कहा जाता है कि शिक्षा का दान सबसे बड़ा दान होता है। कुछ ऐसा ही कर रहे हैं मध्य प्रदेश के रहने वाले पराग दीवान। पराग जबलपुर में कॉम्पटेटिव एक्ज़ाम की कोचिंग चलाते हैं और साथ ही गरीब बच्चों को मु्फ्त पढ़ाकर उनका जीवन सुरक्षित करने का प्रयास कर रहे हैं। उनकी इस ओपन क्लास में फ़िलहाल 120 बच्चे पढ़ने आते हैं। यह सभी बच्चे पढ़ने में सामान्य स्कूल में जाने वाले किसी बच्चे जितने ही तेज़ हैं। पराग की मेहनत से जो बच्चे कल तक स्कूल और शिक्षा से दूर थे आज इतने होशियार हो चुके हैं कि आने वाले दिनों में बड़े से बड़ा अधिकारी बनने का सपना बुन रहे हैं।
2016 में शुरू की थी ओपन क्लास
Around 120 students attend the class. I want at least one of my students to qualify for IAS and one for IPS. I am planning to open a school for children from underprivileged families where senior students will teach juniors: Parag Deewan in Jabalpur (12.11.2020) https://t.co/BXv8ZwkOVn
— ANI (@ANI) November 13, 2020
अपने इस फ्री शिक्षा अभियान के बारे में पराग कहते हैं कि उनकी माँ की मृत्यु के बाद उन्होंने गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देने का बीड़ा उठाया। उनकी माँ का सपना था की वह गरीब बच्चों के लिए एक स्कूल खोलें। इसी सपने को पूरा करने के लिए पराग ने ओपन स्कूल की शुरुआत की। जबलपुर में नर्मदा नदी के गौरीघाट पर खुले आसमान के नीचे रोज़ शाम को पराग दीवान इसी तरह गरीब बच्चों को मुफ्त पढ़ाकर उन्हें ज़िदगी में बड़े लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं| खुद ये बच्चे बताते हैं कि वो नर्मदा किनारे गौरीघाट पर फूल, दिये की दुकान लगाते थे और इनका पूरा दिन नर्मदा में अठखेलियां करने में गुज़रता था। इन बच्चों को घाट पर आकर पराग ने अपने पास बुलाया और उन्हें कुछ ना कुछ गिफ्ट देकर अपनी मुफ्त क्लास में आने के लिए मना लिया | अब इन बच्चों के दिल में शिक्षा की अलख कुछ इस तरह जल उठी है कि वो बड़े होकर बड़े से बड़ा अधिकारी बनना चाहते हैं।
गरीब बच्चों के लिए खोलना चाहते हैं स्कूल
पराग ने बताया कि वो एक स्कूल खोलने की योजना बना रहे हैं, जहां गरीब और असहाय परिवारों के बच्चों को शिक्षा दी जा सके। इस स्कूल में सीनियर द्वारा जूनियर को पढ़ाया जाएगा। पराग का सपना है की उनकी इस क्लास में से कम से कम एक बच्चा IAS या IPS अधिकारी बनें।
अपनी इस मुफ्त क्लास को प्रचार की चका-चौंध से दूर रखने वाले पराग असल मायनों में सच्चे शिक्षक हैं जिनका स्वार्थ गरीबों के बच्चों की तरक्की में ही छुपा है।पराग जैसे शिक्षक देश के हर नागरिक के लिए एक प्रेरणा हैं।
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