जिज्ञासा में जीत

सुकरात ने कहा था कि ज्ञान और जिज्ञासा सफलता के खजाने तक पहुंचने के मूल रास्ते हैं। यानी जिज्ञासा ही जीत का रास्ता तय करती है। ऐसा क्यों कहा था उन्होंने?

Apr 1, 2009, 03:59 IST

हमारे अंदर कई तरह की शक्तियां छिपी हुई हैं। इन शक्तियों को जगाने के लिए हमें अपने जिज्ञासा रूपी अस्त्र को हर समय जागृत करके रखने की सबसे अधिक आवश्यकता होती है, क्योंकि इसी अस्त्र के माध्यम से हम अपने लक्ष्य को भेद सकते हैं। दरअसल, सफलता हासिल करने के लिए जिज्ञासा रूपी बीज बोना बहुत जरूरी है। रबींद्रनाथ टैगोर ने कहा था हमारा सारा ज्ञान एवं सारी योग्यताएं जिज्ञासा के बिना व्यर्थ हैं। जिज्ञासी होगी, तभी हम किसी काम को सीख सकते हैं या लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। हां, उन्होंने सच ही कहा है कि सफलता के द्वार पर दस्तक देने के लिए जिज्ञासा संजीवनी की तरह काम करता है। गुरुवाणी में भी यही बातें कही गई हैं कि केवल पढने से नहीं, जिज्ञासा के साथ पढने से ही बात बनती है। यानी जिज्ञासा जगाओ और बूझो..फिर जगाओ और फिर बूझो। दरअसल, हमारे भीतर का जो अनहद नाद है, उसे समझो। ..और उसे समझने के लिए जिज्ञासा रूपी खिडकी को खोल कर रखना होगा। देखा जाए, तो इनसान की दुनिया क्यों, कैसे, क्या, कब और कहां जैसे सवालों से भरी हुई है। दरअसल, किसी भी घटना के पीछे इन्हीं सवालों का जवाब होता है। इनके जवाब ढूंढने की प्रक्रिया को ही उत्सुकता का नाम दिया जाता है। यही उत्सुकता ज्ञान का रास्ता दिखाती है, जो आगे सफलता हासिल करने में सहायता करती है। यदि यह कहें कि ज्ञान और जिज्ञासा सफलता के खजाने तक पहुंचने के मूल और महत्वपूर्ण रास्ते हैं, तो शायद गलत नहीं होगा। वैसे, एक सर्वे में भी यह बात सामने आई है कि हर सफल व्यक्ति जिज्ञासु प्रवृत्ति का होता है, क्योंकि हर छोटी-बडी चीज को जानने, समझने और उस पर विचार करने की कोशिश ही उन्हें सफलता के मायने समझाती है। वैसे, यह भी एक सच्चाई है कि विचारों का यही मंथन इंसान को न केवल ज्ञान के नए-नए स्वरूप से परिचय कराता है, बल्कि कामयाबी की नई-नई राहें भी दिखलाता है। इसलिए आप ऐसा कह सकते हैं कि उत्सुकता और नया जानने की प्रवृत्ति ही एक न एक दिन आपको सफलता के चरम तक पहुंचाती है, लेकिन प्रश्न यह उठता है कि कैसे? उदाहरण के तौर पर यदि देखें, परखें और जानने-समझने की कोशिश करें, तो हम पाएंगे कि दुनिया में अब तक जितनी भी खोजें हुई हैं, वे सभी वैज्ञानिकों की जिज्ञासा का ही फल हैं। इसलिए यदि आप जिज्ञासा के साथ उन कारणों और सवालों के जवाब खोजने में सक्षम हैं, तो इसमें कोई दो राय नहीं है कि यह आपकी क्षमता और क्रियाशीलता को कई गुना बढा सकती है। हां, आपकी उत्सुकता और जिज्ञासा से ये फायदे भी हो सकते हैं।

फुर्ती अपनाएं

आमतौर पर यही देखा जाता है कि मनोरंजन के अनगिनत संसाधन होने के बावजूद लोगों को बोरियत जैसी परेशानी से जूझना ही पडता है। कभी-कभी बोरियत किसी व्यक्ति पर इतनी ज्यादा हावी हो जाती है कि अनिद्रा जैसी खतरनाक बीमारी को भी अपने साथ ले आती है। मगर एक सच्चाई यह भी है कि एक जागरूक और विभिन्न विषयों में रुचि रखने वाला व्यक्ति कभी भी बोर नहीं हो सकता। इसीलिए मात्र एक क्रियाशील, सक्रिय और फुर्तीला दिमाग ही आपको ऐसी बीमारी से बचा सकता है।

काम को बनाएं दिलचस्प

कार्यक्षेत्र में रुचि होने की वजह से जानकारी और ज्ञान का स्तर बढ जाता है और यही वह वजह है कि अपने काम के प्रति आपका लगाव स्वत: ही बढ जाता है। काम में और ज्यादा रुचि जगाने के लिए उसमें जिज्ञासा पैदा करनी होगी, बशर्ते यदि आप अपने काम को बोझ की तरह नहीं, बल्कि एक दिलचस्प और रोचक जिम्मेदारी समझकर करना चाहते हैं।

नई सोच

जिज्ञासा किसी भी व्यक्ति के दिमाग में नई सोच व विचारों के नए-नए आयाम पैदा करती है। दूसरों में आपकी दिलचस्पी और उनको जानने की जिज्ञासा ही आपको कई मायने में कुछ नया करने की ओर प्रेरित कर सकती है। दरअसल, जिज्ञासा होने के कारण ही एक दिन ऐसा भी आता है, जब आपके ज्ञान का स्तर रोज नई-नई जानकारी हासिल करने के कारण कई गुना बढ जाता है। और अंतत: वह दिन भी आता है, जब आप अपनी मंजिल तक पहुंचने में सफल हो जाते हैं।

बनाएं विशिष्ट पहचान 

क्यों और कैसे का जवाब ढूंढने में कई बार आप कुछ नया अर्थ खोज लेते हैं और इस तरह आप अपने नित नए विचारों से दूसरों को चौंका देते हैं। दरअसल, आपके ये नए आइडियाज ही दूसरों के लिए आकर्षण का कारण बन जाते हैं। केवल यही नहीं, जिज्ञासा से आप अपने ऑफिस में सामान्य रहकर भी एक विशिष्ट व महत्वपूर्ण व्यक्ति बन सकते हैं।

बौद्धिक स्तर की परख

सच तो यह है कि हमारे सवालों से ही हमारे बौद्घिक स्तर का पता चलता है। जैसे-जैसे सवालों यानी जिज्ञासा का यह सिलसिला बढता जाता है, ठीक उसी तरह कुछ नया जानने की इच्छा और भी प्रबल होती जाती है। इसके साथ ही इस पूरे क्रम में आपके बौद्धिक स्तर का विस्तार भी होता रहता है।

रचनात्मक विचारक होते हैं

एक जिज्ञासु व्यक्ति के सामने हजारों संभावित रास्ते खुले होते हैं, जो उन्हें नए उपायों, लाभकारी प्रस्तावों और सबसे ज्यादा रचनात्मक विचारों से लाभान्वित कराता है। जिज्ञासु व्यक्ति किसी पुरानी लीक पर चलते हुए अपना जीवन-यापन नहीं करता, बल्कि सभी बाधाओं को तोडकर कुछ नया करने की कोशिश करता व सोचता रहता है। हालांकि एक साइक्रिएटिस्ट का मानना यह है कि कामयाबी सिर्फ जिज्ञासा की देन नहीं है, बल्कि इसके साथ-साथ आपकी उपयुक्त योग्यता और सही मार्गदर्शन की भागीदारी भी समान रूप से होती है। किसी भी रेस में भागने के लिए यह अवश्य ज्ञात होना चाहिए कि हम कहा खडे हैं और हमें कहां पहुंचना है! इसलिए यदि ऐसी स्थिति बन जाए, तो कहना न होगा कि आपकी जिज्ञासा आपके जीवन को नया रूप दे सकती है ..और आप नित नए-नए अनुभवों और कार्यो से अपनी कामयाबी में चार चांद लगा सकते हैं।

nirmalendu@nda.jagran.com

निर्मलेंदु

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