एमबीबीएस की डिग्री के बाद आप अपना सकते हैं ये 7 करियर्स

भारत में मेडिकल फील्ड सबसे ज्यादा पसंदीदा पेशों में से एक है. इस पेशे में स्टेबिलिटी के साथ  बढ़िया सैलरी भी मिलती है और यही कारण है कि हरेक वर्ष लाखों स्टूडेंट्स नीट और ईएमएस के एग्जाम्स देते हैं.

7 careers you didn’t know you could pursue with an MBBS
7 careers you didn’t know you could pursue with an MBBS

भारत में मेडिकल फील्ड सबसे ज्यादा पसंदीदा पेशों में से एक है. इस पेशे में स्टेबिलिटी के साथ  बढ़िया सैलरी भी मिलती है और यही कारण है कि हरेक वर्ष लाखों स्टूडेंट्स नीट और ईएमएस के एग्जाम्स देते हैं. लेकिन एक स्टूडेंट के तौर पर आपने शायद कभी नहीं सोचा होगा कि किसी हॉस्पिटल में काम करने का वास्तव में क्या मतलब होता है. किसी हॉस्पिटल के ट्रेडिशनल परिवेश में काम करने का वास्तविक मतलब है – कई घंटे लगातार काम करना, आपके शिफ्ट टाइमिंग्स में अनिश्चितता, थकावट और बर्नआउट. दी फिजिशियन’स फाउंडेशन ने वर्ष 2010 में एक अध्ययन किया और यह पाया कि 40% डॉक्टर्स ने रिटायरमेंट लेकर या नॉन-क्लिनिकल जॉब शुरू करके पेशेंट केयर को छोड़ने का प्लान बनाया हुआ है. हालंकि हम आमतौर पर यही सोचते हैं कि मेडिकल फील्ड का सीधा संबंध पेशेंट ट्रीटमेंट और केयर से है. लेकिन मेडिकल फील्ड में ढेरों ऐसे ऑप्शन्स मौजूद हैं जो अभी भारत में काफी कम लोगों द्वारा अपनाए जाते हैं. आइये ऐसे ही कुछ करियर ऑप्शन्स की चर्चा करें.

 

वॉलंटियर

अगर आप का एकमात्र उद्देश्य लोगों की जान बचाना है तो उक्त करियर ऑप्शन आपके लिए सर्वोत्तम है. रेड क्रॉस, डॉक्टर्स विदआउट बॉर्डर्स और इंटरनेशनल मेडिकल कॉरपोरेशन्स जैसे संगठन हमेशा ऐसे टैलेंटेड डॉक्टर्स की तलाश में रहते हैं जो कठिन परिस्थितियों में काम कर सकते हैं. ऐसी किसी जॉब में आपको दूर-दराज के क्षेत्रों और कभीकभार युद्धग्रस्त क्षेत्रों में पेशेंट्स का इलाज करना होगा. आपको ट्रॉपिकल डिजेजेस के इलाज से लेकर जख्मी लोगों के इलाज तक कई किस्म की विभिन्न परिस्थितियों में काम करना होगा. एडमिशन के लिए हरेक संगठन के अपने अलग क्राइटेरिया होते हैं लेकिन एमबीबीएस की डिग्री सभी संगठनों के लिए एक अनिवार्य शर्त है.

फॉरेंसिक पैथोलॉजिस्ट

एक पैथोलॉजिस्ट के तौर पर, आप एक क्लिनिकल पैथोलॉजिस्ट या एक एनाटोमिकल पैथोलॉजिस्ट के तौर पर काम कर सकते हैं. कुछ पैथोलोजिस्ट्स किसी हॉस्पिटल में काम करते हैं लेकिन उनका काम किसी रेगुलर फिजिशियन के काम की तुलना में काफी अलग होता है. अधिकतर पैथोलॉजिस्ट्स का काम लॉ एनफोर्समेंट के काम के काफी निकट होता है. किसी पैथोलोजिस्ट का काम मौत के कारण को एनालाइज करना होता है और खास कर ये पेशेवर उन व्यक्तियों की मौत के कारण का पता लगाते हैं जिन व्यक्तियों की मौत अचानक या हिंसा के कारण या फिर, संदेहजनक परिस्थितियों में हो जाती है. अपनी ऑटोप्सी या पोस्टमार्टम के अंत में, पैथोलॉजिस्ट्स को अपनी फाइंडिंग्स की रिपोर्ट तैयार करनी होती है जोकि बुलेट प्रूफ होना चाहिए ताकि अगर जरुरी हो तो कोर्ट में पैथोलॉजिस्ट्स अपनी रिपोर्ट को डिफेंड कर सकें. 

मेडिकल रिसर्चर

क्या आप कभी कैंसर का इलाज करना चाहते थे? इस पेशे में आप अपने इस पैशन को पूरा कर सकते हैं. एक मेडिकल रिसर्चर का काम विभिन्न बीमारियों के संबंध में मौजूदा साइंटिफिक नॉलेज को आगे बढ़ाना होता है. वे विभिन्न बीमारियों के कारण, रोकथाम, डायग्नोसिस और इलाज के लिए बड़ी गंभीरता से क्लिनिकल रिसर्च करते हैं. आमतौर पर क्लिनिकल ट्रायल्स लंबे समय तक चलते हैं और इन ट्रायल्स में बहुत से लोग शामिल होते हैं. इस काम में किसी भी क्लिनिकल प्रोसेस के दौरान बहुत ज्यादा पढ़ाई करने के साथ काफी विस्तृत नोट्स बनाने होते हैं. अगर आप लकी हैं तो आपका अनुमान सही साबित हो सकता है और आप मेडिकल फील्ड में एक सुप्रसिद्ध व्यक्ति बन जायेंगे. 

स्पोर्ट्स मेडिसिन

क्या आपको हमेशा से स्पोर्ट्स का जूनून था? लेकिन आपने एमबीबीएस कोर्स चुन लिया. अच्छा! अगर आपके साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है तो आप अपनी एमबीबीएस की डिग्री और स्पोर्ट्स के जूनून को एक साथ मिला सकते हैं. हरेक स्पोर्ट या गेम के लिए डॉक्टर्स की जरूरत होती है. ये डॉक्टर्स केवल किसी गेम के दौरान होने वाली चोटों का ही इलाज ही नहीं करते हैं बल्कि हरेक प्लेयर की हेल्थ का भी पूरा ध्यान रखते हैं. यह एक रोमांचक जॉब है जहां आप अपने पसंदीदा एथलीट्स के साथ ट्रेवल कर सकते हैं और उनके साथ रह भी सकते हैं.

मेडिको लीगल एडवाइजर

टीवी पर हर दूसरे हॉस्पिटल ड्रामा में एक टॉपिक कॉमन होता है और वह है – लॉ सूट्स. हरेक डॉक्टर की अपने पेशेंट्स के प्रति कुछ एथिकल और लीगल जिम्मेदारियां होती हैं. अगर डॉक्टर्स इन जिम्मेदारियों को निभा नहीं पाते हैं तो डॉक्टर्स पर एक मेडिको-लीगल केस या कारवाई की जा सकती है. यह एक ऐसा केस है जिसके लिए मेडिकल एक्सपर्टाइज या सलाह की जरूरत होती है. एक मेडिको-लीगल एडवाइजर (एमएलए) हर ऐसी स्थिति का सामना करता है जहां किसी डॉक्टर की पेशेवर प्रतिष्ठा दांव पर लगी होती है. इस काम में क्लिनिकल नेग्लिजेंस क्लेम्स, रजिस्ट्रेशन बॉडी इन्वेस्टीगेशन्स, ट्रिब्यूनल्स, फेटल एक्सीडेंट इन्क्वायरीज, एथिकल और डिसिप्लिनरी मामले आदि आते हैं. मेडिको-लीगल एडवाइजर्स का काम डॉक्टर्स को डिफेन्स करना और संबध केस के बारे में डॉक्टर्स को अपनी सलाह देना होता है क्योंकि मेडिको-लीगल एडवाइजर्स के पास काफी मेडिकल और लीगल नॉलेज होती है. अगर आप एक बढ़िया कम्यूनिकेटर हैं और आप उन विभिन्न मुद्दों को तुरंत नोटिस कर लेते हैं जो अन्य लोग अनदेखा कर जाते हैं और आप पूरे देश के डॉक्टर्स की प्रतिष्ठा को बचाना चाहते हैं तो यह आपके लिए एक बेहतरीन पेशा साबित हो सकता है.  

मेडिकल जर्नलिस्ट

क्या आप किसी स्कैल्पेल/ चिकित्सा-छुरी के बजाय पेन पकड़ना ज्यादा पसंद करते हैं? अगर आपका जवाब “हां!” है तो आपकी किस्मत अच्छी है. एक मेडिकल जर्नलिस्ट के तौर पर आप जनरल पब्लिकेशन्स, मास मीडिया और मेडिकल जर्नल्स में हेल्थ और मेडिसिन के बारे में आर्टिकल्स लिखेंगे. मेडिकल नॉलेज से लैस होकर आप हेल्थ के बारे में दुनिया को मेडिकल फील्ड में होने वाली लेटेस्ट फाइंडिंग्स के बारे में बहुत अच्छी तरह बता सकेंगे और बेहतरीन पीयर रिव्युज लिख सकेंगे. इस पेशे के लिए आपके पास जर्नलिज्म में मास्टर डिग्री होनी चाहिए फिर आप अपनी पसंद के किसी पब्लिकेशन में मेडिकल जर्नलिस्ट का पेशा शुरू कर सकते हैं. 

फिजिशियन रिक्रूटर

हरेक हॉस्पिटल को बेहतरीन डॉक्टर्स की जरूरत रहती है. आप एक ऐसे व्यक्ति हो सकते हैं जो इन डॉक्टर्स को तलाश करके अपने हॉस्पिटल में ला सकते हैं. असल में आपको अपने हॉस्पिटल के लिए  डॉक्टर्स की जॉब्स के लिए जरुरी स्किल लेवल का पता होता है. आपके लिए सूटेबल डॉक्टर की तलाश करना आसान होता है. इसके अलावा, आपको काबिल डॉक्टर्स के लिए अपने हॉस्पिटल में बेहतरीन माहौल बनाना होता है ताकि डॉक्टर्स की भी तरक्की हो सके और आपका हॉस्पिटल काम करने के लिए एक बेहतरीन हॉस्पिटल बन सके. माहिर डॉक्टर्स की तलाश में आपकी भूमिका काफी अहम होती है. आप किसी रिक्रूटमेंट एजेंसी या हॉस्पिटल में काम कर सकते हैं.

अब कुछ नया करने का दौर है. जब आपके पास ढेरों करियर ऑप्शन्स मौजूद हैं तो फिर किसी ट्रेडिशनल पेशे को न अपनाएं. कोई ऐसा पेशा या करियर चुनें जिससे आप रोज़ सुबह ख़ुशी-ख़ुशी काम पर जायें.

लेखक के बारे में:

मनीष कुमार ने वर्ष 2006 में आईआईटी, बॉम्बे से मेटलर्जिकल एंड मेटीरियल साइंस में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की. उसके बाद इन्होंने जॉर्जिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, यूएसए से मेटीरियल्स साइंस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री प्राप्त की और फिर इंडियन स्कूल फाइनेंस कंपनी ज्वाइन कर ली, जहां वे बिजनेस स्ट्रेटेजीज एंड ग्रोथ के लिए जिम्मेदार कोर टीम के सदस्य थे. वर्ष 2013 में, इन्होंने एसईईडी स्कूल्ज की सह-स्थापना की. ये स्कूल्ज भारत में कम लागत की के-12 एजुकेशन की क्वालिटी में सुधार लाने पर अपना फोकस रखते हैं ताकि क्वालिटी एजुकेशन सभी को मुहैया करवाई जा सके. वर्तमान में ये टॉपर.कॉम के प्रोडक्ट – लर्निंग एंड पेडागॉजी विभाग में वाईस प्रेसिडेंट हैं.

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