देश के सबसे युवा IPS अफसर बन कर 22 साल के हसन सफीन ने रचा इतिहास

Jan 14, 2020, 16:42 IST

कड़ी मेहनत और द्रिढ निश्चय आपको आपके सेट लक्ष्य तक ज़रूर पहुंचाता है।  इसका स्पष्ट उदाहरण है गुजरात के एक छोटे से गाँव के रहने वाले हसन सफीन जो अनेक असुविधाओं के बावजूद  भारत के सबसे युवा आईपीएस अफसर बने। आइये जाने उनकी सक्सेस स्टोरी के बारे में। 

Youngest IPS Officer of India- Hasan Safin
Youngest IPS Officer of India- Hasan Safin

UPSC सिविल सेवा परीक्षा को भारत की सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है। हर साल लाखो उमीदवार IAS और आईपीएस बनने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं और कुछ सैकड़ो ही सफल हो पाते है। ऐसे ही सपने के साथ हसन सफीन ने UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2018 का एटेम्पट दिया और 570 रैंक हासिल कर भारत के सबसे युवा आईपीएस अफसर बने। लेकिन आईपीएस बनने तक का सफर हसन के लिए काफी मुश्किलों भरा रहा। आर्थिक तंगी, सुविधाओं की कमी और बिना मार्गदर्शन के हसन ने हर मुश्किल को पार करते हए अपना सपना पूरा किया। वह 23 दिसंबर, 2019 को जिला जामनगर के सहायक पुलिस अधीक्षक (ASP) के रूप में कार्यभार संभालेंगे।

माँ बनाती थी पार्टियों में रोटियां 

 

हसन का बचपन काफी संघर्षपूर्ण रहा है। उनके माता पिता डायमंड की एक यूनिट में हीरा तराशने का काम करते थे। लेकिन कुछ समय बाद नौकरी छूट जाने के कारण परिवार को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। हसन बताते है की उनकी माँ सुबह 6 बजे उठकर 20 से 200 kg तक रोटियां बनाती थी। ठंडी के मौसम में उनके माता पिता चाय और अंडे का ठेला लगाया करते थे। लेकिन उनके माता पिता ने उनके आईपीएस बनने के सपने को हमेशा सपोर्ट किया और कभी कोई कमी महसूस नहीं होने दी। 

 

जिला DM को देखकर मिली प्रेरणा 

 

एक इंटरव्यू में जब हसन से पूछा गया की उनको आईपीएस बनने की प्रेरणा कैसे मिली तो उन्होंने बताया की एक दिन उनके गांव में उनके जिले के DM दौरे पर आये। उनके साथ उनके बॉडीगार्ड्स और PA भी थे। वह गांव में सभी लोगों से उनकी परेशानियो के बारे में पूछ रहे थे और जल्दी ही उनका हल निकालने का आश्वासन दे रहे थे। हसन उनके शासनिक अधिकार और पावर से काफी प्रभावित हुए और उन्होंने निश्चय किया की वह भी एक आईएएस अफसर बन कर देश की सेवा करेंगे। 

मित्रो, शिक्षकों और अजनबियों ने की मदद 

 

हसन मानते है की उनकी सफलता का श्रेय उन सभी लोगो को जाता है जिन्होंने इस सफर में उनका साथ दिया। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया की उनकी हाई स्कूल प्रिंसिपल ने स्कूल की 80000 रु फीस माफ़ कर उनकी मदद की। वही गुजरात के प्रसिद्ध पोलरा परिवार ने UPSC सिविल सेवा की तैयारी के दौरान 2 साल तक उनका सब खर्चा उठाया। यहाँ तक की उनकी कोचिंग फीस भी उन्होंने ही भरी। 

कठिन परिश्रम से मिली सफलता 

 

तैयारी के दौरान हसन ने कई मुश्किलों का सामना किया। अपने पहले एटेम्पट के लिए जाते समय उनका एक्सीडेंट हो गया था लेकिन वह फिर भी एग्जाम देने गए। हालांकि एग्जाम के बाद उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती भी होना पड़ा। एक इंटरव्यू में हसन ने बताया, 'मैं गुजरात पब्लिक सर्विस कमिशन की परीक्षा पास कर जिला रजिस्ट्रार तो बन गया, लेकिन मन में अभी भी आईएएस या आईपीएस बनने की इच्छा थी। इसके बाद पिछले साल 570वीं रैंक के साथ यह परीक्षा पास की।'  

हसन एक आईएएस अधिकारी बनना चाहते थे, हालांकि, अब वह संतुष्ट हैं और एक ईमानदार और जिम्मेदार अधिकारी के रूप में राष्ट्र की सेवा करना चाहते हैं। 

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Sakshi Saroha is an academic content writer 3+ years of experience in the writing and editing industry. She is skilled in affiliate writing, copywriting, writing for blogs, website content, technical content and PR writing. She posesses trong media and communication professional graduated from University of Delhi.
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