भारत में कितनी भाषाएं हैं मान्यता प्राप्त, देखें लिस्ट

Sep 3, 2025, 15:43 IST

क्या आप जानते हैं कि भारत के संविधान द्वारा आधिकारिक तौर पर कितनी भाषाओं को मान्यता दी गई है? भारत का संविधान आधिकारिक तौर पर 22 भाषाओं को मान्यता देता है। आइए इन भाषाओं के बारे में जानें कि ये कहां बोली जाती हैं, इनका सांस्कृतिक महत्त्व क्या है और भारत अपनी भाषाई विविधता को कैसे बनाए रखता है।

भारत की आधिकारिक भाषाएं
भारत की आधिकारिक भाषाएं

भारत भाषाओं और संस्कृतियों की भरमार वाला देश है। भारत के हर राज्य की अपनी एक अनोखी भाषा है। संविधान कुल 22 भाषाओं को क्षेत्रीय/प्रशासनिक जुड़ाव के आधार पर मान्यता देता है और उन्हें आठवीं अनुसूची में शामिल करता है। इस लेख में हम भारतीय भाषाओं के बारे में जानेंगे। 

भारत में कितनी आधिकारिक भाषाएं हैं?

भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची के अनुसार, भारत में 22 भाषाओं को आधिकारिक भाषाओं के रूप में मान्यता दी गई है। ये भाषाएं देश की महान सांस्कृतिक और भाषाई विविधता को दर्शाती हैं। इन सभी का उपयोग कई राज्यों में मीडिया, साहित्य, प्रशासन और शिक्षा में किया जाता है।

संविधान की आठवीं अनुसूची क्या है?

आठवीं अनुसूची में उन सभी भाषाओं की सूची है, जिन्हें भारत सरकार मान्यता देती है और बढ़ावा देती है। सरकार इन भाषाओं के विकास को बढ़ावा दे सकती है, जिसमें साहित्य, अनुवाद और शिक्षा शामिल हैं। इन भाषाओं को कानूनी कार्यवाही, संसदीय बहसों और सिविल सेवा के आरोप पत्रों में भी अधिकार प्राप्त हैं।

भारत में आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त भाषाओं की सूची

-असमिया: असमिया असम की आधिकारिक भाषा है, जहां यह मुख्य रूप से बोली जाती है। असमिया एक इंडो-आर्यन भाषा है, जो अपनी लोक कविताओं, जैसे कि बिहू के गीतों के लिए जानी जाती है। एक ही भाषाई परिवार से होने के कारण इसकी लिपि बंगाली से मिलती-जुलती है।

-बंगाली: पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा की आधिकारिक भाषा बंगाली दुनिया की 5 सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। इसका साहित्यिक इतिहास बहुत समृद्ध है। नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर इसी भाषा में लिखते थे, जो बांग्लादेश की राष्ट्रभाषा भी है।

-बोडो: आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त बोडो असम के बोडोलैंड क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाली एक तिब्बती-बर्मी भाषा है और स्कूलों में इसका इस्तेमाल बढ़ रहा है। इसे देवनागरी लिपि में लिखा जाता है और इसकी अनूठी सांस्कृतिक पहचान को बचाने के लिए काफी कोशिशें की जा रही हैं।

-डोगरी: डोगरी जम्मू (जम्मू और कश्मीर में) में बोली जाती है और यह एक इंडो-आर्यन भाषा है। डोगरी अपने लोक गीतों और मौखिक परंपराओं के लिए सबसे ज्यादा जानी जाती है, जो अक्सर रोजमर्रा की जिंदगी और साहस के पहलुओं को दिखाते हैं। 2003 में डोगरी को आधिकारिक भाषा का दर्जा मिला, जो डोगरी लोगों की पहचान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था।

-गुजराती: गुजरात की आधिकारिक भाषा गुजराती की एक समृद्ध साहित्यिक परंपरा है। यह महात्मा गांधी की मातृभाषा भी है और इसने व्यापार और वैश्विक बिजनेस में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

-हिंदी: हिंदी भारत में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। इसका उपयोग केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है और यह कई उत्तरी राज्यों में एक संपर्क भाषा के तौर पर काम करती है।

-कन्नड़: कर्नाटक की आधिकारिक भाषा है। यह एक शास्त्रीय द्रविड़ भाषा है, जिसके सबूत प्राचीन शिलालेखों में मिलते हैं। इसकी साहित्यिक परंपरा अपने भाषा परिवार में सबसे पुरानी परंपराओं में से एक है, जिसमें प्रसिद्ध 'वचन' कविताएं शामिल हैं। यह आज भी साहित्य और कला के कई रूपों में एक जीवंत भाषा बनी हुई है।

-कश्मीरी: कश्मीरी मुख्य रूप से कश्मीर घाटी में बोली जाती है। इस पर फारसी का गहरा प्रभाव है, जो इसके सूफी और लोक साहित्य में झलकता है। यह इस इलाके की अनोखी मिली-जुली संस्कृति को दिखाती है। इसे अक्सर फारसी-अरबी लिपि में लिखा जाता है।

-कोंकणी: गोवा, महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में बोली जाने वाली कोंकणी पर पुर्तगाली और भारतीय संस्कृतियों का मिला-जुला असर दिखाई देता है। आप इसके शब्दों और मांडो जैसे सांस्कृतिक रूपों में पुर्तगाली प्रभाव देख सकते हैं। इसकी एक अनोखी खासियत यह है कि इसे देवनागरी सहित कई लिपियों में लिखा जाता है।

-मैथिली: मैथिली बिहार और झारखंड के कुछ हिस्सों में बोली जाने वाली मूल भाषा है और यह भारत की सबसे पुरानी साहित्यिक भाषाओं में से एक है। इसका जिक्र शास्त्रीय कविताओं और प्राचीन भारतीय दार्शनिक ग्रंथों में मिलता है।

-मलयालम: केरल की आधिकारिक भाषा मलयालम तमिल और संस्कृत से निकली है। इसकी एक महत्त्वपूर्ण साहित्यिक विरासत है, जिसमें प्राचीन ग्रंथ और आधुनिक साहित्यिक आंदोलन दोनों शामिल हैं। इसकी लिपि घुमावदार और सुंदर होती है।

-मणिपुरी (मेइती): मणिपुर में इस्तेमाल होने वाली इस भाषा की अपनी अनूठी लिपि (मेइती मायेक) है। इसका नृत्य, मार्शल आर्ट और एक गहरी साहित्यिक परंपरा का इतिहास है, जो राज्य की संस्कृति से गहराई से जुड़ा हुआ है। यह मणिपुर की एकमात्र आधिकारिक भाषा है।

-मराठी: महाराष्ट्र की आधिकारिक भाषा मराठी का मराठा साम्राज्य के दौरान प्रशासन में और सामाजिक सुधार आंदोलनों में ऐतिहासिक महत्त्व था। यह भाषा संस्कृत पर आधारित है और इसकी भक्ति कविताओं की एक लंबी परंपरा है।

-नेपाली: सिक्किम और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में इस्तेमाल होने वाली नेपाली, नेपाल की राष्ट्रभाषा है। इस पर इंडो-आर्यन व्याकरण का प्रभाव है और लोक गीतों और कहानियों की एक खास मौखिक परंपरा है। यह भाषा इस क्षेत्र के संपूर्ण भारतीय साहित्य में भी योगदान देती है।

-ओडिया: ओडिशा में बोली जाने वाली ओडिया को एक शास्त्रीय भाषा के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसका साहित्यिक इतिहास बहुत पुराना और समृद्ध है, जिसमें भक्ति कविताओं पर जोर दिया गया है। इसका संबंध मंदिर की वास्तुकला और रीति-रिवाजों से भी है। इसकी लिपि की पहचान उसके घुमावदार और गोल आकार से होती है।

-पंजाबी: पंजाब की आधिकारिक भाषा पंजाबी गुरुमुखी में लिखी जाती है। यह सिखों के लिए धार्मिक संदर्भ में अभिव्यक्ति की मुख्य भाषा है। गुरु ग्रंथ साहिब इसी भाषा में है। पंजाबी लोक संगीत, खास तौर पर भांगड़ा, दुनिया भर में मशहूर है।

-संस्कृत: भारत की सबसे पुरानी भाषा संस्कृत हिंदू धर्मग्रंथों, शास्त्रीय साहित्य और कई आधुनिक भाषाओं की जड़ है। हालांकि, अब भारत में बोलचाल में इसका इस्तेमाल बहुत कम होता है। इसे फिर से चलन में लाने की कोशिशें राजनीतिक माहौल पर निर्भर करती हैं, लेकिन आज भी इसका कुछ महत्त्व है।

-संथाली: संथाली के नाम से जानी जाने वाली यह आदिवासी भाषा पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिसा और झारखंड में बोली जाती है। यह ओल चिकी लिपि का उपयोग करते हुए मौखिक परंपराओं और देसी लोक कथाओं को सहेजकर रखती है।

-सिंधी: पूरे भारत में सिंधी समुदायों द्वारा बोली जाने वाली सिंधी देवनागरी और अरबी लिपि में लिखी जाती है। इसकी सूफी कविता और दार्शनिक साहित्य की एक लंबी परंपरा है। सिंधी की एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है, जो व्यापार से जुड़ी हुई है।

-तमिल: मुख्य रूप से तमिलनाडु और पुडुचेरी में बोली जाने वाली तमिल का साहित्यिक इतिहास 2,000 साल से भी ज्यादा पुराना है, जिसमें संगम काल का साहित्य भी शामिल है। यह दुनिया की सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाली शास्त्रीय भाषाओं में से एक है और इसके बोलने वाले दुनिया भर में फैले हुए हैं।

-तेलुगु: मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों में बोली जाने वाली तेलुगु एक शास्त्रीय द्रविड़ भाषा है। यह अपने गीतों, साहित्यिक परंपरा और विशाल फिल्म विरासत के लिए जानी जाती है, जिसमें पुरस्कार विजेता फिल्म बाहुबली (2015) भी शामिल है। इसकी मधुरता के कारण इसे अक्सर "पूरब की इतालवी" कहा जाता है।

-उर्दू: भारत के कई हिस्सों में, जिसमें जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश शामिल हैं, बोली जाने वाली उर्दू अपनी शायरी, खास तौर पर गजल और नज्म के लिए जानी जाती है। उर्दू फारसी-अरबी लिपि के एक संशोधित रूप में लिखी जाती है और इसकी हिंदी के साथ काफी समानताएं हैं।

Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

A seasoned journalist with over 7 years of extensive experience across both print and digital media, skilled in crafting engaging and informative multimedia content for diverse audiences. His expertise lies in transforming complex ideas into clear, compelling narratives that resonate with readers across various platforms. At Jagran Josh, Kishan works as a Senior Content Writer (Multimedia Producer) in the GK section. He can be reached at Kishan.kumar@jagrannewmedia.com
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