Get UP Board class 10th Science chapter-10 (Acid, Alkali and Salt): Study notes in Hindi. This chapter is one of the most important chapters of UP Board class 10 Science. So, students must prepare this chapter thoroughly. The notes provided here will be very helpful for the students who are going to appear in UP Board class 10th Science Board exam 2019 and also in the internal exams.
Main topics covered in this article are:
1. अम्ल या acid की परिभाषा
2. अम्ल के प्रकार, प्रकृति प्रदत अम्ल, खनिज अम्ल
3. अम्लों के गुण, स्वाद, संक्षारक प्रकृति
4. सूचकों पर अभिक्रिया
5. कार्बोनेट तथा हाइड्रोजन कार्बोनेट के साथ अभिक्रिया
6. धात्विक ऑक्साइडों के साथ अभिक्रिया
7. अम्लों का विलयन रूप
8. अम्लों का उपयोग
अम्ल या acid की परिभाषा : ‘Acid’ शब्द लैटिन भाषा के शब्द ‘acids’ से बना है जिसका अर्थ खट्टा होता है| इस आधार पर हम अम्ल को निम्नवत परिभाषित कर सकते हैं-
“वे पदार्थ जो स्वाद में खट्टे होते हैं, अम्ल कहलाते हैं|”
अम्ल लिटमस पेपर पर भी प्रतिक्रिया देते हैं| ये नीले लिटमस को लाल कर देते हैं| इस प्रकार, “वे पदार्थ जिनका स्वाद खट्टा होता है तथा जो नीले लिटमस को लाल कर देते हैं, अम्ल कहलाते हैं|”
अम्ल के प्रकार :
सभी अम्लों को निम्नलिखित वर्गों में विभाजित किया जा सकता है-
प्रकृति प्रदत अम्ल (Naturally occurring acids) – प्रकृति प्रदत अम्ल तनु अम्ल होते हैं|
हमारे अनेक खाद्य पदार्थों में ऐसे तनु अम्ल विविध मात्रा में रहते हैं| कुछ सामान्य फलों तथा खाद्य पदार्थों में उपस्थित अम्ल इस प्रकार हैं-
क्र. सं. | फल/खाद्य पदार्थ | उपस्थित अम्ल |
1. | सिट्रस फल, प्याज | ऐस्कार्बिक अम्ल (विटामिन C) |
2. | सेब | मैलेइक अम्ल |
3. | दही | लैक्टिक अम्ल |
4. | इमली | टार्टरिक अम्ल |
5. | सिरका | ऐसीटिक अम्ल |
6. | ठण्डे पेय | कार्बोनिक अम्ल |
7. | सन्तरा | सिट्रिक अम्ल |
8. | टमाटर | ऑक्सैलिक अम्ल |
खनिज अम्ल (Mineral acids) – खनिज अम्ल प्रबल अम्ल होते हैं| सल्फ्यूरिक अम्ल हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, नाइट्रिक अम्ल और फास्फोरिक अम्ल आदि कुछ सामान्य रूप से प्रयोग किए जाने वाले खनिज अम्ल हैं| ये खनिज अम्ल इसलिए कहलाते हैं क्योंकि ये खनिजों से तैयार किए जाते हैं| खनिज अम्ल ओद्योगिक दृष्टि से बहुत उपयोगी हैं| इनका प्रयोग उर्वरक, ओद्योगिक रसायन, विस्फोटक, रंग तथा रंजक आदि बनाने में किया जाता है| खनिज अम्लों में से एक, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल आमाशय में उपस्थित भोजन के पाचन में सहायता करता है|
अधिकतर खनिज अम्ल संक्षारक प्रकृति के होते हैं तथा त्वचा पर जलन उत्पन्न करते हैं| अत: इन अम्लों का उपयोग विशेषकर सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल का उपयोग सावधानीपूर्वक करना चाहिए| इन अम्लों को छुना या चखना नहीं चाहिए| सामान्यतया तनु अम्लों का ही प्रयोग करना चाहिए|
अम्लों के गुण :
अम्लों के कुछ सामान्य गुण इस प्रकार हैं-
1. स्वाद- अम्ल तथा उनके विलयन का स्वाद खट्टा होता है|
2. संक्षारक प्रकृति – सान्द्र खनिज अम्ल जैसे सल्फ्यूरिक अम्ल, नाइट्रिक अम्ल जीव-ऊतकों, कपड़ों, कागज तथा धातुओं पर प्रहार करते हैं| इन पर अम्लों की तीव्र अभिक्रिया होती है|
प्रकृति प्रदत अम्ल धातुओं के साथ बहुत मन्द गति से अभिक्रिया करके विषैले यौगिक बनाते हैं| इसी कारण खट्टे फल, दही आदि को तांबे, सीसे अथवा जस्ते के बने बर्तनों में नही रखना चाहिए|
3. सूचकों पर अभिक्रिया – सूचक एक ऐसा पदार्थ है जो अम्लीय तथा क्षारकीय माध्यमों में विभिन्न रंग देता है| लिटमस, मेथिल ऑरेंज, फीनाल्फ्थेलिन आदि कुछ सामान्यतया प्रयोग में आने वाले सूचक हैं| अम्ल तथा उनके विलयन नीले लिटमस को लाल में परिवर्तित कर देते हैं| अम्ल और उनके विलयन पीले मेथिल ऑरेंज को लाल में परिवर्तित कर देते हैं| अम्ल और उनके विलयन का फीनाल्फ्थेलिन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता|
अत: यदि कोई विलयन नीले लिटमस का रंग लाल में परिवर्तित कर देता है, तब यह अम्ल अथवा उसका विलयन होगा|
4. धातुओं के साथ अभिक्रिया – अम्ल अधिकतर धातुओं के साथ अभिक्रिया करके लवण बनाते हैं तथा हैड्रोजन गैस उत्पन्न होती है|
तनु सल्फ्यूरिक अम्ल तथा हैद्रोक्लोरिक अम्ल धातुओं जैसे मैग्नीशियम तथा जिंक के साथ अभिक्रिया कर लवण तथा लवण तथा हाइड्रोजन गैस बनाते हैं|
5. कार्बोनेट तथा हाइड्रोजन कार्बोनेट के साथ अभिक्रिया – अम्ल कार्बोनेट और हाइड्रोजन कार्बोनेट को अपघटित करके लवण तथा कार्बन डाइऑक्साइड गैस देते हैं| उदाहरणार्थ – सोडियम कार्बोनेट तथा कैल्सियम कार्बोनेट हाइड्रोक्लोरिक अम्ल तथा सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करके लवण और कार्बन डाइऑक्साइड गैस देते है|
6. धात्विक ऑक्साइडों के साथ अभिक्रिया – अम्ल धात्विक ऑक्साइडों के साथ अभिक्रिया करके लवण और जल देते हैं|
7. अम्लों का विलयन रूप – सभी अम्ल जलीय विलयन में स्वतन्त्र हाइड्रोनियम आयन विभुक्त करते हैं| प्रबल अम्ल विलयन में पूर्णतया विघटित हो जाते हैं|
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अम्लों का उपयोग : हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCL), नाइट्रिक अम्ल तथा सल्फ्यूरिक अम्ल व्यावसयिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण अम्ल है| इन अम्लों के कुछ महत्वपूर्ण उपयोग हैं-
1. हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCL) के उपयोग-
(i) क्लोराइड तथा क्लोरिन गैस बनाने में,
(ii) यश्दिकरण (कलई) से पहले लोहे की चादरों को साफ करने में,
(iii) हड्डियों से गोंद निकालने के लिए,
(iv) वस्त्र उपयोग में कपडा रगड़ने के लिए|
2. नाइट्रिक अम्ल(HNO3) के उपयोग-
(i) उर्वरक, विस्फोटक, रंग तथा औषधिबनाने के लिए,
(ii) सोने तथा चंडी के शोधन में|
3. सल्फ्यूरिक अम्ल(H2SO4) के उपयोग-
(i) उर्वरक, धावन पाउडर, प्लास्टिक, कृत्रिम रेशे बनाने में,
(ii) पेट्रोलियम उद्धोग में शोधन के लिए,
(iii) लेड बैटरियों में (विधुत अपघटक के रूप में)|
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