कॉलेज स्टूडेंट्स को डायरी राइटिंग से मिलते हैं अनेक रचनात्मक लाभ

भारत में भी अन्य अनेक देशों की तरह ही स्टूडेंट्स को अपनी कॉलेज लाइफ में अनेक चुनौतियों का सामना अकेले करना पड़ता है. कॉलेज लाइफ का मतलब है जीवन के एक नये फेज की शुरुआत और आपकी डायरी राइटिंग हैबिट जोड़ सकती है इसमें कुछ नया.

Some Wonderful Benefits of Writing Diary for College Students
Some Wonderful Benefits of Writing Diary for College Students

अक्सर कॉलेज स्टूडेंट्स को अपनी कॉलेज लाइफ में कई चुनौतियों का सामना अकेले करना पड़ता है. कॉलेज में आप अपने घर, परिवार और स्कूल के दोस्तों के साथ-साथ अनेक जानी-पहचानी चीजों से दूर हो जाते हैं. अक्सर नये परिवेश और नये दोस्तों के साथ एडजस्ट होना उतना भी आसान नहीं होता है जितना आपको कॉलेज ज्वाइन करने से पहले लगता है. अगर आपका कोई दोस्त या आपके परिवार का कोई सदस्य आपके साथ या आपके आस-पास हो तो यह आपके लिए बहुत अच्छी बात हो सकती है. लेकिन फिर भी, आप उनसे हर बात तो शेयर नही कर सकते हैं और इसलिए आप अक्सर किसी ऐसे दोस्त की तलाश में रहते हैं जो आपके सभी सीक्रेट्स अपने तक ही सीमित रखे, किसी को भी न बताये और .......... एक ‘डायरी’ के सिवाय और कौन आपका ऐसा दोस्त हो सकता है. दरसल आज भी डायरी लिखना एक पूराना या घिसा-पिटा तरीका नहीं है. हमारे कॉलेज स्टूडेंट्स को  रोजनामचा या डायरी लिखने के अनेक लाभ मिलते हैं जिनके बारे में आप यह आर्टिकल पढ़कर आगे जान सकते हैं:  

Career Counseling

बढ़ती जाती है माइंडफुलनेस/ सचेतनता

डायरी लिखने से सभी को कई लाभ मिलते हैं -  अपने विचारों को लिखने से आप विचारों की एक नई दुनिया में प्रवेश कर जाते हैं. पूरे दिन की भाग-दौड़ और थकावट के बाद, आपके विचार और भावनायें बाहर की ओर उमड़ने को तो जैसे तैयार ही रहते हैं. लेकिन जैसे – जैसे आप अपनी निराशा और अवसाद डायरी में लिखते जाते हैं, आप स्थिर और शांत होते चले जाते हैं. आपको ऐसा लगता है कि मानों आप के दिल पर से कोई भारी बोझ उतर गया हो. आपके दिमाग से कुछ समय पूर्व की निराशा और अपने भविष्य को लेकर होने वाली बेकार की चिंता निकल जाते हैं. आप ‘यहां और अभी’ अर्थात् अपने वर्तमान पर फिर से फोकस्ड हो जाते हैं.

आप अपनी भावनाओं पर अब अपना ज्यादा अच्छा नियंत्रण महसूस करते हैं. यह तब आपके लिये और भी जरुरी हो जाता है जब आप अपने घर – परिवार और पहले की अन्य सभी सुविधाओं से दूर अपनी जिन्दगी के एक नये फेज से गुजर रहे हों. इससे आपको अपनी जिन्दगी में आये बदलावों का सामना करने में काफी मदद मिल सकती है.

सीख लेते हैं कॉलेज स्टूडेंट्स अपने लक्ष्य हासिल करना

डायरी लिखने का सिर्फ यह अर्थ नहीं है कि केवल अपने रोज़ की दिनचर्या या घटनाओं का ही विवरण लिखा जाये.  आप अपनी डायरी कई तरह से लिख सकते हैं जैसे आप अपने सपनों और लक्ष्यों को अपने डायरी में लिख सकते हैं. शायद ऐसा करना आपको अजीब या मूर्खतापूर्ण लगे. अब जरा पहले नक्शा या ब्लूप्रिंट बनाये बिना किसी इमारत को बनाने के बारे में सोच कर देखें. ये दोनों बातें बिलकुल एक-सी हैं. इमारत का ब्लूप्रिंट बनाये बिना आप उसे बनाने में गलतियां कर सकते हैं और आपको बार-बार फिर से अपना काम करना पड़ेगा. ठीक ऐसा ही आपके द्वारा अपने गोल्स या लक्ष्य लिखने को लेकर कहा जा सकता हैं. जब आप किसी लक्ष्य को लिख लेते हैं तो आपका दिमाग उसे एक महत्वपूर्ण सूचना या बात के रूप में याद रखता है. जितना अधिक आप किसी लक्ष्य के बारे में लिखते हैं या अपने द्वारा निर्धारित लक्ष्य का ब्यौरा खुल कर लिखते हैं, उतना अधिक उसे पाने के लिए आप प्रयास करते हैं, इसमें कोई दो-राय नहीं है.

भावनात्मक समझ में भी होता है इजाफ़ा

भावनात्मक समझ या इमोशनल इंटेलिजेंस अपनी भावनाओं को समझने और मैनेज करने के साथ ही अपने आस-पास के लोगों की भावनाओं को समझने और मैनेज करने की भी क़ाबलियत है. डायरी लिखने से आप अपनी भावनाओं को ज्यादा अच्छी तरह मैनेज कर पाते हैं. इससे आपको अपनी निगेटिव और पॉजिटिव, दोनों ही प्रकार की भावनाओं को बयां करने में मदद मिलती है. जब कभी आप निगेटिव या पॉजिटिव भावनाओं में से किसी एक तरह की भावनाओं से भरे होते हैं तो आप किसी के साथ अपने इन विचारों या भावनाओं को बांटना चाहते हैं. ऐसे किसी के साथ, जिस पर आप पूरा भरोसा कर सकें, जो आपके राज़ या सीक्रेट्स किसी को भी न बताये और इससे अच्छा क्या होगा यदि आप इसे अपने बेस्ट फ्रेंड – अपनी डायरी के साथ शेयर करें.

अपनी भावनाओं को लिखने से अपनी भावनात्मक स्थिति से अच्छी तरह अवगत रहने के साथ ही समय – समय पर आत्म-विश्लेषण करने में आपको भरपूर मदद मिलती है. इसकी ज्यादा प्रैक्टिस कर लेने पर, आप दूसरे लोगों के भावनात्मक स्तर को भी अच्छी तरह समझ पायेंगे और इससे आप अन्य लोगों के साथ अच्छे संबंध कायम कर सकेंगे तथा आपको अपनी पूरी जिंदगी के लिए दोस्त बनाने में आसानी होगी.

बढ़ जाता है स्टूडेंट्स का संपर्क कौशल

जहां तक कम्यूनिकेट करने या सम्पर्क करने की बात आती है, बात-चीत करने की तरह ही अपनी बात लिख कर संपर्क कायम करना भी बहुत आवश्यक कौशल या स्किल है. इसके अलावा, हम यह भी कह सकते हैं कि लिखने और बोलने का आपस में बहुत गहरा संबंध होता है. कल्पना करें, आपको अचानक किसी टॉपिक पर बिना किसी तैयारी के कुछ बोलना पड़े और यदि आप एक जन्म-जात वक्ता न हों,तो  आप ऐसा करने से पहले जरुर एक बार अच्छी तरह सोचेंगे. अब बार-बार उस टॉपिक के बारे में कुछ न कुछ सोचने के बजाय आप कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट्स फटाफट लिख लेते हैं. ऐसा करने से आपको बहुत सुविधा मिलेगी. लिखने से आपके विचार बेसिर-पैर के न होकर स्पष्ट हो जायेंगे. आप किसी भी बात पर साफ तौर पर सोचने और अच्छी तरह फोकस करने में सक्षम हो जायेंगे. इससे आपको ज्यादा उपयोगी बात-चीत करने में सहायता मिलेगी. इसके अतिरिक्त, डायरी में अपने साथ बीता इतना सब कुछ लिखना वास्तव में अगर खुद अपने साथ लिखित संपर्क कायम करना नहीं है तो और क्या है?

खुद के उपचार का है एक अच्छा विकल्प

अधिकांश डायरी लिखने वाले लोगों के लिए यह मुसीबतों का सामना करते हुए खुद के उपचार का एक उम्दा तरीका है. बहुत बार आप कुछ ऐसा महसूस या अनुभव करते हैं जिसे आप किसी से भी शेयर नहीं कर सकते, चाहे वह आपकी मॉम हों या आपका कोई बेस्ट फ्रेंड हो या फिर कोई दूसरा करीबी दोस्त या रिश्तेदार ही हो. फिर भी, आप उसे किसी को जरुर बताना चाहते हैं. तब आप अपने एकमात्र दोस्त का सहारा लेते हैं जो आपके सीक्रेट्स अपने तक ही रखने में एक्सपर्ट है और वह कोई और नहीं है – आपकी डायरी ही है.

‘राइटिंग टू हील’ के लेखक डॉ. जेम्स पेंनेबकर कहते हैं कि, ‘एक्स्प्रेसिव राइटिंग हीलिंग – भावनात्मक, शारीरिक और मानसिक संतुलन – का एक तरीका है.’ वे इसे आगे स्पष्ट करते हैं, स्ट्रेस या तनाव ज्यादा सोचने की वजह से होता है जिससे काल्पनिक एवं भावनात्मक रुकावटें पैदा होती हैं. लिखकर अपनी भावनाओं को उजागर कर देने के बाद व्यक्ति को शांति महसूस होती है और व्यक्ति अपनी स्थिति को अच्छे तरीके से कंट्रोल कर पाता है. विभिन्न अध्ययनों से भी यह बात स्पष्ट हुई है कि जो विचार आपके जी का जंजाल बने हुए हैं, उन्हें लिख देने से आपके चिंता और तनाव कम होते हैं और आपको रात में अच्छी नींद आती है. 

रचनात्मकता को मिलती है नई दिशा

जैसे कि हम पहले लिख चुके हैं कि कोई भी व्यक्ति अपनी जरूरतों के अनुसार कई तरह से डायरी लिख सकता है. कुछ लोग अपनी डायरी में अपने भविष्य के सपने संजो कर रखते हैं, कुछ व्यक्ति अपनी रोज़-रोज़ की घटनाओं का वर्णन अपनी डायरी में करते हैं तो कुछ व्यक्ति ऐसे भी होते हैं जो क्रिएटिव राइटिंग या रचनात्मक लेखन जैसे – कविता, कहानी, गीत आदि लिखने के लिए अपनी डायरी का इस्तेमाल करते हैं. अन्यथा आप एक सिंपल आईडिया डायरी लिख सकते हैं, एक ऐसी डायरी जिसमें आप अपने मन में पैदा होने वाले सभी अजीबोगरीब आइडियाज लिख सकते हैं. अपने आइडियाज को कहीं पर लिख लेने से आप कभी भी उन्हें पढ़ सकते हैं. कुछ आइडियाज शायद इस समय किसी काम के न हों पर कौन जानता है कि आने वाले कल में वे आइडियाज आपके लिए बहुत फायेदेमंद साबित हों.

इसके अतिरिक्त, जब आप रचनात्मक विचारों पर जान-बूझकर फोकस करते हैं तो आपका दिमाग कई ऐसे आइडियाज आपके सामने पेश करता है कि आप खुद हैरान रह जाते हैं. कई बार बिना किसी सोच-विचार के ही आपके दिमाग में बेस्ट आइडियाज पैदा होते हैं. ऐसा इसलिये होता है क्योंकि आपके दिमाग को हमेशा क्रिएटिव आइडियाज तलाशने की आदत होती है और जहां कहीं इसे छोटा सा भी मौका मिलता है, इसलिये, डायरी लिखना एक बहुत अच्छी आदत है. यह एक ऐसा दोस्त है जिसपर आप पूरा भरोसा कर सकते हैं. चाहे आप किसी प्रकार का भावनात्मक आवेग महसूस कर रहे हों या नहीं, डायरी लिखने से आपको काफी सहायता मिल सकती है.

जॉब, करियर, इंटरव्यू, प्रोफेशनल कोर्सेज, कॉलेज और यूनिवर्सिटीज़ के बारे में लेटेस्ट अपडेट्स के लिए आप हमारी वेबसाइट www.jagranjosh.com पर नियमित तौर पर विजिट करते रहें.  

 

अन्य महत्तवपूर्ण लिंक

ये हैं प्रभावी ऑनलाइन कंटेंट राइटिंग के लिए कुछ कारगर टिप्स

इंडियन स्टूडेंट्स के लिए बेस्ट आंसर राइटिंग टिप्स, मिलेंगे बढ़िया मार्क्स

राइटिंग स्किल्स: कॉलेज स्टूडेंट्स इम्प्रेसिव राइटिंग के लिए ये टिप्स जरुर करें फ़ॉलो

Related Categories

Jagran Play
खेलें हर किस्म के रोमांच से भरपूर गेम्स सिर्फ़ जागरण प्ले पर
Jagran PlayJagran PlayJagran PlayJagran Play

Related Stories