प्लांट प्रोटेक्शन ऑफिसर का पद केंद्र और राज्य सरकार के कृषि एवं वन से जुड़े मंत्रालयों सम्बद्ध विभागों (जैसे-वनस्पति संरक्षण, संगरोध एवं संग्रह निदेशालय), अधीन विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, आदि में होता है. किसी भी संगठन में प्लांट प्रोटेक्शन ऑफिसर का पद ग्रुप ‘बी’ (नॉन-गजेटेड) के स्तर का होता है. प्लांट प्रोटेक्शन ऑफिसर के पदों पर नियुक्ति विभिन्न स्पेशियलाजेशन के लिए की जाती है, जैसे– इंटोमोलॉजी/नेमैटोलॉजी, प्लांट पैथोलॉजी /वॉयरोलॉजी / बैक्टीरियोलॉजी, वीड साइंस, आदि. प्लांट प्रोटेक्शन ऑफिसर के पदों पर नियुक्ति के लिए चयन केंद्र सरकार के अधीन विभागों या संगठनों के लिए कर्मचारी चयन आयोग द्वारा और राज्यों के मामलों में सम्बन्धित राज्य के कर्मचारी अधीनस्थ सेवा चयन आयोगों द्वारा की जाती है. प्लांट प्रोटेक्शन ऑफिसर का कार्य होता है कि वह सम्बन्धित स्पेशियलाईजेशन के अनुसार पादपों की विभिन्न प्रजातियों के संरक्षण के लिए कार्य करे. विभिन्न प्रजातियों के विकास और उनकी किस्मों को उत्पादन से सम्बन्धित शोध कार्य करे. विभिन्न प्रजातियों के बारे में समय-समय रिपोर्ट तैयार करने की भी जिम्मेदारी प्लांट प्रोटेक्शन ऑफिसर की ही होती है.
प्लांट प्रोटेक्शन ऑफिसर के लिए कितनी होनी चाहिए योग्यता?
प्लांट प्रोटेक्शन ऑफिसर बनने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार को किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से सम्बन्धित स्पेशियलाजेशन (इंटोमोलॉजी/नेमैटोलॉजी, प्लांट पैथोलॉजी /वॉयरोलॉजी/ बैक्टीरियोलॉजी, वीड साइंस) में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री (एमएससी) उत्तीर्ण हों.
प्लांट प्रोटेक्शन ऑफिसर के लिए कितनी है आयु सीमा?
प्लांट प्रोटेक्शन ऑफिसर बनने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार की आयु 18 वर्ष से 30 वर्ष के बीच हो. हालांकि, कुछ संस्थानों में यदि संविदा के आधार पर नियुक्ति होती है तो अधिकतम आयु सीमा 32-35 वर्ष तक होती है. आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा सरकार के नियमानुसार छूट दी जाती है.
प्लांट प्रोटेक्शन ऑफिसर के लिए चयन प्रक्रिया
प्लांट प्रोटेक्शन ऑफिसर के पद पर कर्मचारी चयन आयोग द्वारा उम्मीदवारों का चयन आमतौर पर कंप्यूटर पर आधारित लिखित परीक्षा के आधार पर किया जाता है. लिखित परीक्षा कंप्यूटर आधारित बहुविकल्पीय प्रकृति की होती है जिसमें जनरल इंटेलीजेंस, जनरल अवेयरनेस, क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड और इंग्लिश लैंग्वेज से सम्बन्धित प्रश्न होते हैं. लिखित परीक्षा में निगेटिव मार्किंग भी होती है. कंप्यूटर आधारित लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों को न्यूनतम 35% अंक अर्जित करने होते हैं. लिखित परीक्षा के अंकों के आधार पर तैयार मेरिट लिस्ट के अनुसार उत्तीर्ण उम्मीदवारों को दस्तावेज सत्यापन के लिए आमंत्रित किया जाता है.
कितनी मिलती है प्लांट प्रोटेक्शन ऑफिसर को सैलरी?
प्लांट प्रोटेक्शन ऑफिसर के पद पर छठें वेतन आयोग के पे-बैंड 2 (रु. 9300-34800/- + ग्रेड पे रु. 4200) के अनुरूप सैलरी दी जाती है. इसके साथ ही सरकार द्वारा लागू विभिन्न प्रकार के भत्ते दिये जाते हैं. वहीं, राज्य सरकारों के विभागों एवं संस्थानों में वेतनमान संबंधित राज्य के समकक्ष स्तर पर निर्धारित वेतनमान के अनुसार दिया जाता है जो कि राज्य के अनुसार अलग-अलग होता है.
प्लांट प्रोटेक्शन ऑफिसर को कहां मिलेगी सरकारी नौकरी?
प्लांट प्रोटेक्शन ऑफिसर का पद केंद्र और राज्य सरकार के कृषि एवं वन से जुड़े मंत्रालयों सम्बद्ध विभागों (जैसे-वनस्पति संरक्षण, संगरोध एवं संग्रह निदेशालय), अधीन विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, आदि में होता है. इन विभागों या संगठनों के लिए कर्मचारी चयन आयोग द्वारा और राज्यों के मामलों में सम्बन्धित राज्य के कर्मचारी अधीनस्थ सेवा चयन आयोगों द्वारा की जाती है. इन सभी रिक्तियों के बारे में अधिसूचना समय-समय पर आयोगों द्वारा निकाली जाती हैं. इन सभी रिक्तियों के बारे में भारत सरकार के प्रकाशन विभाग से प्रकाशित होने वाले रोजगार समाचार, दैनिक समाचार पत्रों एवं सरकारी नौकरी की जानकारी देने वाले पोर्टल्स या मोबाइल अप्लीकेशन के माध्यम से अपडेट रहा जा सकता है.
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