यहां पढ़ें क्या है CV और रिज्यूम के बीच फर्क

Jan 23, 2020, 12:26 IST

अगर आप एक जॉब सीकर हैं तो आप यह भलीभांति समझते होंगे कि एक इम्प्रेसिव रिज्यूम किस तरह आपको अपनी मनचाही जॉब दिलवाने का पहला साधन बन सकता है. इस आर्टिकल में पढ़ें CV और रिज्यूम के बीच फर्क के बारे में.

Difference between a CV and a resume
Difference between a CV and a resume

क्या आप एक फ्रेश ग्रेजुएट या फ्रेशर जॉब सीकर हैं? अगर आपका जवाब ‘हां’ है तो आप यह भलीभांति समझते होंगे कि एक इम्प्रेसिव रिज्यूम किस तरह आपको अपनी मनचाही जॉब दिलवाने का पहला साधन बन सकता है. अधिकांश कॉलेज स्टूडेंट्स आजकल इस प्रश्न का उत्तर जानने की कोशिश कर रहे हैं कि यह CV असल में है क्या?...और यह रिज्यूम से कैसे अलग होता है. CV और रिज्यूम, दोनों का ही समान लक्ष्य होता है और वह है आपके भावी एम्पलॉयर  के सामने यह साबित करना कि आप उनके द्वारा पेश की गई नौकरी के लिए सबसे काबिल उम्मीदवार हैं. हालांकि, संरचना और आशय के संबंध में इन दोनों में कुछ स्पष्ट अंतर होते हैं. दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं लेकिन इन दोनों को आपस में बदला नहीं जा सकता है क्योंकि दोनों ही दस्तावेजों की एक विशेष किस्म होती है. आइये जानते हैं कि CV और रिज्यूम के बीच कौन से अंतर होते हैं:

रिज्यूम: जरुरी जानकारी

किसी कवरिंग लेटर और रिज्यूम के बीच अंतर को समझने के लिए, पहले हमें यह समझना होगा कि रिज्यूम क्या है और कवरिंग लेटर क्या है? रिज्यूम्स के बारे में अगर हम बात करें तो रिज्यूम एक ऐसा दस्तावेज होता है जो आपके रोज़गार संबंधी इतिहास का ब्यौरा संक्षेप में देता है. यह एम्पलॉयर  को आपकी पूर्व की नौकरियों, आपके शैक्षिक इतिहास, प्राप्त किये गए सर्टिफिकेट्स, आपके कौशल और आपको मिले पुरस्कारों के साथ ही उपलब्धियों के बारे में संक्षिप्त विवरण देता है. मूलतः यह आपके करियर के महत्वपूर्ण पॉइंट्स को जहां तक संभव हो, कम शब्दों में लेकिन बड़े ही प्रभावी ढंग से पेश करता है. आम तौर पर रिज्यूम को CV (करिकुलम वीटाए) का छोटा रूप माना जाता है. रिज्यूम तृतीय पुरुष (थर्ड पर्सन नैरेटिव) की ओर से लिखा जाता है.

कवर लेटर: जरुरी जानकारी

हमारे देश में CV के स्थान पर अक्सर कवर लेटर का इस्तेमाल होता है. इसलिये हम इस बात की चर्चा कर रहे हैं कि कवरिंग/ कवर लेटर एक ऐसा दस्तावेज होता है जो आम तौर पर आप अपने रिज्यूम के साथ भेजते हैं ताकि एम्पलॉयर  को आपकी काबिलयतों, उपलब्धियों और संबंधित कार्य क्षेत्र में आपके व्यापक अनुभव के बारे में अधिक जानकारी मिल सके. एक बढ़िया रिज्यूम के साथ एक अच्छा लिखा हुआ कवरिंग लेटर रिक्रूटर से इंटरव्यू कॉल प्राप्त करने के आपको ज्यादा अवसर मुहैया कराने के लिए निहायत ही जरुरी होता है. कवर लेटर का मुख्य उद्देश्य आपके एम्पलॉयर को उनके द्वारा ऑफर की गई जॉब प्रोफाइल के लिए आपकी क़ाबलियत के बारे में क्रमवार विस्तृत जानकारी देना होता है. यह लेटर फॉर्मेट में लिखा जाता है जिसमें अभिवादन, अनुच्छेद और समापन अनुच्छेद शामिल होते हैं. रिज्यूम से ठीक विपरीत, CV हमेशा प्रथम पुरुष (फर्स्ट पर्सन नैरेटिव) की ओर से लिखा जाता है.

अपने रिज्यूम में वॉलंटियर वर्क एक्सपीरियंस को कैसे करें शामिल ?

ये हैं CV और रिज्यूम के बीच प्रमुख फर्क

  • फॉर्मेट में फर्क

किसी कवर लेटर और रिज्यूम में सबसे बड़ा अंतर उनके फॉर्मेट्स के आधार पर होता है. रिज्यूम्स ऐसे फॉर्मेट में लिखे जाते हैं जो एम्पलॉयर  के द्वारा आसानी से पढ़ा जा सके और स्कैन किया जा सके. अपनी एजुकेशनल बैकग्राउंड्स, पिछले अनुभव, अवार्ड्स और उपलब्धियों के साथ ही ऐसे ही किसी अन्य महत्वपूर्ण विवरण को मुखरता से हाईलाइट करने के लिए आप हेडलाइन्स का उपयोग करें.  बुलेट पॉइंट्स का जहां और जब संभव हो, इस्तेमाल करें क्योंकि इससे एम्पलॉयर  को एक ही बार में आपके बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने और समझने में मदद मिलेगी. कवर लेटर्स इसके ठीक विपरीत, आमतौर पर एक बिजनेस लेटर फॉर्मेट में लिखे जाते हैं और इनमें 4 - 6 पैराग्राफ शामिल होते हैं. एम्प्लायर का नाम, एम्पलॉयर  की कांटेक्ट इनफार्मेशन, अभिवादन, इंट्रोडक्शन, बॉडी पैराग्राफ्स और समापन अनुच्छेद के साथ ही एप्लिकेंट का नाम और कांटेक्ट इनफार्मेशन आदि एक अच्छे लिखे कवर लेटर का हिस्सा होते हैं. इसमें आकर्षक और स्कैन करने लायक फॉर्मेट में लिखने की जरूरत नहीं होती है. लेकिन बॉडी पैराग्राफ्स में लिखने की गुणवत्ता पर ज्यादा ध्यान देना होता है.

  • ऑब्जेक्टिव बनाम सब्जेक्टिव इनफार्मेशन

ऑब्जेक्टिव बनाम सब्जेक्टिव इनफार्मेशन के संबंध में अगर हम बात करें तो रिज्यूम्स एम्प्लोयर्स को फैक्ट्स के बारे में जानकारी देते हैं जबकि कवर लेटर विषयक सूचना देने के लिए लिखे जाते हैं. किसी रिज्यूम में, जॉब सीकर्स आमतौर पर केवल अपनी पूर्व की जॉब पोजीशन्स के बारे में ही लिखते हैं लेकिन एक कवर लेटर में वे विभिन्न पोजीशन्स में किये गए कार्यों और जिम्मेदारियों का भी वर्णन कर सकते हैं. कवर लेटर्स किसी जॉब सीकर को अपने करियर गोल्स के बारे में और वे किसी विशेष जॉब के लिए क्यों अप्लाई कर रहे हैं या वे उस जॉब प्रोफाइल के लिए कैसे एक सबसे उपयुक्त उम्मीदवार हैं; इन सब के संबंध में बताने की ज्यादा आजादी देते हैं. बहुत से एम्प्लोयर्स रिज्यूम की तरह ही किसी कवर लेटर पर सिर्फ एक नजर मारते हैं. इसलिये आप यह पहले से ही सुनिश्चित कर लें कि आप लेटर के शुरू में ही अपने को सही ढंग से पेश कर रहे हैं. अंत में, कवर लेटर को संक्षिप्त रखें और यह सोचकर लिखते न चले जायें कि आपको इसमें रिज्यूम से ज्यादा जगह लिखने के लिए मिलती है. केवल वही लिखें जो उपयुक्त और महत्वपूर्ण हो.  

अपने जॉब रिज्यूम में क्या ‘नहीं’ लिखें

  • प्रोफेशनल और पर्सनल जानकारी

प्रोफेशनलिज्म और पर्सनलाइजेशन के संबंध में अगर हम बात करें तो यह भी उक्त CV और रिज्यूम के बीच एक अन्य बड़ा अंतर है. जबकि उक्त दोनों ही प्रमुख रूप से व्यावसायिक या प्रोफेशनल दस्तावेज होते हैं, कवर लेटर्स को हम किसी विशेष जॉब एप्लीकेशन की जरूरत के मुताबिक बना सकते हैं. आप कवर लेटर किसी विशेष व्यक्ति को उनका नाम लिखकर संबोधित कर सकते हैं. अगर आपको यह भी न पता हो कि जहां आप अपनी जॉब एप्लीकेशन भेज रहे हैं वहां किसी पोजीशन पर कौन व्यक्ति है तो आप एक आसान सी कोशिश कर सकते हैं और वह यह है कि उस संगठन की वेबसाइट पर विजिट करें और फिर, एम्प्लोयी सेक्शन में उस पोजीशन पर काम कर रहे व्यक्ति की जानकारी हासिल कर लें. अगर आप किन्हीं दो अलग संगठनों में एक समान पोजीशन्स के लिए अप्लाई कर रहे हैं तो कवर लेटर आपके बहुत काम आ सकते हैं. क्योंकि आपका रिज्यूम तो तकरीबन वही रहता है लेकिन एक अच्छा लिखा हुआ कवर लेटर आपको अपनी पसंद की जॉब दिलाने में काफी मदद कर सकता है.

रिज्यूम और कवर लेटर का समान उद्देश्य होता है लेकिन उनकी संरचना और फ़ॉर्मेट्स अलग होते हैं. हालांकि, आपकी जॉब एप्लीकेशन में प्रत्येक की अपनी भूमिका और महत्व होते हैं. दोनों को एक साथ भेजना बहुत जरुरी है क्योंकि ये दोनों एक-दूसरे के पूरक होते हैं. यह भी याद रखें कि आजकल की बहुत ज्यादा स्पर्धा युक्त जॉब मार्किट में एक बढ़िया लिखा हुआ कवरिंग लेटर और रिज्यूम आपको अपनी पसंद की जॉब दिलाने में अहम भूमिका निभाते हैं क्योंकि इनके कारण आप अन्य जॉब एप्लिकेंट्स से अपने को ज्यादा काबिल साबित कर सकते हैं. अतः आपके लिए बहुत अच्छा रहेगा कि आप अपनी जॉब एप्लीकेशन्स में इन दोनों दस्तावेजों द्वारा निभाई जाने वाल भूमिकाओं को साफ तौर पर समझ लें.

कॉलेज में एक्स्ट्रा-करीकुलर एक्टिविटीज: स्टूडेंट्स के लिए हैं बहुत फायदेमंद

जॉब्स, लेटेस्ट करियर ट्रेंड्स और एजुकेशनल कोर्सेज के बारे में और अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट www.jagranjosh.com पर विजिट करें.

Anjali is an experienced content developer and Hindi translator with experience in a variety of domains including education and advertising. At jagranjosh.com, she develops Hindi content for College, Career and Counselling sections of the website. She is adept at creating engaging and youth-oriented content for social platforms. She can be contacted at anjali.thakur@jagrannewmedia.com.
... Read More

आप जागरण जोश पर सरकारी नौकरी, रिजल्ट, स्कूल, सीबीएसई और अन्य राज्य परीक्षा बोर्ड के सभी लेटेस्ट जानकारियों के लिए ऐप डाउनलोड करें।

Trending

Latest Education News