पार्ट टाइम जॉब्स अक्सर उन लोगों के लिए अंतिम समाधान के रूप में संदर्भित होती हैं जो एक ही समय में एक से अधिक लक्ष्य की ओर उन्मुख होते हैं. ज्यादातर लोग पार्ट टाइम जॉब्स को एक वरदान के रूप में देखते हैं जो उनके आर्थिक पक्ष को मजबूत करते हुए जीवन में अभीष्ट को हासिल करने में मदद कर सकता हैं. जबकि वास्तविकता यह है कि पार्ट टाइम जॉब्स करना न तो सरल है और न अर्थपूर्ण ही है.
इसमें कोई संदेह नहीं है किपार्ट टाइम जॉब्स ज्यादातर लोगों को लुभाती है. इस तरह की जॉब्स का क्रेज कॉलेज स्टूडेंट्स तथा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों में बहुत ज्यादा है. तो, क्या ये पार्ट टाइम जॉब्स लॉन्ग टर्म सक्सेस के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं? जाहिर तौर पर नहीं! नौकरी तलाशने वालों और युवा प्रोफेशनल्स द्वारा पार्ट टाइम जॉब्स से होने वाले नुकसान या दुष्प्रभाव नज़रन्दाज कर दिए जाते है. इन दुष्प्रभावों में से हमने कुछ को चिन्हित करते हुए ये समझाने की कोशिश की है कि कैसे ये आपके समग्र करियर को प्रभावित कर सकते हैं?
कम सैलरी
पार्ट टाइम जॉब्स में सैलरी कम होती हैं. इसी कारण पार्ट टाइम जॉब्स से छात्रों और युवाओं को दूर रहना चाहिए. कंपनियां पार्ट टाइम एम्प्लॉइज या फ्रीलान्सर्स को कम वेतन देती हैं जिसका सीधा सा मतलब है कि एक ही काम करने और एक ही प्रदर्शन लक्ष्य को प्राप्त करने के बावजूद आपको उस व्यक्ति की तुलना में कम भुगतान किया जाएगा. इस बात में कोई शक नहीं है कि फ्लेक्सिबल वर्क सेड्यूल के कारण पार्ट टाइम जॉब्स लोगों का ध्यान आकर्षित करती है लेकिन जब हम आर्थिक दृष्टिकोण से पार्ट टाइम जॉब्स को देखते हैं तो कम वेतन तथा अन्य कर्मचारी सुविधाओं का न निलना हमें काफी निराश कर देता है.
जॉब सेक्यूरिटी का अभाव
कॉर्पोरेट जगत के नियमों के अनुसार काम करने वाली कंपनियां अक्सर कुछ समय के लिए पार्ट टाइम एम्प्लॉइज या फ्रिलान्सर्स को नौकरी पर रख लेते हैं. कंपनियों में इस तरह की जॉब किसी खास प्रोजेक्ट के लिए ही उपलब्ध होती हैं. प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद पार्ट टाइम जॉब्स कर रहे कर्मचारी के भविष्य पर अक्सर प्रश्न चिन्ह लग जाता है. हालांकि,पार्ट टाइम जॉब्स अक्सर छात्रों या युवा पेशेवरों को उनके अन्य कार्यों को पूरा करने में सहायता करते हैं. पर जब बात लॉन्ग टर्म प्रोग्रेस और जॉब सेक्यूरिटी की आती है तो फुल टाइम जॉब ही उचित विकल्प के रूप में दिखाई देता है.
एम्पलॉइ बेनिफिट
पार्ट टाइम जॉब्स करने वाले प्रोफेशनल्स को फुल टाइम जॉब करने वाले प्रोफेशनल्स को मिलने वाली सेवायें और लाभ नहीं दिए जाते हैं जो कि पार्ट टाइम जॉब्स का सबसे बड़ा ड्रा-बैक हैं. इसमें स्वास्थ्य बीमा, रिटायरमेंट बेनिफिट, और अन्य आवश्यक सुविधाएं शामिल हैं जो एक फुल टाइम एम्प्लॉयी को मिलते हैं. लेकिन, पार्ट टाइम एम्प्लॉयी को इन सारी सुविधाओं और सेवाओं से दूर रखा जाता है.
नो जॉब प्रमोशन
प्रमोशन और सैलरी हाईक ही ऐसे कारक हैं जो एक प्रोफेशनल को मेहनत करने और परफोर्मेंस इम्प्रूव करने के लिए लगातार प्रेरित करते हैं. इसके अतिरिक्त, ये दो कारक यह भी सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं कि आप अपना काम अच्छी तरह से कर रहे हैं. प्रोफेशनल की कार्यकुशलता और अच्छे प्रदर्शन के लिए कंपनी या संगठन उनकी सराहना करने के साथ साथ उनके करियर ग्रोथ के लिए प्रयास भी करते हैं. लेकिन, जब पार्ट टाइम जॉब्स की बात आती है तो प्रोन्नति या सैलरी हाईक जैसी प्रेरणादायक कारक नदारद रहते हैं. जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि पार्ट टाइम जॉब्स कि पेशकश अक्सर अल्पकालिक परियोजनाओं तथा दीर्घकालिक परियोजनाओं के लिए की जाती है जिसमे प्रमोशन और सैलरी हाईक की संभावनाएं नहीं होती हैं.
अनअकाऊंटेड एक्सपीरियंस
भारत एक ऐसा जॉब मार्केट हैं जो कि अनुभवी और प्रतिभाशाली प्रोफेशनल्स को ज्यादा वरीयता देता है. जब कोई उम्मीदवार नौकरी के लिए आवेदन करता हैं तो उसे आपेक्षित अनुभव और कौशल की जरुरत पड़ती हैं. पर्याप्त अनुभव और कौशल अच्छे वेतन की लिए आवश्यक शर्त है. लेकिन, जब पार्ट टाइम जॉब्स की बात आती है तो संस्थान के एच आर डिपार्टमेंट या इंटरव्यूअर अनुभव का उचित लाभ नहीं देते हैं. अगर सरल शब्दों में कहें तो आपके जीवन भर का अनुभव पार्ट टाइम जॉब्स में आपको कोई भी लाभ नहीं देने वाला है. इसके अतिरिक्त, पार्ट टाइम जॉब्स में लिए गए अनुभव को फुल टाइम जॉब के इंटरव्यू में भी कोई खास वरीयता नहीं दी जाती है. यह पार्ट टाइम जॉब्स का सबसे बड़ा ड्रॉ-बैक है जो अक्सर पार्ट टाइम जॉब्स के उम्मीदवारों द्वारा नज़रन्दाज कर दिया जाता है.
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