भारतीय सैन्य अकादमी (IMA), देहरादून, भारतीय सेना की आधिकारिक प्रशिक्षण अकादमी है। UPSC NDA और CDS परीक्षाओं के उम्मीदवारों के लिए IMA में प्रशिक्षण प्राप्त करना एक सपना सा होता है ।
आठ दशक पहले अपनी स्थापना के बाद से इस अकादमी ने कई युद्ध नायकों को प्रशिक्षित किया है। उनमें से फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ और जनरल वेद प्रकाश मलिक सबसे उल्लेखनीय हैं l इन दोनों सेना प्रमुखों ने युद्ध के दौरान भारतीय सेना का नेतृत्व किया।
फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ के बारे में 10 दिलचस्प तथ्य
1. वह स्वतंत्र भारत में सेना के 8 वें चीफ थे। उन्होंने 1969 से 1973 के बीच लगभग चार वर्षों तक सेना प्रमुख के रूप में कार्य किया l
2. उन्होंने कैंब्रिज बोर्ड की स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा में अव्वल स्थान प्राप्त किया पर पिता जी ने उन्हें विदेश में रहने की अनुमति नहीं दी l
3. उन्होंने भारतीय सैन्य अकादमी में भर्ती के लिए प्रवेश परीक्षा दी और 1 अक्टूबर 1932 को IMA में उन्हें 40 चयनित कैडेटों के पहले बैच में चुना गया।
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4. भारत सेना प्रमुख मानेकशॉ (भारत), बर्मा सेना प्रमुख स्मिथ डुन (बर्मा) और पाकिस्तान सेना प्रमुख मुहम्मद मुसा (पाकिस्तान), “द पायनियर्स" के नाम से प्रसिद्ध IMA के पहले बैच के ही अधिकारी थे l
5. 1942 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान मानेकशॉ ने बर्मा में 4/12 फ्रंटियर फोर्स रेजिमेंट के कप्तान के रूप में सेवा की । उनकी बहादुरी के लिए उन्हें एक महत्वपूर्ण सम्मान सैन्य क्रॉस(मिलिट्री क्रॉस) से सम्मानित किया गया l
6. सबसे दिलचस्प बात यह है कि उनके पिता ने भी प्रथम विश्व युद्ध के दौरान अपने पुत्र की भांति आर्मी मेडिकल कोर में एक कैप्टन के रूप में अपनी सेवा दी थी l
7. मानेकशॉ के जीवन की सबसे महत्वपूर्ण घटना - 1971 का भारत-पाक युद्ध था l उन्होंने सेना प्रमुख के रूप में भारत पाक युद्ध में भारतीय सेना का नेतृत्व किया और युद्ध में सही योजना और उसके सही कार्यान्वयन के जरिये सफलता प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई l
8. जब प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने मानेकशॉ को 1971 के आरम्भ से युद्ध के लिए तैयार रहने को कहा तो उन्होंने जवाब दिया - "अगर हम अभी युद्ध में जाते हैं, तो मैं आपको 100% हार की गारंटी दे सकता हूं। क्या मैं अपना त्यागपत्र दे दूँ ? इसके अलावा उन्होंने सुझाव दिया कि दिसंबर युद्ध के लिए सही समय है क्योंकि इस समय हिमालय पर अत्यधिक बर्फ के कारण चीनी सैनिक भारत तक नहीं पहुंच पाएंगे । इसी तरह जब इंदिरा गांधी ने उन्हें ढाका जाने और पाकिस्तानी सेना के आत्मसमर्पण को स्वीकार करने के लिए कहा, तो उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया और कहा कि इस सम्मान के अधिकारी पूर्वी भारतीय सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा हैं तथा यह कार्य उन्हीं को सौपा जाना चाहिए l
9. युद्ध की समाप्ति के बाद प्रधानमंत्री ने मानेकशॉ को फील्ड मार्शल के पद पर प्रोन्नत(प्रोमोट) करने का निर्णय लिया l राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में उन्हें यह सम्मान प्रदान किया गया l फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत होने वाले वे पहले भारतीय सेना अधिकारी बने l
10. फील्ड मार्शल सम्मान के अलावा उन्हें कई नागरिक सम्मान जैसे पद्म भूषण, पद्म विभूषण, जनरल सर्विस मेडल, इंडियन इंडपेंडेंस मेडल और इंडिया सर्विस मेडल आदि से सम्मानित किया गया l
अपने कार्यकाल के दौरान सेना के प्रमुख के रूप में उन्होंने भारतीय सेना को युद्ध में सफलता प्राप्त करने की तकनीक से लैस करने की कोशिश की तथा उन्हें समुचित साधन मुहैया कराया l सेना में आरक्षण को लागू होने से रोकने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । भारत के एक अल्पसंख्यक समूह पारसी से सम्बद्ध होने के बावजूद उन्हें ऐसा लगता था कि सेना में आरक्षण लागू करने से कहीं न कही सेना के नियमों और लोकाचार से समझौता करना पड़ेगा l
वेद प्रकाश मलिक के बारे में 5 रोचक तथ्य
1. वह भारतीय सेना के 19वें सेना प्रमुख थे। वे 30 सितम्बर 1997 से 30 सितंबर 2000 तक इस पद पर कार्यरत थे।
2. वे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला के साथ-साथ भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के पूर्व कैडेट थे ।
3. 1999 में पाकिस्तान के साथ हुए कारगिल युद्ध में उन्होंने ऑपरेशन विजय का नेतृत्व किया l अपनी सही रणनीति और योजना के सफल कार्यान्वयन के जरिये पड़ोसी देश पाकिस्तान को पराजित करने में सफलता अर्जित की l
4. 1987 और 1990 के बीच सैन्य संचालन के उप महानिदेशक के रूप में उन्होंने भारतीय शांति रक्षा बल (IPKF) के दो अंतर्राष्ट्रीय अभियान, श्री लंका में ऑपरेशन विन्ड और मालदीव में ऑपरेशन कैक्टस की योजना बनाई और उसका सफल निष्पादन किया l
5. उन्होंने कई किताबें लिखी,जिनमें कारगिल : फ्रॉम सरप्राइज टू विक्ट्री, इंडियाज मिलिट्री कनफ्लिक्ट एंड डिप्लोमैक :एन इनसाइड व्यू ऑफ डिसीजन मेकिंग,ऑपरेशन कैक्टस: ड्रामा इन द मालदीव एवं डिफेन्स प्लानिंग : प्रोब्लेम्स एंड प्रोस्पेक्ट्स प्रमुख हैंl
1932 में अपनी स्थापना के बाद से भारतीय सैन्य अकादमी ने देश की रक्षा को तत्पर रहने वाले बहुत से प्रतिभाशाली कैडेट्स का निर्माण किया l हम चाहते हैं कि एनडीए और सीडीएस के सभी उम्मीदवार फील्ड मार्शल मानेकशॉ और वेद प्रकाश मलिक की उपलब्धियों से प्रेरित होकर देश के लिए बड़ा काम करें।
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