जहाँ अधिकांश UPSC टॉपर्स के माता पिता उनके प्रोत्साहन का स्त्रोत बनते हैं वही निधि सिवाच के साथ ऐसा नहीं था। निधि के परिवार के लोग निरंतर उन पर शादी करने का दबाव बना रहे थे परन्तु अपने लक्ष्य को पाने के लिए निधि ने इन सभी परिथितियों को नज़रअंदाज़ किया और तीसरे प्रयास में UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास कर 83वीं रैंक हासिल की। आइये जानते हैं उनके IAS बनने तक के सफर के बारे में।
UPSC (IAS) Prelims 2020 की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण NCERT पुस्तकें
बचपन से था भारतीय वायुसेना में शामिल होने का सपना

निधि अपने परिवार के साथ हरियाणा के गुरुग्राम जिले की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई यहीं से पूरी की जिसके बाद उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। वैसे तो भारतीय वायुसेना में साल भर पहले ही लड़कियों के लिए लड़ाकू विमान उड़ाने का रास्ता खोला है पर निधि बचपन से ही इंडियन एयर फोर्स में जाने का सपना देखती थी। इसी सपने को पूरा करने के लिए वह AFCAT यानी एयर फोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट में बैठी पर उनकी किस्मत में कुछ और लिखा था।
AFCAT इंटरव्यू बोर्ड के एक सदस्य ने दी UPSC में जाने की प्रेरणा
एफकैट का इंटरव्यू निधि के करियर के लिहाज से टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। इंटरव्यू बोर्ड के एक सदस्य ने उन्हें UPSC सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए प्रेरित किया। उन दिनों निधि हैदराबाद की एक बड़ी कंपनी में जॉब कर रही थी। लेकिन उन्होंने इंटरव्यू पैनेलिस्ट की बात को गंभीरता से लिया और अपनी नौकरी के साथ साथ UPSC की तैयारी करने का फैसला किया।
पहले 2 एटेम्पट में असफलता के बाद घरवालों ने दिया शादी का अल्टीमेटम

निधि ने जब पहला अटेम्पट दिया था उस समय परीक्षा के केवल तीन महीने ही बाकी थे और वह प्री का सिलेबस भी खत्म नहीं कर पायी थीं। दूसरे अटेम्पट में भी उनकी तैयारी अच्छी ना होने के कारण उन्हें सफलता नहीं मिली। इस समय वे नौकरी भी कर रही थीं और उनके लिए पढ़ाई का समय निकालना मुश्किल होता था। यह वो समय भी था जब घर वालों ने निधि पर शादी का दबाव बनाना शुरू कर दिया था। हालांकि निधि अपने सपने को बीच रास्ते में छोड़ने के लिए तैयार नहीं थी और उन्होंने अपने पिता से एक आखिरी मौके की गुज़ारिश की। उनके पिता ने उन्हें एक आखरी मौका तो दिया परन्तु यह शर्त भी राखी की वह जिस भी लेवल पर फेल उन्हें उसी समय शादी के लिए अपनी रज़ामंदी देनी होगी। निधि ने इसके बाद पीछे मूड़ कर नहीं देखा और अपने लक्ष्य को पाने के लिए हर मुमकिन कोशिश में जुट गईं।
UPSC की तैयारी के लिए 6 महीने तक नहीं निकली कमरे से बाहर
अपने लक्ष्य के प्रति निधि की डेडिकेशन का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है की वह इस आखिरी मौके के लिए अपनी नौकरी छोड़ कर जब घर वापस शिफ्ट हुई तो तैयारी के 6 महीने में एक दिन भी घर से बाहर नहीं निकली। निधि का कहना है की उन्होंने अपने घर का मैं गेट 6 महीने बाद प्रीलिम्स परीक्षा देने जाने के वक्त देखा। वह कहती हैं कि ऐसा नहीं है कि घर में पढ़ाई करने के दौरान डिस्ट्रैक्शंस नहीं होते.लेकिन किसी भी प्रकार के डिस्ट्रैक्शन से खुद को बचाना पड़ता है।
UPSC सिविल सेवा 2018 की परीक्षा पास कर 83वीं रैंक हासिल की

IAS निधि सिवाच ने अपने पिता के दिए आखरी मौके को व्यर्थ नहीं जाने दिया। उन्हें हर समय इस बात का ख्याल रहता था की अगर वह परीक्षा की किसी भी स्टेज को पार नहीं कर पाई तो उन्हें दोबारा मौका नहीं दिया जाएगा। इस प्रेशर को निधि ने सकारत्मक तरीके से अपनी पढ़ाई में शामिल किया और तीसरे एटेम्पट में UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2018 पास कर IAS अधिकारी बनीं। निधि ने अपनी मेहनत से ना केवल अपना सपना पूरा किया बल्कि अपने माता पिता का नाम भी रोशन किया।
IAS निधि सिवाच की कहानी इस बात का प्रतीक हैं की यदि लक्ष्य को पाने की प्रबल इच्छा व्यक्ति के मन में है तो मेहनत से किया एक प्रयास ही सफलता के द्वार खोल देता है।
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