IAS Success Story: संघ लोक सेवा आयोग(यूपीएससी) सिविल सेवा परीक्षा में हर साल लाखों युवा शामिल होते हैं। हालांकि, सफलता केवल कुछ ही युवाओं को मिलती है। क्योंकि, परीक्षा कठिन होने की वजह से इसमें सफल होना आसान नहीं है। ऐसे में कई सालों तक युवा इस परीक्षा की तैयारी करते हैं। सफलता निश्चित नहीं होने की वजह से युवा अन्य नौकरियों का भी विकल्प तलाशते हैं। हालांकि, कुछ युवा ऐसे होते हैं, जो कई बार फेल होने के बाद भी हार नहीं मानते और सफलता सुनिश्चित करते हैं। आज हम आपको डॉ. अंशु प्रिया के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में 16वीं रैंक लाकर आईएएस अधिकारी बनने का सपना पूरा किया।
डॉ. अंशु का परिचय
डॉ. अंशु मूलरूप से बिहार के मुंगेर की रहने वाली हैं। उन्होंने मुंगेर से ही अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और इसके बाद एमबीबीएस में दाखिले के लिए तैयारी की। इसके बाद उनका दाखिला एम्स पटना में हो गया, जहां से उन्होंने अपनी एमबीबीएस की डिग्री पूरी की। उन्होंने कुछ समय तक एम्स में ही काम किया और उसके बाद कुछ अस्पतालों में भी अपनी सेवाएं दीं।
2019 में पहली बार प्रीलिम्स में हुई फेल
डॉ. अंशु प्रिया के मन में आईएएस अधिकारी बनने का सपना था। इसके लिए उन्होंने नौकरी छोड़ तैयारी शुरू कर दी और पहला प्रयास किया। लेकिन, वह पहले प्रयास में प्रीलिम्स परीक्षा को भी पास नहीं कर सकी। फेल होने के बाद उन्होंने हार नहीं मानी, बल्कि दूसरे प्रयास के लिए खुद को तैयार किया।
दूसरे प्रयास में फिर हुई फेल
डॉ. अंशु प्रिया ने दूसरे प्रयास के लिए फिर से तैयारी की, लेकिन इस बार भी उनका सफल होना नहीं लिखा था। ऐसे में उन्हें एक बार फिर से असफलता का मुंह देखना पड़ा। लेकिन, इससे उन्होंने खुद को कमजोर नहीं समझा, बल्कि खुद को फिर से तैयार किया और तीसरे प्रयास करने का निर्णय लिया।
तीसरे प्रयास में 16वीं रैंक के साथ बनी आईएएस
डॉ. अंशु प्रिया ने अपना तीसरा प्रयास किया और इस बार वह सिविल सेवा परीक्षा की प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू परीक्षा पास करते हुए 16वीं रैंक प्राप्त कर आईएएस अधिकारी बन गई।
मेडिकल साइंस को रखा ऑप्शलन विषय
डॉ. अंशु ने अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई में मेडिकल साइंस की पढ़ाई की थी। ऐसे में उन्होंने सिविल सेवा के ऑप्शनल विषय में मेडिकल साइंस को रखा, जिसका उन्हें मेंस परीक्षा में स्कोर करने में लाभ मिला। डॉ. अंशु के मुताबिक, तैयारी के दौरान उत्तर लेखन का भी लाभ मिलता है। ऐसे में सिविल सेवा की तैयारी के साथ उत्तर लेखन का भी प्रयास करना चाहिए।
पढ़ेंः IAS Success Story: दो बार प्रीलिम्स में हुई थी फेल, तीसरे प्रयास में 17वीं रैंक के साथ IAS