Positive India: कभी स्कूल में हुई थीं फेल, बाद में बिना कोचिंग के हासिल की UPSC में 2nd रैंक - जानें IAS Rukmani Riar की कहानी

May 6, 2020, 13:58 IST

छठी कक्षा में हुई थीं फेल लेकिन फिर सबक लेकर खूब मेहनत करी और यूपीएससी सिविल सेवा जैसे कठिन एग्जाम को क्लियर कर बनी IAS अफसर 

Positive India: कभी स्कूल में हुई थीं फेल, बाद में बिना कोचिंग के हासिल की UPSC में 2nd रैंक - जानें  IAS Rukmani Riar की कहानी
Positive India: कभी स्कूल में हुई थीं फेल, बाद में बिना कोचिंग के हासिल की UPSC में 2nd रैंक - जानें IAS Rukmani Riar की कहानी

 जहाँ अधिकांश युवा फेल हो जाने पर निराश हो जाते हैं वहीं पंजाब की रुक्मणि रियार ने अपनी असफलता से सबक ले कर जीवन में कड़ी मेहनत की और UPSC सिविल सेवा जैसा कठिन एग्जाम पास कर IAS अफसर बनीं। आइये जानते हैं उनके परिश्रम और कामयाबी की कहानी।

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पंजाब के गुरदासपुर में हुआ था रुक्मणि का जन्म 

रुक्मणि का जन्म पंजाब राज्य के गुरदासपुर जिले में हुआ। उनके पिता श्री बलजिंदर सिंह रियार एक रिटायर्ड डेप्यूटी डिस्ट्रिक अटॉर्नी हैं और माँ तकदीर कौर एक गृहणी हैं। रुक्मणि ने अपनी स्कूली पढ़ाई के पहले कुछ वर्ष गुरदासपुर में ही बिताए जिसके बाद उन्हें चौथी कक्षा में बोर्डिंग स्कूल भेज दिया गया। 

6ठी कक्षा में हुईं फेल   

चौथी कक्षा में अचानक बोर्डिंग स्कूल जाने की वजह से रुकमणि काफी प्रभावित हुई। इस नए बदलाव में खुद को ढालने में उन्हें काफी समय लगा। अचानक हुए बदलाव के कारण ही रुक्मणि छठी क्लास में फेल हो गई। वह बताती हैं की फेल होने के बाद वह इतनी शर्मिंदगी महसूस करने लगी की इन्होने अपने पेरेंट्स और टीचर्स से बात करना भी कम कर दिया। लेकिन उन्होंने अपनी इस असफलता से सबक लिया। वह निराश हो कर नहीं बैठी बल्कि सीख ले कर जीवन में आगे बढ़ी। 

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NGO में काम करते हुए मिली IAS बनने की प्रेरणा 

रुक्मणि ने अपनी असफलताओं से सबक लिया और जीवन में आगे बढ़ती रही। उन्होंने टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल साइंस से मास्टर्स डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने कई NGO के साथ जुड़ कर देश की प्रगति के लिए काम किया। इसी समय उन्होंने ये ठान लिया कि समाज में कुछ बदलाव लाने के लिए ग्राउंड लेवल पर चेंज लाने की ज़रूरत है। यही से उन्हें IAS बन कर देश की सेवा करने की प्रेरणा मिली। 

बिना कोचिंग पहले एटेम्पट में किया UPSC IAS एग्जाम क्लियर 

जिस परीक्षा को पास करने के लिए लोग सालों-साल मेहनत करते हैं और कोचिंग का सहारा लेते हैं, उसे रुक्मणि रियार ने बिना किसी कोचिंग की सहायता के अपने पहले ही एटेम्पट में पास कर लिया। यही नहीं उन्होंने UPSC (IAS) 2011 की परीक्षा में दूसरी रैंक हासिल की। रुक्मणि ने अपनी लगन और मेहनत से ये साबित कर दिया की यदि आपमें प्रतिभा है तो आप अपने सेल्फ कॉन्फिडेंस से किसी भी ऊंचाई को छू सकते हैं। रुक्मणि राजस्थान के बूंदी जिले में DM के पद पर कार्यरत हैं और उनके पति सिद्धार्थ सिहाग राजस्थान के झालावार जिले में डीएम के तौर पर कार्यरत हैं। 

Sakshi Saroha is an academic content writer 3+ years of experience in the writing and editing industry. She is skilled in affiliate writing, copywriting, writing for blogs, website content, technical content and PR writing. She posesses trong media and communication professional graduated from University of Delhi.
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