इंसान की मेहनत और लगन उसकी किस्मत के द्वार खोल देती है। यदि पूरी निष्ठा से लक्ष्य की ओर बढ़ा जाए तो सफलता मिलना निश्चित है। यही सच कर दिखाया राजस्थान के रहने वाले देशल दान ने। पिता ने चाय बेचकर उन्हें पढ़ाया और पिता को गरीबी की ज़िंदगी से आज़ादी दिलाने के लिए देशल ने अपने पहले ही एटेम्पट में 82 रैंक के साथ UPSC सिविल सेवा 2017 की परीक्षा पास की। आइये जानते है उनके इस संघर्षपूर्ण सफर के बारे में:
UPSC सिविल सेवा Prelims परीक्षा 2020: नई तिथि पर फैसला अब 5 जून के बाद
जैसलमेर के एक छोटे से गाँव के रहने वाले हैं देशल

देशल का जन्म जैसलमेर के सुमलियाई गाँव में हुआ था। उनके पिताजी एक चाय का स्टाल चलाते हैं और इससे होने वाली कमाई से 9 लोगों के परिवार का पालन करते हैं। देशल अपने 7 भाई बहनों में सिर्फ दुसरे ऐसे हैं जिन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की। उन्होंने गाँव के ही सरकारी स्कूल से हिंदी मीडियम से 10वीं कक्षा पास की जिसके बाद वह IIT की तैयारी करने के लिए कोटा चले गए।
IIT जबलपुर से की BTech की पढ़ाई

देशल बचपन से ही पढ़ाई में काफी तेज़ थे। उन्होंने 12वीं में कड़ी मेहनत की और JEE एंट्रेंस टेस्ट पास किया। इसके बाद उन्होंने IIT जबलपुर से BTech में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की। इसी दौरान उन्होंने IAS की तैयारी करने का मन बनाया।
UPSC (IAS) Prelims 2020 की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण NCERT पुस्तकें
बड़े भाई से हुए प्रेरित
देशल के बड़े भाई भारतीय नौसेना में कार्यरत थे। वह जब भी गाँव आते थे तो अपनी नौसेना की कहानियाँ सुनाते थे। देशल उनसे काफी प्रभावित थे और वह भी अपने बड़े भाई की तरह देश की सेवा करना चाहते थे। उनके बड़े भाई ने उन्हें IAS के बारे में बताया था। परन्तु जब देशल 10वीं में थे तो उनके भाई की आईएनएस सिंधुरक्षक में हुई दुर्घटना में मौत हो गई। इस हादसे से देशल काफी आहत हुए थे परन्तु उनके भाई के दिखाए हुए रास्ते पर चलने को उन्होंने अपना कर्तव्य समझ लिया।
UPSC के पहले ही एटेम्पट में हासिल की 82वीं रैंक

देशल के परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी कि वह किसी कोचिंग इंस्टिट्यूट की फीस भर सकें। परन्तु उनके पिता और भाइयों ने उनके IAS बनने के सपने में पूरा सपोर्ट किया और उनकी किताबों का पूरा खर्चा उठाया। देशल का कहना है कि यदि उनका परिवार उनका साथ नहीं देता तो वह कभी इस लक्ष्य को पाने के बारे में सोच ही नहीं सकते थे। अपने परिवार की मेहनत को ज़ाया न करते हुए देशल ने जी-तोड़ मेहनत की। 2017 के UPSC सिविल सेवा के पहले ही एटेम्पट में उनको इस मेहनत का फल मिला और उन्होंने यह कठिन परीक्षा 82वी रैंक के साथ पास की।
देशल बताते हैं की जब उनका रिजल्ट आया तो उनके माता पिता काफी खुश थे। वह यह तो नहीं समझ पाए की उनके बेटे ने कितनी बड़ी उपलब्धि हासिल की है परन्तु वह देशल को मिल रहे सम्मान को देख कर काफी खुश थे। देशल उन लाखों युवाओं के लिए एक प्रेरणा हैं जो हर हाल में सकरात्मक सोच रख कर जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं। देशल का कहना हैं कि चुंकि उन्होंने ग्राउंड लेवल पर हर एक परिस्थिति का सामना किया है इसलिए वह देश के गरीबों की व्यथा को समझते हैं और उनके उत्थान के लिए अच्छा काम करना चाहते हैं।
Comments
All Comments (0)
Join the conversation