवलियरी द्वारा लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस में लंबे समय से चल रही श्रृंखला द पोएट्स एंड द पोएम्स में कविता को रिकॉर्ड करने के लिए उन्हें सम्मानित किया गया था। वह इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम में कविता को रिकॉर्ड करने वाले पहले भारतीय कवि बने थे।
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