शैक्षिक सत्र 2026-27 से राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) ने 10वीं और 12वीं के बोर्ड एग्जाम को लेकर एक बड़ा जारी किया है, जो छात्रों के लिए लाभदायक साबित होगा। अब ये एग्जाम साल में दो बार आयोजित कराए जाएंगे।
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने ऑफिशियल एक्स (X) अकाउंट पर पोस्ट करते हुए कहा कि, "दोनों बारी होने वाले एग्जाम पूरे सिलेबस पर आधारित होंगे। साथ ही, छात्रों के बेस्ट माक्स को उनके रिजल्ट में शामिल किया जाएगा, जो छात्रों के लिए अधिक अवसर के साथ, तनाव भी कम करने में मदद करेगा। इस नियम से बच्चों का रिजल्ट बेहतर होता है।
पहले होने वाले एग्जाम सभी छात्रों के लिए अनिवार्य होंगे, जबकि दूसरी बारी के एग्जाम ऑप्शनल होगे, जिससे सभी छात्र किसी तीन सब्जेक्ट्स में अपने नंबर में सुधार कर सकते है।
छात्रों के लिए "गोल्डन चांस"
इस नए नियम को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप लागू किया जा रहा है। यह उन छात्रों के लिए एक "गोल्डन चांस" की तरह है, जो किसी कारणवश पहले एग्जाम में अच्छे नंबरों से पास नहीं हो पाएं।
नया एग्जाम का शेड्यूल कैसे काम करेगा।
| विशेषता | डिटेल्स |
| लागू होने की डेट | शैक्षिक सत्र 2026-27 |
| एग्जाम की संख्या | साल में दो बार (प्रथम अवसर और द्वितीय अवसर) |
| प्रथम एग्जाम | सभी छात्रों के लिए जरूरी |
| द्वितीय एग्जाम | ऑप्शनल |
| सिलेब्स | दोनों एग्जाम में फुल सिलेब्स शामिल होगा |
| रिजल्ट | बेस्ट ऑफ टू अटेंप्ट |
कब होंगी ये परीक्षाएँ?
राजस्थान बोर्ड ने दोनों एग्जाम के अनुमान समय की घोषणा कर दी गई है, जिससे छात्र अपनी तैयारी को बेहतर ढंग से बना सकते हैं।
| एग्जाम का नाम | संभावित टाइम | उद्देश्य |
| पहले एग्जाम का टाइम | फरवरी-माई | सभी छात्रों के लिए जरूरी पहले एग्जाम |
| दूसरे एग्जाम का टाइम | मई-जून | अंक सुधारने या मुख्य एग्जाम में अनुपस्थित छात्रों के लिए। |
दूसरे एग्जाम के लिए कैसे मिलेगा मौका?
दूसरे एग्जाम का लाभ छात्रों के लिए काफी लाभदायक होंगे। लेकिन, आइए जानते हैं इसके लिए बनाए गए कुछ नियम क्या है।
- अंक सुधार के लिए: पहले एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को अधिकतम तीन सब्जेक्ट में दोबारा एग्जाम देकर अपने नंबरों को सुधार सकते हैं।
- यदि कोई छात्र वैध मेडिकल सर्टिफिकेट या जिला शिक्षा अधिकारी के प्राधिकरण के साथ पहली परीक्षा में अनुपस्थित रहता है, तो उसे द्वितीय परीक्षा में बैठने की अनुमति होगी।
- पूरक (Supplementary) छात्र: पूरक अंक प्राप्त करने वाले छात्र पूरक विषयों सहित अधिकतम तीन विषयों में दोबारा परीक्षा दे सकेंगे।
- फेल होने पर: यदि कोई छात्र प्रथम परीक्षा में फेल होता है, तो वह द्वितीय प्रयास में फेल हुए विषयों में फिर से बैठ सकता है। हालांकि, जो छात्र दूसरे प्रयास में भी फेल होते हैं, उन्हें अगले शैक्षणिक वर्ष की मुख्य परीक्षा में ही शामिल होना पड़ेगा।

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