बीपीएससी की 66वीं संयुक्त परीक्षा के परिणाम आयोग ने घोषित कर दिए हैं जिसमें 685 उम्मीदवार सफल हुए हैं इसमें वैशाली जिले के सुधीर ने पहला स्थान प्राप्त किया हैI मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाले सुधीर आईआईटी कानपुर से बीटेक हैं इनके अनुसार सफलता का कोई शार्टकट नही होता है और इन्होंने कड़ी मेहनत से ये सफलता प्राप्त की हैI
वैशाली जिले के महुआ निवासी सुधीर बताते हैं कि, इनकी प्रारम्भिक शिक्षा वैशाली से ही हुई है IIT कानपुर से बीटेक के करने के बाद ये दिल्ली चले गए और वहीँ सिविल सेवा की तैयारी की I सुधीर के अनुसार, केवल सामान्य ज्ञान की किताबों से आप ये परीक्षा नही पास कर सकते क्योंकि लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के लिए विस्तृत जानकारी आवश्यक होती हैI
अमर्त्य कुमार आदर्श को 66वीं बीपीएससी परीक्षा में दसवां स्थान मिला है। आदर्श, 63वीं संयुक्त परीक्षा में भी सफल रहें हैं, फिलहाल वे पटना में वित्त सेवा में पदस्थापित हैं, परन्तु वे लगातार परीक्षा की तैयारी करते रहे, और अब उनका अगला लक्ष्य यूपीएससी क्रैक करना है। उन्होंने 2008 में भारतीय वायु सेना में भी कार्य किया। इसके बाद नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी से स्नातक किया और 2017 में बैकिंग सेवा में चयनित हो गये, परन्तु अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 2017 में बैंक की नौकरी छोड़ सिविल सेवा की तैयारी के लिए दिल्ली चले गए। वर्ष 2019 में 63वीं बीपीएससी में उनका चयन हुआ, अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वे अभी भी तैयारी में लगे रहे, और आखिरकार उन्होंने अपना लक्ष्य प्राप्त कर लिया। आदर्श के पिता निजी स्कूल में शिक्षक थे, और माता गृहणी हैं। आदर्श को भाइयों का भी बहुत सहयोग मिला I
औरंगाबाद, बिहार की रहने वाली मोनिका ने अपने पहले ही प्रयास में सफलता प्राप्त की हैI मोनिका को परीक्षा में 6th स्थान प्राप्त हुआ है I इन्होंने IIT गुवाहाटी से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की पढाई की है और वर्तमान में वे चेन्नई की एक सॉफ्टवेर कंपनी में कार्यरत हैंI मोनिका ने बताया कि वो नौकरी के साथ-साथ प्रतिदिन सेल्फ स्टडीज भी करती हैं शनिवार और रविवार को वो 10 से 12 घंटे की पढाई करती हैं उनका अगला लक्ष्य upsc क्रैक करना हैI
बीपीएससी परीक्षा में विनय कुमार रंजन को सातवां स्थान मिला है और अब वे गृह विभाग में पुलिस उपाधीक्षक के रूप में कार्य करेंगेI विनय ने IIT दिल्ली से बीटेक किया है और फ़िलहाल वे पटना के कंकड़बाग में जेईई-नीट नामांकन के लिए बच्चों को तैयारी कराते हैं। विनय ने बताया कि वह मूल रूप से जमालपुर के नया गांव के रहने वाले हैंI उनकी पत्नी सिविल सेवा की तैयारी कर रही थी, इसके बाद वह भी सिविल सेवा तैयारी में जुट गए। पिता जीतन यादव बैंक से सेवानिवृत कर्मचारी हैं और अब सामाजिक कार्यों में योगदान दे रहे हैं।
पटना के कंकड़बाग निवासी हार्डवेयर दुकानदार श्यामनंदन सिंह के पुत्र सिद्धांत कुमार ने बीपीएससी में पांचवां स्थान प्राप्त किया है, सिद्धांत ने भोपाल से एमबीए की पढ़ाई पूरी की है। इससे पहले उन्होंने 2017 में कोच्ची विश्वविद्यालय से बीटेक इलेक्ट्रानिक्स एवं कम्युनिकेशन की पढ़ाई की है। सिद्धांत ने बताया कि वह यूपीएससी की तैयारी में जुटे हैं। और पहले भी यूपीएससी के साक्षात्कार तक पहुंच चुके हैं। वे अपनी सफलता का श्रेय पिता श्याम नंदन सिंह, मां रंजू सिंह व शिक्षकों को और अपने कठिन परिश्रम को देते हैं।
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