SSC क्वांटिटेटिव एपटीट्युड ट्रिक्स: साधारण और चक्रवृद्धि ब्याज

Nov 13, 2018, 10:43 IST

यह विषय आसानी से SSC परीक्षाओं में अंक प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि आपको केवल फार्मूले को लागू करके साधारण गणना करनी होती है।निम्नलिखित आर्टिकल में, हम इस एप्टीट्युड विषय के सभी छोटे-से-छोटे और प्रमुख पहलूओं को कवर करने जा रहे हैं। हमें पहले कुछ संबंधित पदों पर एक नज़र डालनी चाहिए-

SSC Aptitude tricks
SSC Aptitude tricks

यह विषय आसानी से SSC परीक्षाओं में अंक प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि आपको केवल फार्मूले को लागू करके साधारण गणना करनी होती है। सामान्यतः इस टॉपिक से प्रश्नपत्र में लगभग 1-2 प्रश्न हैं और कठिनाई स्तर परीक्षा पर निर्भर करता है कि वह परीक्षा CGL, CHSL या किसी अन्य SSC परीक्षा है। शॉर्टकट ट्रिक्स के उपयोग से विभिन्न प्रकार के प्रश्नों का नियमित अभ्यास भी आपको परीक्षा में समय की बचत करने में मदद करेगा। निम्नलिखित आर्टिकल में, हम इस एप्टीट्युड विषय के सभी छोटे-से-छोटे और प्रमुख पहलूओं को कवर करने जा रहे हैं। हमें पहले कुछ संबंधित पदों पर एक नज़र डालनी चाहिए-

ब्याज

जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति या बैंक से ऋण लेता है, तो व्यक्ति पैसे के उपयोग के लिए कुछ पैसे देता है इस परिदृश्य में, उधारकर्ता द्वारा ऋण के उपयोग के लिए ऋणदाता को भुगतान किया गया धन ब्याज कहलाता है| जैसे अगर A, B को रु० 100 का कर्ज देत है और B कुछ समय बाद रु० 110 रिटर्न करता है। तो, B द्वारा भुगतान किया जाने वाला ब्याज (110-100) = रु0 10 है|

मूलधन

यह एक निश्चित समय के लिए उधार ली या दी गयी गई धनराशी है।

मिश्रित धन

अर्जित मूलधन और ब्याज की राशि को मिश्रित राशि कहा जाता है.

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ब्याज की दर

किसी धनराशि पर हर साल प्रत्येक रु० 100 रुपये पर भुगतान किये गए ब्याज को ब्याज की दर कहा जाता है।

समय

जितने समय के लिए किसी धनराशि को उधर लिया या कर्ज दिया जाता है, उसे ‘समय’ कहा जाता है। जब हर छह महीने में ब्याज की गणना की जाती है तो उसे अर्ध-वार्षिक ब्याज कहा जाता है और जब हर तीन महीनों में ब्याज की गणना की जाती है तो उसे त्रैमासिक ब्याज कहा जाता है।

साधारण ब्याज

निम्न सूत्र का उपयोग करके इसकी गणना की जाती है;

 

मिश्रित धनराशि (कुल राशि) = मूलधन + सरल ब्याज

जहां, P = मूलधन;

R= ब्याज दर;

T= समय अवधि;

चक्रवृद्धि ब्याज

यह ब्याज पर ब्याज के रूप में भी जाना जाता है जिसका अर्थ है कि साधारण ब्याज, जो पहले वर्ष के मूलधन के लिए गणना किया जाता है,  को मूलधन में जोड़ा जाता है। इस मूलधन को परिणामस्वरुप  अगले वर्ष के लिए मूलधन राशि के रूप में उपयोग किया जाता हैं। इसको निम्नलिखित सूत्र का उपयोग करके आँका जाता है-

 

जहां, P = मूलधन राशि;

r= ब्याज दर;

n = समय (वर्षो में);

चक्रवृद्धि ब्याज = मिश्रित धन - मूलधन

चक्रवृद्धि ब्याज के संबंध में अन्य संबंधित सूत्र निम्नानुसार हैं-

• अगर ब्याज आधे साल के लिए कैलकुलेट किया गया हो, तो

 

• यदि चक्रवृद्धि ब्याज तिमाही है, तो

 

• अगर ब्याज सालाना जुड़ा हुआ है, लेकिन समय अंश में दिया गया है अर्थात, समय=t(a/b)~(tb+a)/b वर्ष; फिर

 

• अगर ब्याज दरें क्रमशः 1, 2 और 3 वर्ष के लिए r1%, r2% और r3%हैं, तो

 

उपर्युक्त विवरण के अलावा, SSC परीक्षाओं में निम्नलिखित प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं-

• SI और CI के बीच के अंतर की गणना

• वार्षिक / मासिक किस्त पर आधारित प्रश्न

• समय अवधि और ब्याज दर की गणना

• SI और CI गणना पर आधारित बुनियादी प्रश्न

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सैंपल प्रश्न

1. कोई धनराशि ब्याज की एक निश्चित दर पर 5 वर्ष में तीन गुना हो जाती है। उसी ब्याज दर पर कितने समय में यह धनराशि नौ गुना हो जाएगी?

उत्तर: - मान लीजिए मूल राशि = P और ब्याज दर=R है;

अगर 5 साल में पैसे की राशि 3 गुनी हो जाती है; तो अर्जित ब्याज 2P होगा अत:-

 

प्रश्नानुसार, T समय के बाद , राशि P, 9 गुना हो जाएगी। इसलिए, अर्जित ब्याज 8P होगा|

 

अत: 20 वर्षों के बाद, अंतिम राशि मूलधन राशी की 9 गुना हो जाएगी|

2. रुपये 10,000 की धनराशि को दो भागों में ऐसे तरीके से उधार दिया जाता है कि 5 वर्षों के लिए 15% पर एक हिस्से पर ब्याज, दूसरे हिस्से पर 5 साल के लिए 10% की दर के बराबर है। दिए गए धन का एक हिस्सा क्या होगा?

उत्तर: - मान लीजिए राशि का एक हिस्सा= x;

तो, राशि का शेष भाग= 10000-x;

प्रश्नानुसार-

 

राशि का अंश होगा रु० 4000 और रु० 6000 होगा|

3. यदि एक निश्चित राशि, चक्रवृद्धि ब्याज पर 5 वर्षों में दोगुनी हो जाती है; तो कितने सालों में, वही धनराशि उसी ब्याज दर पर 16 गुना हो जाएगी?

उत्तर: - मान लीजिए, मूल राशि = P; ब्याज दर = R;

इस प्रकार के प्रश्न में निम्न सूत्र का उपयोग होगा-

 

 प्रश्नानुसार, n साल के बाद राशि 16 गुना हो जाएगी;

 

अत:, 20 साल बाद यह मूलधन की 16 गुना हो जाएगी।

4. रु० 30000 पर, चक्रवृद्धि ब्याज की 7% प्रति वर्ष के दर से कितने समय में रु० 4347 का चक्रवृधि ब्याज मिलेगा?

Ans.:-

मिश्रित धनराशि = चक्रवृधि ब्याज + मूलधन;

मिश्रित धनराशि (A) = रु० 34,347;

इस प्रश्न में सूत्र का उपयोग होगा|

34347=30000(1+ 7/100)n;

 

दोनों पक्षों की घात की तुलना करने पर; n = 2 वर्ष प्राप्त होगा|

अत: 2 साल बाद, रु० 3447 का चक्रवृद्धि ब्याज प्राप्त होगा।

ऊपर दिए गए सवाल परीक्षा में तैयार किए गए सवालों के कुछ नमूने हैं। उपरोक्त सूत्रों का उपयोग कर इस विषय के सभी प्रकार के प्रश्नों को पूरी तरह से हल किया जा सकता है। इसलिए, पर्याप्त अंक प्राप्त करने के लिए यथासंभव अभ्यास करें। अधिक अध्ययन सामग्री और ट्रिक्स के लिए, हमारा नियमित रूप से अनुसरण करें|

शुभकामनाएं!

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