सीटीईटी: शिक्षक बनने की सरल राह

प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक बनने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है। ऐसे में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) एवं नवोदय विद्यालयों में शिक्षक बनने के लिए केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए यह काफी महत्वपूर्ण समय है। आइए जानें, इस परीक्षा की विधिवत तैयारी के उपयोगी टिप्स।

Sep 13, 2018, 18:37 IST
CTET Exam: Your Path to Career in Teaching
CTET Exam: Your Path to Career in Teaching

राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की गाइडलाइन के अनुसार, प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक बनने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है। ऐसे में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) एवं नवोदय विद्यालयों में शिक्षक बनने के लिए केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए यह काफी महत्वपूर्ण समय है। सीबीएसई द्वारा यह परीक्षा 9 दिसंबर, 2018 को आयोजित होनी है। आइए जानें, इस परीक्षा की विधिवत तैयारी के उपयोगी टिप्स.......

सीटीईटी दो स्तरों (प्राथमिक स्तर एवं उच्च प्राथमिक स्तर) पर आयोजित की जाती है। दोनों स्तरों के लिए अलग-अलग परीक्षाएं और प्रश्नपत्र होते हैं। प्रत्येक प्रश्नपत्र में कुल 150 प्रश्न, 150 अंक के पूछे जाते हैं। ये सभी प्रश्न बहुविकल्पीय होते हैं। परीक्षा की अवधि 150 मिनट होती है यानी एक प्रश्न के लिए एक मिनट का समय मिलता है। परीक्षा में कोई निगेटिव मार्किंग नहीं है। दोनों परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने के लिए सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी के लिए न्यूनतम 60 प्रतिशत और आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार को 55 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। कुल मिलाकर, इस परीक्षा में उच्च प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का स्तर प्राथमिक की तुलना में कठिन होता है।

प्रश्नों का स्वरूप

प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में बाल विकास एवं शिक्षण विधि से 30 प्रश्न, भाषा-1 हिंदी से 30 प्रश्न, भाषा-2 अंग्रेजी/संस्कृत/उर्दू से 30 प्रश्न, गणित से 30 प्रश्न, पर्यावरणीय अध्ययन से 30 प्रश्न पूछे जाते हैं। वहीं, उच्च प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में बाल विकास और शिक्षाशास्त्र से 30 प्रश्न, गणित और विज्ञान/सामाजिक अध्ययन या सामाजिक विज्ञान विषय से 60 प्रश्न, भाषा-1 हिंदी से 30 प्रश्न, भाषा-2 अंग्रेजी/संस्कृत/उर्दू से 30 प्रश्न पूछे जाते हैं।

हों भ्रमित

शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रश्न लर्निंग और शिक्षा मनोविज्ञान तकनीकी के आधार पर बनाए जाते हैं। इन्हीं प्रश्नों के आधार पर ही उम्मीदवार की अध्यापन कला, शिक्षण तकनीक, पढ़ाने और सीखाने की विधा का परीक्षण किया जाता है। परीक्षा के लिए प्रश्न एनसीईआरटी की पुस्तकों के आधार पर तैयार किये जाते हैं। इसके लिए शिक्षण पद्धति का पूर्ण ज्ञान होना आवश्यक है। वैसे तो परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्न सामान्य प्रकार के होते हैं, लेकिन प्रश्न की प्रकृति अत्यधिक जटिल और तकनीकी होने के कारण उम्मीदवार प्राय: भ्रमित होकर गलत उत्तर का चयन कर लेते हैं। आमतौर पर बाल विकास एवं शिक्षण विधि में बालकों के विकास का सिद्धांत और विकास की संकल्पना, सीखने एवं ज्ञान की संकल्पना, व्यक्तिगत विभिन्नता, बौद्धिक संकल्पना, शिक्षार्थियों को समझना(मानसिक रूप से कमजोर छात्र, प्रतिभाशाली छात्र, रचनात्मक छात्र, वंचित छात्र एवं विशेष रूप से सक्षम छात्र के मध्य समायोजन), राष्ट्रीय पाठ्यचर्या अधिनियम 2005 में शिक्षण संबंधी रणनीतियों और विधियों से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। बाल विकास एवं शिक्षण विधि के प्रश्नों को हल करने के लिए बीएड/बीटीसी स्तर की बाल शिक्षा मनोविज्ञान की पुस्तक का गहन अध्ययन और विश्लेषण करना चाहिए।

10वीं स्तर के प्रश्न: परीक्षा में गणित के प्रश्न हाईस्कूल स्तर के पूछे जाते हैं। गणित के प्रश्नों को हल करने के लिए कक्षा 3 से 10 तक की एनसीईआरटी की पुस्तकों को नियमित रूप से पढ़ें। साथ में बीएड/ बीटीसी स्तर की गणित शिक्षण तकनीकी की पुस्तक का भी अध्ययन करें। पर्यावरण संबंधी प्रश्नों को हल करने के लिए कक्षा 10 तक की विज्ञान, जीवविज्ञान और पर्यावरण की एनसीईआरटी की पुस्तक से इसकी तैयारी करें और विज्ञान शिक्षण तकनीकी की पुस्तक को भी एक बार फिर से देख लें। भाषा-1 हिंदी के प्रश्नों को हल करने के लिए हाईस्कूल स्तर की हिंदी व्याकरण और हिंदी शिक्षण तकनीकी की पुस्तक से मदद मिल सकती है। इसी तरह भाषा-2 अंग्रेजी/संस्कृत/उर्दू के प्रश्नों को हल करने के लिए हाईस्कूल स्तर के व्याकरण और अंग्रेजी/संस्कृत/उर्दू शिक्षण तकनीक की पुस्तक का अध्ययन करें। सामाजिक अध्ययन के प्रश्नों को हल करने के लिए कक्षा 10 तक के सामाजिक विज्ञान को फिर से तैयार कर लें। इसके अलावा, सीटीईटी और राज्य टीईटी की विगत वर्षों की परीक्षाओं में पूछे गये प्रश्नों को नियमित रूप से हल करें। प्रश्नों की प्रकृति, जटिलता और तार्किकता को समझने का प्रयास करें।

मनोविज्ञान समझ कर दें उत्तर

देखा गया है कि अधिकतर प्रश्न कामनसेंस पर आधारित होते हैं, इसलिए इन प्रश्नों को हल करते समय आपका दृष्टिकोण हमेशा सकारात्मक होना चाहिए। छोटे बच्चों की आदतों, रुचियों और कार्य पद्धतियों को ध्यान में रखते हुए प्रश्नों को हल करना चाहिए। कुल मिलाकर, व्यावहारिकता पर बल दिया जाना चाहिए। परीक्षा भवन में जटिल व कठिन प्रश्नों को निरसन विधि द्वारा हल करने का प्रयास करें।

देवाशीष उपाध्याय
जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी

Dainik Jagran
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Content Writer

Gaurav Kumar is an education industry professional with 10+ years of experience in teaching, aptitude training and test prep. He’s a graduate in Computer Science, postgraduate in Yoga Therapy and has previously worked with organizations like Galgotia College of Engineering and The Manya Group. At jagranjosh.com, he writes and manages content development for School and General Knowledge sections. He can be reached at gaurav.kumar@jagrannewmedia.com

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