टीचिंग या किसी को शिक्षित करना मात्र एक कैरियर ऑप्शन ही नहीं बल्कि यह व्यक्ति को शिक्षा व्यवस्था का हिस्सा बनकर देश के भविष्य को आकार देने का एक खास अवसर भी है. जब बात आती है उच्च शिक्षा की तो आज के समय में यह सबसे आकर्षक कैरियर ऑप्शन भी है. इस फील्ड में न केवल स्थायित्व है, बल्कि जॉब सिक्योरिटी, आकर्षक वेतन और समाज में सम्मान के साथ भरपूर छुट्टियां भी होती है. इस क्षेत्र में आने के बाद लगातार युवा पीढ़ी के संपर्क में रहने का मौका भी मिलता है जो हमें समय के साथ होने वाले परिवर्तन और नए जमाने के साथ लगातार चलते रहने के लिए अपडेट रखता है. हालांकि सबसे महत्वपूर्ण और लोकप्रिय कैरियर विकल्प होने के बावजूद लोगों को कॉलेज प्रोफेसर बनने की प्रक्रियाओं के बारे में बारीकी से पता नहीं होता.
एक समय, मात्र पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री ही आपको प्रोफेसर बनने के लिए पर्याप्त थी लेकिन आज के समय में इस पद की नियुक्ति की प्रक्रिया भी एक कड़ी चुनौती है. आइए आपको बताते हैं कि कॉलेज प्रोफेसर बनने के लिए तैयारी कैसे की जाती है और कौन -कौन सी प्रक्रियाओं से गुजरना होता है, साथ ही आपको इस विषय में अन्य महत्वपूर्ण जानकिरयां भी इस लेख में दी जाएंगी.
उन्नति के अवसर:
प्रोफेसर का पद एक प्रमोशनल पद है. इसमें आप सीधे प्रोफेसर नहीं बन सकते, इसके लिए पीएचएडी डिग्री तथा वांछित अनुभव होना आवश्यक है. प्रोफेसर बनने के इच्छुक प्रतियोगियों को लेक्चरार के तौर पर टीचिंग प्रोफेशन ज्वॉइन कर लेना चाहिए. इसके बाद प्राप्त हुए अनुभव, प्रदर्शन और सीनियरिटी के आधार पर पहले असिस्टेंट प्रोफेसर और बाद में प्रोफेसर के पद पर प्रोन्नत किया जाता है. आइए आपको बताते हैं, इन पदों के बारे में:
प्रोफेसर:
पे-स्केल: 37,400- 67,000
शैक्षिक योग्यता: पीएचडी डिग्री तथा प्रतिष्ठित जर्नलों में रिसर्च पेपर प्रकाशित होने चाहिए.
अनुभव: किसी कॉलेज/ यूनिवर्सिटी में पढ़ाने का कम से कम 10 वर्ष का अनुभव.
असिस्टेंट प्रोफेसर:
पे-स्केल: 15,600- 39,100
शैक्षिक योग्यता: पीएचडी डिग्री तथा उल्लेखनीय अकेडमिक रिकॉर्ड/ कम से कम 55 फीसदी अंकों के साथ मास्टर्स डिग्री.
अनुभव: किसी कॉलेज/ यूनिवर्सिटी स्तर पर पढ़ाने का कम से कम 8 वर्ष का अनुभव या रिसर्च का अनुभव.
लेक्चरर/जूनियर फैलो रिसर्चर:
शैक्षिक योग्यता: यूजीसी नेट (नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट) परीक्षा पास करना.
प्रोफेसर बनना है तो पहले ही लें निर्णय:
यदि आपको शिक्षा के क्षेत्र में जाना है तो यह निर्णय 12वीं कक्षा के बाद ही लें लें और उसी अनुरूप अपना तैयारी शुरू कर दें. फिलहाल सरकारी लेक्चरर बनने का रास्ता यूजीसी नेट एग्जाम ही है.
स्कूल लेवल: कॉलेज में जो भी सब्जेक्ट पढ़ाना चाहती हैं, 12वीं में उसी के अनुसार विषयों का चयन करें और उन विषयों पर खासी पकड़ बनाए रखें. उस स्ट्रीम के विषयों के कांसेप्ट को क्लियर करने की ज्यादा से ज्यादा कोशिश करें.
ग्रेजुएशन लेवल: इस लेवल पर सही स्ट्रीम और विषय का चयन करें. इसमें भविष्य में जिस विषय को पढ़ाना चाहते हैं उसमें बुनियादी रूप से मजबूत बनने का प्रयास करें. अमुक विषय में आए उच्च अंक कॉलेज प्रोफेसर बनने के दौरान होने वाली स्क्रीनिंग प्रोसेस में आपके लिए सकारात्मक कार्य करेंगे.
पोस्ट ग्रेजुएशन लेवल: यह लेवल अपनी पसंद के विषय में स्पेशलाइजेशन के साथ करें. यूजीसी नेट परीक्षा में बैठने के लिए पीजी स्तर पपर न्यूनतम 55 फीसदी अंक लाना आवश्यक होता है, ऐसे में इससे अधिक अंक लाने का लक्ष्य लेकर चलें.
पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद: यूजीसी नेट परीक्षा के लिए तैयारी शुरू कर दें या फिर एमफिल या पीएचडी डिग्री के लिए अपने विषय में रिसर्च के लिए आवेदन कर दें. हालांकि यूजीसी नेट पास करना अनिवार्य है लेकिन अपने विषय में डॉक्टरेट होना भी बेहद लाभदायक होता है. लेक्चरर या असिस्टेंट प्रोफेसरर के रूप में ज्वॉइन करने के बाद प्रोफेसर लेवल पर प्रमोशन पाने के लिए पीएचडी डिग्री अनिवार्य होती है.
यूजीसी नेट एग्जाम: यूजीसी नेट यानि यूनिविर्सटी (विश्वविद्वालय) अनुदान आयोग का नेशनल एललिजिबिलिटी टेस्ट. यह नेशनल लेवल पर आयोजित होने वाला एग्जाम है जो सरकारी कॉलेजों में भर्ती के लिए उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग करता है. यूजीसी द्वारा इस परीक्षा का आयोजन साल में दो बार जून एवं दिसंबर में किया जाता है, इस वर्ष यह जुलाई माह में आयोजित किया जा रहा है. आपको बता दें कि अब यूजीसी हेतु CBSC द्वारा इस परीक्षा का आयोजन किया जाता है.
नेट के लिए योग्यता मानदंड: सामान्य वर्ग तथा ओबीसी उम्मीदवारों के लिए कम से कम 55 फीसदी अंकों के साथ पोस्ट ग्रेजुएशन होना. एससी/एसटी उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम 50 फीसदी अंक होने चाहिए.
आयु सीमा: इसके लिए कोई आयु सीमा नहीं है लेकिन जूनियर रिसर्च फैलोशिप के लिए उम्मीदवारों को 21 से 28 वर्ष के बीच होना चाहिए. एससी/एसटी/ओबीसी के लिए 5 वर्ष की छूट का प्रावधान है.
एग्जाम का पैटर्न:
पेपर | अंक प्रश्नों की संख्या | समय |
प्रथम | 100 60- 50 प्रश्न करने हैं | 1.15 घंटा (सुबह 9.30 से 10.45) |
द्वितीय | 100 50- सभी अनिवार्य | 1.15 घंटा (सुबह 11.15 से 12.30) |
तृतीय | 150 75- सभी अनिवार्य | 2.30 घंटा ( दोपहर 2 से 4.30) |
कट ऑफ लिस्ट- सभी पेपर में अलग-अलग पास होना जरूरी है. इनका कट ऑफ रिजर्वेशन कैटेगरी के अनुसार तय किया जाता है.
पेपर-1 : यह जनरल अवेयरनेस का होता है, इसमें रीजनिंग, करंट अफेयर्स, मेंटल एबिलिटी, एनवायरमेंट रिसर्च मेथेडॉलजी, कंप्यूटर और राजनीति पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं. इसमें 60 ऑब्जेक्टिव टाइप के सवाल होते हैं जिसमें से 50 करने होते हैं. यह पेपर 100 अंक का होता है.
पेपर-2 : दूसरा पेपर चयनित विषय पर आधारित होता है. इसमें भी 50 ऑब्जेक्टिव टाइप के सवाल होते हैं. यह पेपर भी 100 अंक का होता है.
पेपर-3 : तीसरा पेपर भी चयनित विषय पर ही आधारित होता है लेकिन इसमें ज्यादा इन-डेप्थ सवाल पूछे जाते हैं. इसमें 75 ऑब्जेक्टिव टाइप के सवाल होते हैं. यह पेपर 150 अंक का होता है.
यह भी रखें ध्यान:
- आपने जो भी विषय सिलेक्ट किया है, उसमें जो भी नई रिसर्च प्रकाशित हो रही हैं, उनके बारे में अपटू डेट रहें.
- नेट में पूछे जाने वाले सवालों के पैटर्न पर पकड़ से उसकी फोकस्ड होकर तैयारी की जा सकती है. इसके लिए यह ट्रैक करें कि किस चैप्टर से और किस तरीके के सवाल पूछे जाते हैं.
- बचे हुए समय में किसी नई चीज को आधा-अधूरा पढ़ने से बेहतर है जो टॉपिक जितना अधिक पूछे जाते है उसमें फोकस रहें.
- जब भी मॉक पेपर से सवाल हल करें, वास्तविक परीक्षा की तरह ही करें, इससे समय प्रबंधन के साथ बेहतर अभ्यास हो सकेगा.
- रिविजन बार-बार करते रहें, इससे कांफीडेंस के साथ साथ जानकारी भी बढ़ेगी.
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